छत्तीसगढ़ के नगरीय निकायों में एक बड़े वित्तीय घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। राज्य सरकार द्वारा कराए गए ऑडिट में 163 करोड़ रुपये की भारी-भरकम गड़बड़ी सामने आई है। विधानसभा पटल पर रखी गई ऑडिट रिपोर्ट के बाद से ही नगरीय प्रशासन विभाग में हड़कंप मचा हुआ है और संबंधित अधिकारियों को अब जवाब देना मुश्किल हो रहा है।
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CG Big Breaking: निकायों में 163 करोड़ की वित्तीय गड़बड़ी, ऑडिट रिपोर्ट से मचा हड़कंप, अधिकारियों के छूटे पसीने
छत्तीसगढ़ के नगरीय निकायों में एक बड़े वित्तीय घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। राज्य सरकार द्वारा कराए गए ऑडिट में 163 करोड़ रुपये की भारी-भरकम गड़बड़ी सामने आई है। विधानसभा पटल पर रखी गई ऑडिट रिपोर्ट के बाद से ही नगरीय प्रशासन विभाग में हड़कंप मचा हुआ है और संबंधित अधिकारियों को अब जवाब देना मुश्किल हो रहा है।
क्या है पूरा मामला?
राज्य सरकार नगरीय निकायों में होने वाले मनमाने खर्च, वित्तीय लापरवाही और अनियमितताओं पर लगाम लगाने के लिए नियमित रूप से ऑडिट करवाती है। हाल ही में विधानसभा में पेश की गई वार्षिक प्रतिवेदन 2023-24 की रिपोर्ट में कुल 50 गंभीर ऑडिट आपत्तियां पाई गई हैं, जिनकी कुल राशि 163 करोड़ रुपये है। चिंता की बात यह है कि ये गड़बड़ियां साल 2014-15 से चली आ रही हैं, जिस वजह से अधिकारियों को पुराने दस्तावेज खंगालने में पसीने छूट रहे हैं।
विभाग ने जारी किया पत्र, मांगा जवाब
मामले की गंभीरता को देखते हुए नगरीय प्रशासन विभाग के संचालक ने सभी नगर निगम आयुक्तों, नगर पालिका परिषदों और नगर पंचायतों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को एक सख्त पत्र जारी किया है। इस पत्र में सभी निकायों से आपत्ति का विवरण, वित्तीय वर्ष और उसके निराकरण की स्थिति पर तत्काल जानकारी मांगी गई है। यह पूरी रिपोर्ट विधानसभा की स्थानीय निकाय एवं पंचायती राज लेखासमिति के सामने प्रस्तुत की जानी है।
इन निकायों पर गिरी गाज
ऑडिट रिपोर्ट में कई बड़े और छोटे शहरों के निकायों के नाम शामिल हैं, जहाँ ये वित्तीय अनियमितताएं पाई गई हैं:
नगर निगम: रायपुर
नगर पालिका परिषद: तखतपुर, बीजापुर, कोंडागांव, बलौदाबाजार, सूरजपुर
नगर पंचायत: थानखम्हरिया, कोटा, बलोद (जांजगीर-चांपा), सरगांव, पेंड्रा
कहाँ हुई कितनी गड़बड़ी? (आपत्तियों का विवरण)
ऑडिट में विभिन्न प्रकार की अनियमितताएं सामने आई हैं, जिनका संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है:
बकाया कर और शुल्क जमा न करना: 13 मामले (राशि: 20.33 करोड़ रुपये)
हानि और क्षति संबंधी: 02 मामले (राशि: 13.44 लाख रुपये)
गबन (Embezzlement) संबंधी: 02 मामले (राशि: 81 हजार रुपये)
निर्माण कार्यों में गड़बड़ी: 01 मामला (राशि: 86.79 लाख रुपये)
असमायोजित अग्रिम राशि: 01 मामला (राशि: 18.44 लाख रुपये)
स्थापना (Establishment) संबंधी: 01 मामला (राशि: 10.73 लाख रुपये)
रिकॉर्ड उपलब्ध न कराना: 06 मामले (राशि: 4.90 करोड़ रुपये)
अन्य विविध आपत्तियां: 19 मामले (राशि: 135.62 करोड़ रुपये)
इस रिपोर्ट ने छत्तीसगढ़ के नगरीय निकायों की कार्यप्रणाली और वित्तीय पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना यह होगा कि अधिकारी इन पुरानी गड़बड़ियों पर क्या जवाब देते हैं और सरकार इस पर क्या कार्रवाई करती है।
Dr. Tarachand Chandrakar is a respected journalist with decades of experience in reporting and analysis. His deep knowledge of politics, society, and regional issues brings credibility and authority to Nidar Chhattisgarh. Known for his unbiased reporting and people-focused journalism, he ensures that readers receive accurate and trustworthy news.
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