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छत्तीसगढ़ में बड़ा खुलासा: सरकारी देशी शराब भी निकली 'मिसब्रांड', पीने से पहले हो जाएं सावधान!

छत्तीसगढ़ में बड़ा खुलासा: सरकारी देशी शराब भी निकली 'मिसब्रांड', पीने से पहले हो जाएं सावधान! हाल ही में छत्तीसगढ़ में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां सरकारी देशी शराब की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। एक नमूने की जांच में देशी शराब 'अमानक' पाई गई है, जिसमें छोटे-छोटे माइक्रो पार्टिकल्स (सूक्ष्म कण) मिले हैं। यह खबर उन लोगों के लिए चिंताजनक है जो देशी शराब का सेवन करते हैं, क्योंकि ऐसे मिलावटी उत्पाद स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकते हैं।

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रायपुर : छत्तीसगढ़ में बड़ा खुलासा: सरकारी देशी शराब भी निकली 'मिसब्रांड', पीने से पहले हो जाएं सावधान! हाल ही में छत्तीसगढ़ में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां सरकारी देशी शराब की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। एक नमूने की जांच में देशी शराब 'अमानक' पाई गई है, जिसमें छोटे-छोटे माइक्रो पार्टिकल्स (सूक्ष्म कण) मिले हैं। यह खबर उन लोगों के लिए चिंताजनक है जो देशी शराब का सेवन करते हैं, क्योंकि ऐसे मिलावटी उत्पाद स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकते हैं।

मुख्य बिंदु:

  • देशी शराब में मिलावट: नमूने में छोटे माइक्रो पार्टिकल्स पाए गए, जो शराब को अमानक बनाते हैं।

  • स्वास्थ्य जोखिम: ऐसी शराब का सेवन जानलेवा साबित हो सकता है।

  • जांच रिपोर्ट में देरी: खाद्य पदार्थों की जांच रिपोर्ट आने में डेढ़ से दो महीने का समय लग रहा है, जिससे मिलावटखोरों को फायदा हो रहा है।

  • त्योहारी सीजन में खतरा: मिलावटी खाद्य सामग्री और शराब खुलेआम बिक रही है, जिससे उपभोक्ताओं का स्वास्थ्य खतरे में है।

  • एकमात्र लैब एनालिस्ट: पूरे प्रदेश की खाद्य पदार्थों की जांच की जिम्मेदारी राजधानी में स्थित एकमात्र लैब एनालिस्ट के कंधों पर है, जो कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर कार्यरत हैं।

त्योहारी सीजन की शुरुआत के साथ ही बाजारों में रौनक बढ़ गई है, लेकिन इसी के साथ मिलावटखोरी का खतरा भी मंडरा रहा है। खाद्य एवं औषधि विभाग की जिम्मेदारी है कि वह खाद्य सामग्री की गुणवत्ता सुनिश्चित करे, लेकिन जांच रिपोर्टों में हो रही देरी इस प्रक्रिया को कमजोर कर रही है। विभाग द्वारा लिए गए नमूनों की रिपोर्ट राजधानी स्थित लैब से आने में डेढ़ से दो महीने का समय लग रहा है, जिससे मिलावटखोरों पर नकेल कसना मुश्किल हो रहा है।छत्तीसगढ़ में बड़ा खुलासा: सरकारी देशी शराब भी निकली 'मिसब्रांड', पीने से पहले हो जाएं सावधान!

सरकारी शराब की गुणवत्ता पर सवाल:
चौंकाने वाली बात यह है कि जिस शराब को अक्सर खराब माना जाता है, वही शराब सरकार द्वारा और भी घटिया स्तर की बेची जा रही है। राहौद स्थित देशी शराब दुकान से लिए गए नमूने में देशी शराब अमानक निकली है, जिसमें माइक्रो पार्टिकल्स मिले हैं। रायपुर की लैब में हुए इस खुलासे ने उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। ऐसे में शराब पीने वालों को अत्यधिक सावधानी बरतने की जरूरत है।छत्तीसगढ़ में बड़ा खुलासा: सरकारी देशी शराब भी निकली 'मिसब्रांड', पीने से पहले हो जाएं सावधान!

