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बीकापुर में जर्जर मकान ढहने से एक की मौत, दो गंभीर रूप से घायल; प्रशासन जांच में जुटा

अयोध्या के बीकापुर में एक पुराने मकान के अचानक ढह जाने से एक व्यक्ति की जान चली गई और दो अन्य घायल हो गए। इस दुखद घटना ने इलाके में सनसनी फैला दी है। पुलिस और प्रशासन मौके पर मौजूद हैं और राहत व बचाव कार्य जारी है।

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अयोध्या, उत्तर प्रदेश: धार्मिक नगरी अयोध्या के बीकापुर इलाके में मंगलवार शाम उस वक्त हड़कंप मच गया, जब एक सदियों पुराना और जर्जर मकान भरभराकर गिर गया। इस दर्दनाक हादसे में एक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना इतनी अचानक हुई कि आसपास के लोगों को पहले लगा कि कोई बड़ा विस्फोट हुआ है, लेकिन पुलिस ने इन अटकलों को सिरे से खारिज करते हुए स्पष्ट किया है कि यह हादसा केवल मकान की खराब स्थिति के कारण हुआ है।

अचानक हुआ हादसा, दहशत का माहौल

मंगलवार की शाम बीकापुर कोतवाली के पास स्थित यह पुराना मकान अचानक ढह गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मकान गिरने की आवाज इतनी तेज थी कि कई किलोमीटर दूर तक सुनाई दी, जिससे इलाके में दहशत का माहौल बन गया। शुरुआती भ्रम में लोगों ने विस्फोट की आशंका जताई, लेकिन मौके पर पहुंची पुलिस और अग्निशमन दल ने त्वरित जांच के बाद इन अफवाहों पर विराम लगा दिया। बीकापुर के पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ) पीयूष कुमार ने मीडिया से बात करते हुए बताया, "यह घटना एक बेहद पुराने और जर्जर मकान के ढहने के कारण हुई है। छत के गिरने से तेज आवाज आई, जिससे लोगों को गलतफहमी हुई। हमारी टीम ने गहनता से जांच की है और विस्फोट जैसा कोई प्रमाण नहीं मिला है।"

राहत और बचाव कार्य में तेजी

हादसे की खबर मिलते ही स्थानीय पुलिस, अग्निशमन विभाग और प्रशासनिक अधिकारी तत्काल घटनास्थल पर पहुंचे। चारों ओर अफरा-तफरी का माहौल था। ग्रामीणों की मदद से तुरंत बचाव अभियान शुरू किया गया। मलबा हटाने के लिए जेसीबी मशीन मंगाई गई। घंटों चले बचाव कार्य के बाद मलबे में दबे तीन लोगों को बाहर निकाला जा सका।

मृतक की पहचान और घायलों की स्थिति

सभी घायलों को तुरंत पास के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) बीकापुर ले जाया गया। दुखद रूप से, चिकित्सकों ने वहां एक व्यक्ति को मृत घोषित कर दिया। अन्य दो घायलों की हालत गंभीर बनी हुई है, जिन्हें प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया है। फिलहाल मृतक की पहचान और घायलों के बारे में विस्तृत जानकारी का इंतजार है, हालांकि स्थानीय सूत्रों से पता चला है कि सभी प्रभावित लोग घटनास्थल के आसपास के ही निवासी हैं।

प्रशासनिक अमला सक्रिय, जांच के आदेश

हादसे की गंभीरता को देखते हुए मुख्य अग्निशमन अधिकारी, पुलिस क्षेत्राधिकारी, बीकापुर और तारुन के नायब तहसीलदार सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। प्रशासनिक अधिकारियों ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और प्रभावित परिवार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। प्रशासन ने इस दुखद घटना के कारणों की विस्तृत जांच के आदेश भी दिए हैं। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि मकान काफी पुराना था और उसकी मरम्मत नहीं की गई थी, जिसके चलते यह हादसा हुआ। हालांकि, इस बात की भी जांच की जाएगी कि क्या मकान मालिक या किसी अन्य पक्ष की ओर से कोई लापरवाही हुई है।

पुरानी इमारतों की सुरक्षा पर सवाल

यह घटना एक बार फिर से पुराने और जर्जर हो चुके मकानों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करती है। अक्सर देखा जाता है कि शहरी और ग्रामीण दोनों ही इलाकों में ऐसी कई इमारतें होती हैं जो अपनी उम्र पूरी कर चुकी होती हैं, लेकिन उनमें लोग रहते रहते हैं। मॉनसून या अन्य प्राकृतिक आपदाओं के दौरान ऐसी इमारतें जानलेवा साबित हो सकती हैं। स्थानीय नगर निकायों और ग्राम पंचायतों की यह जिम्मेदारी बनती है कि वे अपने क्षेत्राधिकार में ऐसी जर्जर इमारतों की पहचान करें और समय रहते उन्हें खाली कराने या मरम्मत कराने के लिए उचित कदम उठाएं।

भविष्य की चुनौतियां और सबक

बीकापुर की यह घटना एक त्रासदी है, लेकिन यह भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण सबक भी देती है। प्रशासन को चाहिए कि वह न केवल इस घटना की गहन जांच करे, बल्कि पूरे जिले में जर्जर इमारतों का सर्वेक्षण कराकर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करे। लोगों को भी अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा के प्रति जागरूक होना होगा। कई बार लोग जोखिम भरे मकानों में केवल इस उम्मीद में रहते हैं कि कुछ नहीं होगा, लेकिन यह हादसा दिखाता है कि एक पल की लापरवाही कितनी भारी पड़ सकती है। स्थानीय मीडिया और सामाजिक संगठनों को भी इस मुद्दे पर जन जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

अयोध्या का यह दुखद हादसा एक बार फिर हमें याद दिलाता है कि विकास के साथ-साथ सुरक्षा मानकों का पालन करना कितना महत्वपूर्ण है। उम्मीद है कि इस घटना से सबक लिया जाएगा और भविष्य में ऐसी जानलेवा दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।

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Dr. Tarachand Chandrakar

Senior Journalist & Editor, Nidar Chhattisgarh

Dr. Tarachand Chandrakar is a respected journalist with decades of experience in reporting and analysis. His deep knowledge of politics, society, and regional issues brings credibility and authority to Nidar Chhattisgarh. Known for his unbiased reporting and people-focused journalism, he ensures that readers receive accurate and trustworthy news.

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