ध्वनि प्रदूषण पर नकेल: हाईकोर्ट के सख्त निर्देश
CG News: ध्वनि प्रदूषण पर हाईकोर्ट का कड़ा रुख, CCTV फुटेज सुरक्षित रखने के आदेश, छत्तीसगढ़ में बढ़ते ध्वनि प्रदूषण, खासकर डीजे और साउंड बॉक्स से होने वाले शोर पर नियंत्रण के लिए हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं। कोर्ट ने कहा है कि नियमों के उल्लंघन का पता लगाने के लिए सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित रखा जाए। यह कदम ध्वनि प्रदूषण को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
मुख्य सचिव को कड़े अनुपालन सुनिश्चित करने के आदेश
हाईकोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव को इन निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने और सभी आवश्यक कार्रवाई करने का आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को निर्धारित है, जिससे पता चलता है कि कोर्ट इस मुद्दे पर लगातार निगरानी रख रहा है।
त्योहारों के दौरान CCTV फुटेज का संरक्षण
सुनवाई के दौरान, राज्य शासन के अधिवक्ता ने सुझाव दिया कि त्योहारों और मूर्तियों के विसर्जन से संबंधित जुलूसों के दौरान विशिष्ट तिथियों पर सीसीटीवी फुटेज का संरक्षण सुनिश्चित किया जाना चाहिए। कोर्ट ने इस सुझाव पर सहमति व्यक्त की और मुख्य सचिव को पूर्व में शासन द्वारा प्रस्तुत शपथ-पत्र का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
कोलाहल एक्ट में संशोधन की प्रक्रिया जारी
राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया है कि कोलाहल एक्ट के प्रावधानों में आवश्यक संशोधन किए जा रहे हैं ताकि इसे और प्रभावी बनाया जा सके। इस संबंध में 29 मई को हुई बैठक में विधि विभाग ने अपनी राय प्रस्तुत की, जिसके बाद छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण बोर्ड (CECB) को कोलाहल नियंत्रण अधिनियम, 1985 में आवश्यक संशोधनों का मसौदा प्रस्तावित करने का निर्देश दिया गया।
संशोधनों का मसौदा तैयार और समीक्षा
CECB ने प्रस्तावित संशोधनों का मसौदा तैयार कर 13 अगस्त 2025 को सचिव, आवास एवं पर्यावरण को भेजा। 14 अगस्त को हुई बैठक में समिति के सदस्यों ने इस मसौदे की समीक्षा की। विभिन्न विभागों से अनुरोध किया गया कि वे अपने-अपने सचिवों से अंतिम अनुमोदन और टिप्पणियां प्राप्त कर अगली बैठक में प्रस्तुत करें।
संशोधनों को अंतिम रूप देने में समय
15 सितंबर को हुई बैठक के निष्कर्ष के अनुसार, गृह विभाग के प्रतिनिधि ने बताया कि प्रस्तावित संशोधनों को अंतिम रूप देने के लिए अतिरिक्त समय की आवश्यकता है।
रायपुर में 783 कैमरे और प्रभावी निगरानी
कोर्ट को यह जानकारी भी दी गई कि रायपुर जिले में त्योहारों के दौरान कुल 783 कैमरे लगाए गए हैं। यह तर्क दिया गया कि कोलाहल अधिनियम, 1985 और ध्वनि प्रदूषण विनियमन एवं नियंत्रण नियम, 2000 के तहत ध्वनि प्रदूषण उल्लंघनों की प्रभावी निगरानी की जा सकती है। कोर्ट ने इससे सहमति जताई और फुटेज सुरक्षित रखने के निर्देश दिए।
ध्वनि प्रदूषण उल्लंघन पर कार्रवाई
19 सितंबर की सुनवाई के दौरान, बिलासपुर एसपी द्वारा एक शपथपत्र प्रस्तुत किया गया था, जिसमें जिला प्रशासन द्वारा कोलाहल नियंत्रण अधिनियम, 1985 के तहत ध्वनि प्रदूषण के उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ की गई कार्रवाई का उल्लेख था।
समिति का गठन और तुलनात्मक विश्लेषण
कोर्ट के आदेशानुसार, राज्य सरकार ने 27 जनवरी को गृह विभाग, विधि विभाग और नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के प्रतिनिधियों की 5 सदस्यीय समिति का गठन किया। इस समिति का कार्य कोलाहल अधिनियम, 1985 और ध्वनि प्रदूषण (विनियमन एवं नियंत्रण) नियम, 2000 का तुलनात्मक विश्लेषण करना और कोलाहल अधिनियम, 1985 में उपयुक्त संशोधन सुझाना था।