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सुकमा जिले में बाढ़ के बाद स्वास्थ्य सुरक्षा पर जोर: पेयजल स्रोतों का व्यापक क्लोरीनेशन अभियान
बाढ़ प्रभावित सुकमा में स्वास्थ्य अलर्ट: पेयजल स्रोतों का क्लोरीनेशन जारी, बीमारियों से बचाव की तैयारी!, छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में आई बाढ़ के बाद, जिला प्रशासन ने जनस्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए बड़े स्तर पर क्लोरीनेशन अभियान शुरू किया है। कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव के निर्देशानुसार, जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए यह कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है।
विकासखंडों और नगरीय निकायों में सुरक्षा कवच: सुरक्षित पेयजल सुनिश्चित करने का प्रयास
यह अभियान विशेष रूप से विकास खंड कोंटा, सुकमा और छिंदगढ़ के अंतर्गत आने वाले गांवों तथा नगरीय निकायों में चलाया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य सभी पेयजल स्रोतों को सुरक्षित और प्रदूषण मुक्त बनाना है, ताकि बाढ़ के बाद होने वाली जल-जनित बीमारियों से ग्रामीणों को बचाया जा सके।बाढ़ प्रभावित सुकमा में स्वास्थ्य अलर्ट: पेयजल स्रोतों का क्लोरीनेशन जारी, बीमारियों से बचाव की तैयारी!
17 गांवों के पेयजल स्रोत हुए शुद्ध: लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग सक्रिय
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, विकास खंड कोंटा के बाढ़ प्रभावित गांवों जैसे कोंटा, डोंडरा, चिखलगुड़ा, एर्राबोर, मेंटागुड़ा, बंजामगुड़ा समेत आसपास के अन्य गांवों के हैंडपंपों और कुओं में क्लोरीन दवा का छिड़काव किया जा रहा है। अब तक कुल मिलाकर लगभग 17 गांवों के पेयजल स्रोतों को शुद्ध किया जा चुका है और यह कार्य लगातार जारी है।बाढ़ प्रभावित सुकमा में स्वास्थ्य अलर्ट: पेयजल स्रोतों का क्लोरीनेशन जारी, बीमारियों से बचाव की तैयारी!
बाढ़ग्रस्त इलाकों में स्वच्छ पेयजल सर्वोच्च प्राथमिकता: प्रशासन का बयान
प्रशासन का मानना है कि बाढ़ के बाद पानी में प्रदूषण और संक्रमण की आशंका कई गुना बढ़ जाती है, जिससे डायरिया, हैजा, मलेरिया और टाइफाइड जैसी मौसमी बीमारियाँ तेजी से फैल सकती हैं। ऐसे में पेयजल स्रोतों का क्लोरीनेशन ग्रामीणों की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए एक बेहद आवश्यक कदम है। जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि बाढ़ग्रस्त इलाकों में राहत और पुनर्वास के साथ-साथ स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके लिए नियमित निगरानी की जा रही है ताकि किसी भी गांव में पानी जनित बीमारी का प्रकोप न फैल सके और सभी ग्रामीण स्वस्थ रहें।बाढ़ प्रभावित सुकमा में स्वास्थ्य अलर्ट: पेयजल स्रोतों का क्लोरीनेशन जारी, बीमारियों से बचाव की तैयारी!
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