छत्तीसगढ़ में सरकारी नौकरी में धांधली को लेकर प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। दो अलग-अलग मामलों में कुल 33 कर्मचारियों को उनकी नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। एक मामला बलरामपुर का है, जहाँ फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी कर रही आंगनबाड़ी सहायिकाओं को गिरफ्तार किया गया है, वहीं दूसरा मामला बिलासपुर का है, जहाँ सहकारी बैंक में गलत प्रक्रिया से भर्ती हुए 29 कर्मचारियों पर गाज गिरी है।
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छत्तीसगढ़ में नौकरी पर बड़ा एक्शन: 33 कर्मचारी बर्खास्त, फर्जीवाड़े और गलत भर्ती का खुलासा
छत्तीसगढ़ में सरकारी नौकरी में धांधली को लेकर प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। दो अलग-अलग मामलों में कुल 33 कर्मचारियों को उनकी नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। एक मामला बलरामपुर का है, जहाँ फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी कर रही आंगनबाड़ी सहायिकाओं को गिरफ्तार किया गया है, वहीं दूसरा मामला बिलासपुर का है, जहाँ सहकारी बैंक में गलत प्रक्रिया से भर्ती हुए 29 कर्मचारियों पर गाज गिरी है।
8वीं की फर्जी मार्कशीट से पाई नौकरी, अब सलाखों के पीछे
बलरामपुर जिले के शंकरगढ़ विकासखंड से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहाँ चार महिलाओं ने आंगनबाड़ी सहायिका की नौकरी पाने के लिए एक बड़ा फर्जीवाड़ा किया। इन महिलाओं ने आठवीं कक्षा की नकली अंकसूची (मार्कशीट) बनाकर नौकरी हासिल कर ली थी और लंबे समय से काम कर रही थीं।
जानकारी के मुताबिक, ये महिलाएं शंकरगढ़ के कोठली, जार्गिम, महुआडीह और बेलकोना गाँव के आंगनबाड़ी केंद्रों में तैनात थीं। जब इस फर्जीवाड़े की शिकायत प्रशासन तक पहुँची, तो कलेक्टर ने तुरंत मामले की जांच के आदेश दिए। जांच में यह साबित हो गया कि महिलाओं द्वारा जमा किए गए दस्तावेज़ पूरी तरह से फर्जी थे।
धोखाधड़ी की पुष्टि होने के बाद, कलेक्टर ने चारों महिलाओं को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया। इसके बाद, महिला एवं बाल विकास विभाग ने जांच रिपोर्ट के आधार पर शंकरगढ़ पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कराई। पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए चारों आरोपी महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया है।
बिलासपुर सहकारी बैंक में भर्ती घोटाला: 29 पर गिरी गाज
वहीं, बिलासपुर में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में दूषित और गलत भर्ती प्रक्रिया के तहत नौकरी पाने वाले 29 कर्मचारियों को भी बर्खास्त कर दिया गया है। इन कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया को लेकर पहले से ही विवाद चल रहा था और मामला हाईकोर्ट तक पहुँचा था।
हाईकोर्ट ने इस मामले में विभागीय कार्रवाई करने का आदेश दिया था, जिसके तहत इन सभी कर्मचारियों को पहले भी बर्खास्त किया गया था। इस फैसले के खिलाफ कर्मचारियों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी उनकी याचिका खारिज कर दी, जिससे उनकी बर्खास्तगी का रास्ता साफ हो गया।
हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक बिलासपुर की स्टाफ कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इन 29 कर्मचारियों को फिर से बर्खास्त करने का निर्णय लिया। इससे पहले कर्मचारियों ने अपनी बर्खास्तगी के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत का पालन करते हुए बैंक को विभागीय कार्रवाई पूरी करने का निर्देश दिया था। लेकिन अंततः सुप्रीम कोर्ट से अपील खारिज होने के बाद इन कर्मचारियों की नौकरी पर अंतिम मुहर लग गई।
बर्खास्त किए गए कर्मचारियों की सूची
बर्खास्त किए गए 29 कर्मचारियों में शाखा प्रबंधक से लेकर लिपिक और समिति प्रबंधक तक शामिल हैं। प्रमुख नाम इस प्रकार हैं:
शाखा प्रबंधक: चंद्रशेखर कुर्रे
सहायक लेखापाल: अश्वनी चंद्राकर, संतोष कुमार कौशिक, दिलीप साहू, कु. सुमन यादव
पर्यवेक्षक: सुनील कुमार साहू, विजय कुमार सिंह, शशांक शेखर दुबे, जयप्रकाश देवांगन, चंचल कुमार दुबे, ललित कुमार राठौर, भूपेश कुमार राठौर, चंदन प्रताप सिंह
लिपिक सह कम्प्यूटर ऑपरेटर: तुरेन्द्र कुमार साहू, एम. डी. सलमान, तोपेश कुमार वस्त्रकार, शेख जलालुद्दीन, कु. सीमा देवांगन, लेखा कश्यप
समिति प्रबंधक: प्रफुल्ल कश्यप, नरेंद्र कुमार मिश्रा, एकलव्य कुमार चंदा, राहुल कुमार सोनी, दिनेश्वर प्रसाद पटेल, नरेश कुमार सिंह, मो. इमरान खान, ओमप्रकाश वारे, पंकज कुमार तिवारी, अमित कुमार पटेल
Dr. Tarachand Chandrakar is a respected journalist with decades of experience in reporting and analysis. His deep knowledge of politics, society, and regional issues brings credibility and authority to Nidar Chhattisgarh. Known for his unbiased reporting and people-focused journalism, he ensures that readers receive accurate and trustworthy news.
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