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छत्तीसगढ़ में ब्रांडेड रेस्टोरेंट अब परोसेंगे विदेशी शराब: नई आबकारी नीति का बड़ा बदलाव, छत्तीसगढ़ के खाने-पीने और मौज-मस्ती के शौकीनों के लिए बड़ी खबर है! राज्य सरकार अपनी नई आबकारी नीति में महत्वपूर्ण बदलाव करने जा रही है, जिसके तहत ब्रांडेड रेस्टोरेंट और बार को भोजन के साथ विदेशी शराब परोसने का लाइसेंस मिल सकेगा। यह कदम निश्चित रूप से प्रदेश में नाइटलाइफ और पर्यटन को बढ़ावा देगा।
क्यों हो रहा है यह बदलाव?
राज्य के आबकारी विभाग ने 'छत्तीसगढ़ विदेशी मदिरा नियम, 1996' में संशोधन किया है। इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य उपभोक्ता अनुभव को बेहतर बनाना और राज्य के राजस्व में वृद्धि करना है। यह नीति ब्रांडेड प्रतिष्ठानों को आकर्षित करेगी, जो गुणवत्ता और मानकों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
किन रेस्टोरेंट को मिलेगा लाइसेंस?
FL3-B (विशेष रेस्टोरेंट बार अनुज्ञप्ति) का लाइसेंस उन ब्रांडेड रेस्टोरेंट या बार संस्थानों को मिलेगा जिनके देश के कम से कम पांच राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों में एक ही नाम और विशिष्टता के साथ आउटलेट संचालित हैं। ऐसे प्रतिष्ठान अपने ग्राहकों को उनके स्वयं के उपभोग के लिए परिसर में भोजन या हल्के भोजन के साथ विदेशी मदिरा का विक्रय कर सकेंगे। यह सुनिश्चित करेगा कि केवल स्थापित और विश्वसनीय ब्रांड ही इस सुविधा का लाभ उठा सकें।
लाइसेंस के लिए आवश्यक शर्तें और व्यवस्थाएं
लाइसेंस प्राप्त करने के लिए इन प्रतिष्ठानों को कई महत्वपूर्ण शर्तों का पालन करना होगा:
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अलग बार और स्टॉक रूम: होटल में बार रूम और स्टॉक रूम की व्यवस्था अलग-अलग होनी चाहिए।
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स्वच्छ किचन: किचन की व्यवस्था भी अलग से हो और स्वच्छ वातावरण सुनिश्चित किया जाए।
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पानी की उपलब्धता: 24 घंटे शुद्ध जल की व्यवस्था होनी चाहिए, जिसका प्रमाण पत्र देना अनिवार्य होगा।
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सुविधाजनक लाउंज: परिसर में भोजन के लिए एक सुविधायुक्त रेस्टोरेंट और एक उपयुक्त लाउंज होना चाहिए।
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पर्याप्त स्टाफ: रेस्टोरेंट के स्तर के अनुसार पर्याप्त प्रशिक्षित स्टाफ कार्यरत होना चाहिए।
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अलग शौचालय: परिसर में स्थित बार रूम में महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग शौचालय होने चाहिए, जिसकी फोटोग्राफ प्रस्तुत करनी होगी।
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दिव्यांगजन सुविधा: दिव्यांगजनों के लिए केंद्र और राज्य सरकार के निर्देशों के अनुरूप समस्त सुविधाएं उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा।
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खाद्य सुरक्षा लाइसेंस: भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) द्वारा जारी लाइसेंस का स्व-प्रमाणित प्रमाण पत्र संलग्न किया जाना अनिवार्य होगा।
कौन नहीं कर सकता आवेदन?
नई नीति के तहत कुछ प्रतिबंध भी लगाए गए हैं ताकि लाइसेंसिंग प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनी रहे:
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काली सूची में नाम नहीं: आवेदक का नाम आबकारी विभाग की व्यतिक्रमी सूची, काली सूची या बकायादारों की सूची में दर्ज नहीं होना चाहिए। इसके लिए जिले के आबकारी अधिकारी का प्रमाण पत्र और आवेदक का शपथ पत्र प्रस्तुत करना होगा।
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शराब कारोबार से संबंध नहीं: आवेदक का देशी शराब के कारोबार या कंपोजिट अहाता के कारोबार से कोई संबंध नहीं होना चाहिए। इस बारे में भी प्रमाण पत्र देना अनिवार्य होगा।
"पहले आओ, पहले पाओ" नीति
शॉपिंग मॉल जैसे स्थानों पर जहां FL3-A (शॉपिंग मॉल रेस्टोरेंट बार अनुज्ञप्ति) और FL3-B (विशेष रेस्टोरेंट बार अनुज्ञप्ति) श्रेणियों के लिए एक से अधिक आवेदन प्राप्त होते हैं, वहां "पहले आओ, पहले पाओ" की नीति लागू होगी। निर्धारित समस्त शर्तों और मानदंडों को पूरा करने वाले आवेदनों के आधार पर, इन श्रेणियों की अधिकतम एक-एक अनुज्ञप्ति ही स्वीकृत की जाएगी।
यह नई नीति छत्तीसगढ़ में खानपान और मनोरंजन उद्योग के लिए एक गेम चेंजर साबित हो सकती है, जिससे ग्राहकों को बेहतर सुविधाएं और अनुभव मिलेगा।
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