गोठान में गायों की मौत का सिलसिला: निगम पर गंभीर सवाल
बिलासपुर गोठान में गायों की संदिग्ध मौतें: भूख-प्यास और लापरवाही का आरोप! जहां एक तरफ सड़कों पर वाहनों की चपेट में आकर मवेशियों की मौत आम बात हो गई थी, वहीं अब छत्तीसगढ़ के बिलासपुर नगर निगम के मोपका गोठान से भी चौंकाने वाली खबरें सामने आ रही हैं। पिछले सप्ताह भर में इस गोठान में आधा दर्जन से ज़्यादा गायों ने भूख और प्यास के कारण दम तोड़ दिया है, जिससे निगम प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
वायरल वीडियो से खुलासे: ऑटो में भरकर हटाए गए शव
मृत गायों के शवों को जल्दबाज़ी में ऑटो में भरकर हटवाते हुए एक वीडियो भी वायरल हुआ है, जिसने पूरे मामले को और गरमा दिया है। वीडियो में दिख रहा है कि जिस समय शव हटाए जा रहे थे, उसी समय एक मवेशी शेड के भीतर तड़प रहा था, लेकिन न तो उसे देखने वाला कोई था और न ही इलाज की कोई व्यवस्था। गोठान में लगातार हो रही गायों की मौतें, चारा-पानी की कमी और इलाज के अभाव ने निगम की लापरवाही को उजागर कर दिया है।बिलासपुर गोठान में गायों की संदिग्ध मौतें: भूख-प्यास और लापरवाही का आरोप!
हर दूसरे दिन दम तोड़ रहे मवेशी: बदहाल व्यवस्था का सच
मोपका गोठान की स्थिति इतनी खराब है कि वहां लगभग 40-50 गायों के लिए न तो पर्याप्त चारा है और न ही पीने का पानी। चौकीदार ने एक कमरे में सिर्फ 2-3 किलो दाना दिखाया और बताया कि स्टॉक खत्म हो गया है। गोठान में साफ-सफाई की भी कोई व्यवस्था नहीं है, और मवेशी खुले में बीमार और तड़पते हुए दिखाई दे रहे हैं। चौकीदार ने खुद स्वीकार किया है कि हर एक-दो दिन में यहां मवेशियों की मौत हो रही है।बिलासपुर गोठान में गायों की संदिग्ध मौतें: भूख-प्यास और लापरवाही का आरोप!
गाय छुड़ाने के नाम पर अवैध वसूली और बिना रसीद के शुल्क
गोठान में अपनी गाय छुड़ाने पहुंचे कुछ लोगों ने बताया कि उनसे 800 रुपये वसूले गए, लेकिन स्टाफ ने और पैसों की मांग की। इसके अलावा, एक दिन का 150 रुपये चार्ज भी लिया जा रहा है। सवाल यह उठता है कि जब निगम इन मवेशियों को गोठान में रख रहा है, तो गाय मालिकों से यह जबरन वसूली क्यों की जा रही है, और वह भी बिना किसी रसीद के?बिलासपुर गोठान में गायों की संदिग्ध मौतें: भूख-प्यास और लापरवाही का आरोप!
नगर निगम आयुक्त का बयान: एक गाय की मौत, पीएम कराया गया
बिलासपुर नगर निगम आयुक्त अमित कुमार ने बताया कि दो-तीन दिन पहले गोठान में एक गाय की मौत हुई थी, जिसका पशु चिकित्सक से पोस्टमार्टम कराया गया है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि गोठान के 50 बैलों को आदिवासी क्षेत्र के ज़रूरतमंद लोगों को देने का निर्णय लिया गया है, ताकि उनका उपयोग हो सके और उनकी उचित देखरेख भी हो पाए।बिलासपुर गोठान में गायों की संदिग्ध मौतें: भूख-प्यास और लापरवाही का आरोप!
यह पूरा मामला निगम की पशु देखभाल नीति और गोठानों के प्रबंधन पर कई प्रश्नचिह्न लगाता है, और तत्काल प्रभाव से सुधार की मांग करता है।बिलासपुर गोठान में गायों की संदिग्ध मौतें: भूख-प्यास और लापरवाही का आरोप!