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आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में संतुलित आहार के बावजूद कई लोगों में विटामिन और मिनरल्स की कमी देखी जाती है। ऐसे में डॉक्टर अक्सर सप्लीमेंट्स लेने की सलाह देते हैं, खासकर लंबी बीमारी से उबरने के बाद शरीर को ताकत देने के लिए। लेकिन, जब लोग अपनी मर्जी से, बिना किसी डॉक्टरी सलाह के, मल्टीविटामिन या हर्बल सप्लीमेंट लेना शुरू कर देते हैं, तो यह खतरनाक हो सकता है।

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बिना डॉक्टरी सलाह के विटामिन सप्लीमेंट लेना कितना सही? जानिए एक्सपर्ट की राय
बिना डॉक्टरी सलाह के विटामिन सप्लीमेंट लेना कितना सही? जानिए एक्सपर्ट की राय

बिना डॉक्टरी सलाह के विटामिन सप्लीमेंट लेना कितना सही? जानिए एक्सपर्ट की राय, आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में संतुलित आहार के बावजूद कई लोगों में विटामिन और मिनरल्स की कमी देखी जाती है। ऐसे में डॉक्टर अक्सर सप्लीमेंट्स लेने की सलाह देते हैं, खासकर लंबी बीमारी से उबरने के बाद शरीर को ताकत देने के लिए। लेकिन, जब लोग अपनी मर्जी से, बिना किसी डॉक्टरी सलाह के, मल्टीविटामिन या हर्बल सप्लीमेंट लेना शुरू कर देते हैं, तो यह खतरनाक हो सकता है।

क्यों जरूरी है डॉक्टर को बताना?
यदि आप किसी अन्य बीमारी के इलाज के लिए दूसरे डॉक्टर के पास जाते हैं, तो उन्हें यह बताना बेहद ज़रूरी है कि आप कौन-कौन से सप्लीमेंट्स और दवाएं ले रहे हैं। यह जानकारी आपके इलाज को सुरक्षित और प्रभावी बनाने के लिए महत्वपूर्ण है।

किन सप्लीमेंट्स की जानकारी देना है आवश्यक?
आपको अपने डॉक्टर को उन सभी सप्लीमेंट्स की सही जानकारी देनी चाहिए जो आप अपनी मर्जी से ले रहे हैं। इनमें शामिल हैं:

  • एलर्जी की दवाएं

  • हर्बल सप्लीमेंट

  • मल्टीविटामिन और अन्य विटामिन सप्लीमेंट

  • मिनरल सप्लीमेंट

  • पेनकिलर्स (दर्द निवारक)

  • ओवर-द-काउंटर दवाएं (जो बिना प्रिस्क्रिप्शन के मिलती हैं)

ये सप्लीमेंट्स कभी-कभी डॉक्टर द्वारा लिखी गई दवाओं के असर को कम कर सकते हैं या उनके साथ मिलकर हानिकारक प्रभाव डाल सकते हैं।

सप्लीमेंट्स कैसे प्रभावित कर सकते हैं आपके स्वास्थ्य को?

  • विटामिन K: यह ब्लड थिनर (खून पतला करने वाली) दवाओं के असर को कम कर सकता है, जिससे खून के थक्के जमने का खतरा बढ़ सकता है।

  • विटामिन C और E: कैंसर के मरीजों में ये सप्लीमेंट्स कीमोथैरेपी की दवाओं के असर को कमजोर कर सकते हैं।

  • ब्लड क्लॉटिंग डिसऑर्डर: कई सप्लीमेंट खून को जमने से रोकते हैं, जिससे ब्लीडिंग (रक्तस्राव) का खतरा बढ़ जाता है, खासकर सर्जरी से पहले या अगर आप पहले से ही ब्लड थिनर ले रहे हैं।

  • एलर्जी: हर्बल सप्लीमेंट छिपी हुई एलर्जी को ट्रिगर या और गंभीर बना सकते हैं।

  • गर्भावस्था: कुछ सप्लीमेंट गर्भावस्था के दौरान असुरक्षित हो सकते हैं और मां व बच्चे दोनों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

जरूरत से ज्यादा सप्लीमेंट भी खतरनाक
सिर्फ कमी पूरी करने के लिए ही नहीं, बल्कि जरूरत से ज्यादा सप्लीमेंट्स लेना भी हानिकारक हो सकता है:

  • विटामिन A: अधिक मात्रा में लेने पर हड्डियां कमजोर हो सकती हैं और लीवर को नुकसान हो सकता है।

  • विटामिन B6: इसकी अधिक खुराक नसों को नुकसान पहुंचा सकती है, जिससे संतुलन बिगड़ सकता है और हाथों-पैरों में झुनझुनी या सुन्नपन महसूस हो सकता है।

  • विटामिन D: ओवरडोज से खून में कैल्शियम का स्तर बढ़ जाता है (हाइपरकैल्सीमिया), जिसका हृदय और किडनी पर बुरा असर पड़ सकता है।

क्या करें?

  • अपने डॉक्टर को हर उस दवा और सप्लीमेंट का नाम बताएं जो आप ले रहे हैं।

  • यह भी स्पष्ट करें कि आप उन्हें क्यों ले रहे हैं और कितने समय से ले रहे हैं।

  • सही खुराक की जानकारी दें।

  • अपॉइंटमेंट पर दवाओं की स्ट्रिप्स या शीशियां अपने साथ ले जाएं ताकि डॉक्टर सही जानकारी देख सकें।

अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ न करें। कोई भी सप्लीमेंट लेने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर या फार्मासिस्ट से सलाह लें।

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