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राजस्थान के अलवर, खैरथल-तिजारा और बहरोड़ के हजारों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए आज का दिन एक बुरी खबर लेकर आया है। सरकार से भुगतान में हो रही लगातार देरी और बिलों में कटौती से नाराज होकर करीब 35 निजी अस्पतालों ने राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (RGHS) के तहत कैशलेस इलाज देना बंद कर दिया है। इस फैसले से स्वास्थ्य सेवाओं पर एक बड़ा संकट खड़ा हो गया है।

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अलवर में स्वास्थ्य सेवाओं पर बड़ा संकट: 35 निजी अस्पतालों ने बंद की RGHS सुविधा, हजारों मरीज परेशान
अलवर में स्वास्थ्य सेवाओं पर बड़ा संकट: 35 निजी अस्पतालों ने बंद की RGHS सुविधा, हजारों मरीज परेशान

राजस्थान के अलवर, खैरथल-तिजारा और बहरोड़ के हजारों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए आज का दिन एक बुरी खबर लेकर आया है। सरकार से भुगतान में हो रही लगातार देरी और बिलों में कटौती से नाराज होकर करीब 35 निजी अस्पतालों ने राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (RGHS) के तहत कैशलेस इलाज देना बंद कर दिया है। इस फैसले से स्वास्थ्य सेवाओं पर एक बड़ा संकट खड़ा हो गया है।

क्यों बंद हुई RGHS की सुविधा?

निजी अस्पताल संचालकों का आरोप है कि सरकार समय पर उनके बिलों का भुगतान नहीं कर रही है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) अलवर के अध्यक्ष डॉ. विजयपाल यादव ने बताया कि लंबे समय से अटके पेमेंट और बिलों में मनमानी कटौती से अस्पताल चलाना मुश्किल हो गया है। उन्होंने कहा, "यह फैसला हमें मजबूरी में लेना पड़ा है। पहले भी हमने विरोध में तीन दिनों के लिए यह सुविधा रोकी थी, तब सरकार ने पूरा भुगतान करने का आश्वासन दिया था, जो आज तक पूरा नहीं हुआ।"

पेंशनर्स और सरकारी कर्मचारियों पर सबसे बड़ी मार

इस फैसले का सबसे गहरा असर उन हजारों मरीजों पर पड़ेगा जो रोजाना इस योजना का लाभ उठाते थे। आंकड़ों के मुताबिक, प्रतिदिन लगभग 2,000 मरीज इन निजी अस्पतालों में RGHS के तहत इलाज करवाते थे।

  • पेंशनर्स की बढ़ी चिंता: बड़ी संख्या में पेंशनर्स अपने इलाज के लिए पूरी तरह से इसी योजना पर निर्भर थे। अब उन्हें इलाज के लिए अपनी जेब से पैसा खर्च करना पड़ेगा।

  • कर्मचारियों के साथ दोहरा झटका: यह फैसला उन सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ा झटका है, जिनकी तनख्वाह से हर महीने RGHS के नाम पर एक निश्चित राशि काटी जाती है। पैसा कटने के बावजूद अब उन्हें कैशलेस इलाज की सुविधा नहीं मिलेगी।

आईएमए की चेतावनी: 'जब तक समाधान नहीं, सुविधा नहीं'

आईएमए ने साफ कर दिया है कि जब तक सरकार भुगतान की प्रक्रिया को सुचारू नहीं करती और कटौती की समस्या का स्थायी समाधान नहीं निकालती, तब तक निजी अस्पतालों में RGHS की सुविधा बहाल नहीं की जाएगी। फिलहाल, सरकार और निजी अस्पतालों के इस गतिरोध के बीच आम मरीज पिस रहा है और अपने इलाज के लिए दर-दर भटकने को मजबूर है।

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