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बलौदाबाजार : खरसिया-नया रायपुर-परमालकसा (278 किमी) महत्वाकांक्षी रेल लाइन परियोजना से प्रभावित किसानों और भूमि मालिकों के लिए एक महत्वपूर्ण खबर सामने आई है. बलौदाबाजार कलेक्टर दीपक सोनी ने एक आदेश जारी कर उन खसरा नंबरों पर से खरीदी-बिक्री का प्रतिबंध हटा दिया है, जो इस परियोजना की 5वीं और 6वीं लाइन के प्रस्तावित मार्ग के 150 मीटर दायरे से बाहर आते हैं. इस निर्णय से उन हजारों लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है, जिनकी जमीनें सीधे तौर पर प्रभावित नहीं थीं, लेकिन प्रतिबंध के कारण वे भी अपनी संपत्ति का निपटान नहीं कर पा रहे थे.
क्या है पूरा मामला और नया आदेश?
दरअसल, खरसिया-नया रायपुर-परमालकसा रेल लाइन परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण (भू-अर्जन) के कार्य को सुगम बनाने हेतु बलौदाबाजार जिले के 36 गांवों में स्थित भूमियों की खरीदी-बिक्री पर पूर्व में प्रतिबंध लगा दिया गया था. यह प्रतिबंध परियोजना के संभावित मार्ग और उसके आसपास के क्षेत्रों पर लागू था, ताकि भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में बाधा न आए और अवैध सौदों को रोका जा सके.
मंगलवार को कलेक्टर दीपक सोनी द्वारा जारी संशोधित आदेश के अनुसार, अब प्रभावित 36 ग्रामों के उन सभी खसरा नंबरों पर से प्रतिबंध हटा दिया गया है, जो प्रस्तावित रेल लाइन के '150 मीटर परिधि से बाहर' स्थित हैं. यह संशोधन दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे, बिलासपुर के उप मुख्य अभियंता के प्रस्ताव पर विचार करने के बाद किया गया है.
प्रतिबंध यथावत, जहां सीधी जरूरत
हालांकि, यह स्पष्ट किया गया है कि रेल लाइन के लिए सूचीबद्ध खसरा नंबरों और उनके 'चारों ओर 150 मीटर की परिधि' में आने वाली भूमियों पर खरीदी-बिक्री, नामांतरण, बटवारा, व्यपवर्तन (डायवर्सन), निर्माण कार्य एवं अन्य लाभप्रद गतिविधियों पर रोक आगामी आदेश तक यथावत बनी रहेगी. यह वह क्षेत्र है जिसकी सीधे तौर पर परियोजना के लिए आवश्यकता पड़ने की संभावना है. इस क्षेत्र में अभी भी किसी भी प्रकार के भूमि संबंधी लेनदेन या परिवर्तन पर सख्त पाबंदी रहेगी ताकि परियोजना का कार्य निर्बाध रूप से आगे बढ़ सके.
प्रभावित गांवों की सूची
यह आदेश बलौदाबाजार अनुभाग के 22 गांवों और पलारी अनुभाग के 14 गांवों सहित कुल 36 ग्रामों पर लागू होता है. इन गांवों में शामिल हैं:
बलौदाबाजार अनुभाग: धनगांव, ताराशिव, अमलकुंडा, मिश्राईनडीह, भदरा, सुढ़ेली, सेमराडीह, खैदा, बिटकुली, छुईहा, पनगांव, मगरचबा, सकरी, गोडखपरी, दशरमा, रिसदा, पुरान, ठेलकी, खम्हरिया, चांपा, पौसरी, भरूवाडीह.
पलारी अनुभाग: सैहा, गुमा, गितकेरा, अमलीडीह, चुचरूगंपुर, छिराही, गाड़ाभाठा, सरकीपार, खपरी, परसवानी, छेरकाडीह, रेंगाडीह, मुसवाडीह, जारा.
कलेक्टर सोनी ने यह भी स्पष्ट किया है कि रोक हटाए गए खसरा नंबरों की विस्तृत और अद्यतन सूची संबंधित राजस्व अनुभाग कार्यालयों में उपलब्ध करा दी गई है. इससे भूमि मालिकों और इच्छुक खरीदारों को सटीक जानकारी प्राप्त करने में मदद मिलेगी.
निर्णय के निहितार्थ और आगे की राह
इस संशोधन से उन भूमि मालिकों को बड़ी राहत मिलेगी जो अपनी गैर-प्रभावित संपत्तियों को बेचना या उनमें निवेश करना चाहते थे, लेकिन प्रतिबंध के कारण अटके हुए थे. यह निर्णय परियोजना के लिए आवश्यक भूमि अधिग्रहण को बाधित किए बिना, आम जनता के हितों और उनके संपत्ति के अधिकारों के बीच संतुलन साधने का प्रयास प्रतीत होता है.
खरसिया-नया रायपुर-परमालकसा रेल लाइन परियोजना छत्तीसगढ़ के लिए एक महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट है, जो राज्य में कनेक्टिविटी और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देगा. ऐसे में, भूमि अधिग्रहण जैसी जटिल प्रक्रियाओं को सावधानी और संवेदनशीलता के साथ निपटाना आवश्यक है. उम्मीद है कि इस आंशिक प्रतिबंध हटने के बाद, परियोजना का कार्य भी तेजी से आगे बढ़ेगा और प्रभावित लोगों को भी जल्द से जल्द उचित मुआवजा मिल पाएगा.
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