🏮 एल्विश यादव के कार्यक्रम रद्द होने के बाद गरमाया माहौल
🗣️ यादव समाज और हिंदू संगठनों ने फाड़े गोविंदा के पोस्टर
🚫 राजनीतिक दबाव का आरोप, गोविंदा के कार्यक्रम को भी रद्द करने की मांग
❓ प्रशासन पर गरबा आयोजनों को लेकर उठे सवाल
🎤 कांग्रेस ने भी की गोविंदा के कार्यक्रम रद्द करने की मांग
अंबिकापुर में गोविंदा के कार्यक्रम का विरोध: यादव समाज और हिंदू संगठन हुए लामबंद, छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में यू-ट्यूबर एल्विश यादव के गरबा कार्यक्रम के रद्द होने के बाद अब अभिनेता गोविंदा के प्रस्तावित कार्यक्रम को लेकर विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है। यादव समाज और हिंदू संगठनों से जुड़े लगभग 25 से 30 लोगों ने रविवार शाम शहर के मुख्य स्थल घड़ी चौक पर गोविंदा के पोस्टर फाड़े और उन्हें जलाने का प्रयास किया।
विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि एल्विश यादव का कार्यक्रम राजनीतिक दबाव के कारण रद्द किया गया था, जिससे उनके समाज में भारी नाराजगी है। इसी कड़ी में अब गोविंदा के कार्यक्रम को भी रद्द करने की मांग उठाई गई है। प्रदर्शनकारियों ने स्थानीय पुलिस प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर आयोजन को रोकने की अपील की है।अंबिकापुर में गोविंदा के कार्यक्रम का विरोध
गोविंदा के कार्यक्रम पर लोगों ने उठाए सवाल
दरअसल, गोविंदा का गरबा कार्यक्रम सोमवार को शहर के एक निजी होटल में आयोजित होना है। आयोजन समिति ने पहले ही इसकी पुष्टि कर दी थी। इस पूरे घटनाक्रम ने नवरात्रि के गरबा आयोजनों को लेकर शहर में एक नई बहस छेड़ दी है। पहले एल्विश के कार्यक्रम का विरोध किया गया, जिसके कारण कार्यक्रम को रद्द करना पड़ा। वहीं अब गोविंदा के कार्यक्रम पर भी लोग सवाल उठा रहे हैं। ऐसे में देखना होगा कि धार्मिक और सांस्कृतिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए प्रशासन गोविंदा के गरबा कार्यक्रम पर क्या निर्णय लेता है।अंबिकापुर में गोविंदा के कार्यक्रम का विरोध
कांग्रेस ने भी की गोविंदा के कार्यक्रम रद्द करने की मांग
वहीं दूसरी ओर, एल्विश के कार्यक्रम रद्द होने के बाद गोविंदा के कार्यक्रम के हो रहे विरोध में कांग्रेस के जिलाध्यक्ष ने भी अपनी बात रखी है। उन्होंने कहा कि जब एल्विश यादव का कार्यक्रम धार्मिक भावनाओं को देखते हुए रद्द किया गया है, तो गोविंदा के कार्यक्रमों को भी रद्द करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि गोविंदा के कई फिल्मी गाने ऐसे हैं जो अश्लीलता फैलाने से कम नहीं हैं।अंबिकापुर में गोविंदा के कार्यक्रम का विरोध