आज (30 अगस्त) भारतीय घरेलू क्रिकेट के उन दिग्गजों में से एक सुब्रमण्यम बद्रीनाथ का 43वां जन्मदिन है, जिन्हें प्रतिभा की खान माना जाता था, लेकिन अंतरराष्ट्रीय मंच पर किस्मत ने उनका ज्यादा साथ नहीं दिया। चेन्नई में जन्मे इस धुरंधर बल्लेबाज ने घरेलू क्रिकेट में रनों का अंबार लगाया, कई रिकॉर्ड तोड़े, लेकिन टीम इंडिया में उन्हें कभी लंबा मौका नहीं मिल पाया।
Article Body
बद्रीनाथ: घरेलू क्रिकेट के 'रणबांकुरे', टीम इंडिया में किस्मत ने नहीं दिया साथ
मुख्य सुर्खियां:
एस बद्रीनाथ का आज 43वां जन्मदिन.
घरेलू क्रिकेट में 32 शतक और 45 अर्धशतक के साथ 10,245 रन.
विराट कोहली से पहले मिली टीम इंडिया में जगह, लेकिन सिर्फ 2 टेस्ट, 7 वनडे और 1 टी20 खेल पाए.
आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स के अहम खिलाड़ी रहे.
आज (30 अगस्त) भारतीय घरेलू क्रिकेट के उन दिग्गजों में से एक सुब्रमण्यम बद्रीनाथ का 43वां जन्मदिन है, जिन्हें प्रतिभा की खान माना जाता था, लेकिन अंतरराष्ट्रीय मंच पर किस्मत ने उनका ज्यादा साथ नहीं दिया। चेन्नई में जन्मे इस धुरंधर बल्लेबाज ने घरेलू क्रिकेट में रनों का अंबार लगाया, कई रिकॉर्ड तोड़े, लेकिन टीम इंडिया में उन्हें कभी लंबा मौका नहीं मिल पाया।
विराट कोहली से पहले मिली टीम इंडिया में एंट्री
साल 2008 में जब भारतीय टीम श्रीलंका दौरे पर जा रही थी, तब चयनकर्ताओं के सामने सचिन तेंदुलकर की जगह एक बल्लेबाज चुनने की चुनौती थी। मुख्य चयनकर्ता दिलीप वेंगसरकर के पास एस बद्रीनाथ और युवा विराट कोहली के रूप में दो विकल्प थे। वेंगसरकर ने अंडर-19 विश्व कप में कोहली के प्रदर्शन से प्रभावित होकर उन्हें मौका दिया, जिसने भारतीय क्रिकेट की दिशा ही बदल दी। हालांकि, उसी सीरीज में बद्रीनाथ को भी टीम में शामिल किया गया, लेकिन वह मिले मौकों को भुना नहीं पाए।बद्रीनाथ
घरेलू क्रिकेट के 'महाराज', अंतरराष्ट्रीय मंच पर 'गुमनाम'
बद्रीनाथ को भारत के लिए तीनों फॉर्मेट में खेलने का मौका मिला, लेकिन उनका करियर सिर्फ 2 टेस्ट, 7 वनडे और 1 टी20 मैचों तक ही सीमित रहा। 2011 के बाद उन्हें दोबारा कभी राष्ट्रीय टीम में जगह नहीं मिली। वहीं, इसी दौर में विराट कोहली ने लगातार रन बनाते हुए तीनों फॉर्मेट में अपनी जगह पक्की कर ली और एक महान खिलाड़ी के रूप में उभरे।बद्रीनाथ
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भले ही बद्रीनाथ को बड़ी सफलता न मिली हो, लेकिन घरेलू क्रिकेट में उनका नाम दिग्गज बल्लेबाजों में शुमार है। तमिलनाडु के लिए खेलते हुए उन्होंने मध्यक्रम में अपनी एक अलग पहचान बनाई।बद्रीनाथ
आंकड़ों की जुबानी बद्रीनाथ की कहानी
बद्रीनाथ का प्रथम श्रेणी क्रिकेट रिकॉर्ड किसी भी बल्लेबाज के लिए गर्व का विषय हो सकता है। 145 प्रथम श्रेणी मैचों में उन्होंने 32 शतक और 45 अर्धशतक की मदद से कुल 10,245 रन बनाए। वहीं, 144 लिस्ट ए (घरेलू वनडे) मैचों में उन्होंने 6 शतक और 28 अर्धशतक जड़ते हुए 4,164 रन बटोरे।बद्रीनाथ
असमय आगमन और कड़ी प्रतिस्पर्धा
30 अगस्त 1980 को जन्मे बद्रीनाथ ने 28 साल की उम्र में भारतीय टीम के लिए डेब्यू किया था। अगस्त 2018 में उन्होंने क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा कर दी। बद्रीनाथ उन खिलाड़ियों में से थे जिनके पास बेहतरीन तकनीक, अपार संभावनाएं और हर तरह के शॉट्स थे। मैदान पर उनकी चपलता भी देखते ही बनती थी। हालांकि, उनका आगमन ऐसे समय में हुआ जब भारतीय क्रिकेट में प्रतिस्पर्धा अपने चरम पर थी। सीमित मौकों को वह भले ही पूरी तरह से भुना न पाए हों, लेकिन क्रिकेट के गलियारों में उन्हें आज भी एक बेहतरीन और बेजोड़ बल्लेबाज के तौर पर याद किया जाता है।बद्रीनाथ
Dr. Tarachand Chandrakar is a respected journalist with decades of experience in reporting and analysis. His deep knowledge of politics, society, and regional issues brings credibility and authority to Nidar Chhattisgarh. Known for his unbiased reporting and people-focused journalism, he ensures that readers receive accurate and trustworthy news.
Comments