छत्तीसगढ़ में नशाखोरी पर नकेल: अफीम विक्रेता को 10 साल, गांजा तस्कर को 5 साल की कैद

छत्तीसगढ़ में नशे के बढ़ते कारोबार पर लगाम कसने के लिए न्यायालय सख्त हो गया है। हाल ही में हुए एक फैसले में, एक अफीम विक्रेता को 10 साल की जेल और 1 लाख रुपये का जुर्माना सुनाया गया, जबकि गांजा और हेरोइन बेचने वाले एक अन्य दोषी को 5 साल की कैद और 90 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। विशेष न्यायाधीश पंकज कुमार सिन्हा ने यह फैसला सुनाया, जो राज्य में नशाखोरी के खिलाफ एक कड़ा संदेश है।

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छत्तीसगढ़ में नशाखोरी पर नकेल: अफीम विक्रेता को 10 साल, गांजा तस्कर को 5 साल की कैद, छत्तीसगढ़ में नशे के बढ़ते कारोबार पर लगाम कसने के लिए न्यायालय सख्त हो गया है। हाल ही में हुए एक फैसले में, एक अफीम विक्रेता को 10 साल की जेल और 1 लाख रुपये का जुर्माना सुनाया गया, जबकि गांजा और हेरोइन बेचने वाले एक अन्य दोषी को 5 साल की कैद और 90 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। विशेष न्यायाधीश पंकज कुमार सिन्हा ने यह फैसला सुनाया, जो राज्य में नशाखोरी के खिलाफ एक कड़ा संदेश है।

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नशे के खिलाफ न्यायिक सख्ती

न्यायाधीश ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी की कि छत्तीसगढ़ में नशे की प्रवृत्ति लगातार बढ़ रही है, और ऐसे में दोषियों के प्रति किसी भी प्रकार की उदारता नहीं बरती जा सकती। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे अपराधों में अपराधियों को परिवीक्षा अधिनियम का लाभ देना उचित नहीं है। यह फैसला दर्शाता है कि न्यायालय नशे के कारोबार को रोकने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।

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अफीम और गांजा तस्करों पर गिरी गाज

पहला मामला हरप्रीत सिंह (32) का है, जिसे 21 मार्च 2020 को रायपुर के रिंग रोड पर आमानाका पुलिस ने 310 ग्राम अफीम के साथ पकड़ा था। दूसरा मामला धरमसिंह रंधावा (40) का है, जिसके पास से टाटीबंद में 1 किलो गांजा और 4 ग्राम हेरोइन बरामद की गई थी। दोनों ही मामलों में अभियोजन पक्ष ने 18 गवाहों के बयान दर्ज कराए, जिनके आधार पर न्यायाधीश ने दोषियों को दंडित किया।

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जुर्माना न भरने पर अतिरिक्त सजा

अफीम विक्रेता हरप्रीत सिंह को 10 साल की कैद और 1 लाख रुपये का अर्थदंड दिया गया है। वहीं, गांजा तस्कर धरमसिंह रंधावा को 5 साल की कैद और 90 हजार रुपये का अर्थदंड सुनाया गया है। यदि दोषी अर्थदंड की राशि का भुगतान नहीं करते हैं, तो उन्हें 1 साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। यह प्रावधान अपराधियों पर आर्थिक बोझ डालकर उन्हें अपराध से दूर रखने में मदद करेगा।

छत्तीसगढ़ में नशा मुक्ति अभियान की आवश्यकता

यह न्यायिक फैसला राज्य में नशे के खिलाफ चल रहे अभियानों को और मजबूत करेगा। छत्तीसगढ़ सरकार और पुलिस प्रशासन लगातार नशे के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं, लेकिन ऐसे मामलों में न्यायालय का सख्त रुख अपराधियों के हौसले पस्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह समय की मांग है कि राज्य में नशा मुक्ति अभियान को और अधिक प्रभावी बनाया जाए, ताकि युवा पीढ़ी को इस दलदल में फंसने से बचाया जा सके।

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Dr. Tarachand Chandrakar

Senior Journalist & Editor, Nidar Chhattisgarh

Dr. Tarachand Chandrakar is a respected journalist with decades of experience in reporting and analysis. His deep knowledge of politics, society, and regional issues brings credibility and authority to Nidar Chhattisgarh. Known for his unbiased reporting and people-focused journalism, he ensures that readers receive accurate and trustworthy news.

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