जांच प्रक्रिया में खामियां:
सरकार भले ही मिलावट रोकने के लिए सैंपलिंग और जांच करवाती है, लेकिन रिपोर्ट में देरी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। रक्षाबंधन जैसे त्योहारों पर लिए गए नमूनों की रिपोर्ट डेढ़ महीने बाद भी नहीं आई है। यदि रिपोर्ट समय पर आ जाए, तो लोग जागरूक हो सकते हैं और मिलावटी उत्पादों के सेवन से बच सकते हैं। देरी का फायदा उठाकर मिलावटखोर त्योहारों के दौरान अपनी घटिया सामग्री आसानी से बेच लेते हैं।छत्तीसगढ़ में बड़ा खुलासा: सरकारी देशी शराब भी निकली 'मिसब्रांड', पीने से पहले हो जाएं सावधान!

लैब की क्षमता पर प्रश्नचिह्न:
जानकारी के अनुसार, पूरे छत्तीसगढ़ में केवल रायपुर में ही एक राज्य खाद्य प्रयोगशाला है, जहां प्रदेश भर के खाद्य पदार्थों की जांच की जाती है। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि इस लैब में एकमात्र लैब एनालिस्ट कार्यरत हैं, वह भी कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर और रिटायरमेंट के बाद काम कर रहे हैं। इतने बड़े प्रदेश की खाद्य सुरक्षा का जिम्मा एक अकेले व्यक्ति पर होना, जांच प्रक्रिया की धीमी गति का एक प्रमुख कारण है।छत्तीसगढ़ में बड़ा खुलासा: सरकारी देशी शराब भी निकली 'मिसब्रांड', पीने से पहले हो जाएं सावधान!

अन्य अमानक उत्पाद:
शराब के अलावा, होली से पहले लिए गए 50-60 नमूनों में से कई फेल पाए गए हैं। इनमें रीत होटल की वेज बिरयानी भी अमानक निकली है। इन सभी मामलों को एडीएम कोर्ट में भेजा गया है, जहां जुर्माना लगाने की कार्रवाई की जाएगी।छत्तीसगढ़ में बड़ा खुलासा: सरकारी देशी शराब भी निकली 'मिसब्रांड', पीने से पहले हो जाएं सावधान!

खाद्य सुरक्षा अधिकारी अपर्णा आर्या का बयान:
खाद्य सुरक्षा अधिकारी अपर्णा आर्या ने बताया कि वे लगातार जिले में खाद्य सामग्री की जांच कर रहे हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि परीक्षण केंद्र से रिपोर्ट आने में देरी होती है। रिपोर्ट आने के बाद फेल होने की स्थिति में कोर्ट में केस लगाया जाता है।छत्तीसगढ़ में बड़ा खुलासा: सरकारी देशी शराब भी निकली 'मिसब्रांड', पीने से पहले हो जाएं सावधान!

उपभोक्ताओं से अपील:
त्योहारी सीजन में खरीदारी करते समय उपभोक्ताओं को अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। किसी भी संदिग्ध खाद्य पदार्थ या पेय की जानकारी तुरंत खाद्य एवं औषधि विभाग को दें ताकि मिलावटखोरी पर अंकुश लगाया जा सके और जन स्वास्थ्य की रक्षा हो सके।छत्तीसगढ़ में बड़ा खुलासा: सरकारी देशी शराब भी निकली 'मिसब्रांड', पीने से पहले हो जाएं सावधान!

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Dr. Tarachand Chandrakar

Senior Journalist & Editor, Nidar Chhattisgarh

Dr. Tarachand Chandrakar is a respected journalist with decades of experience in reporting and analysis. His deep knowledge of politics, society, and regional issues brings credibility and authority to Nidar Chhattisgarh. Known for his unbiased reporting and people-focused journalism, he ensures that readers receive accurate and trustworthy news.

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