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छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग ने व्याख्याता, व्याख्याता (एल.बी.) और प्रधान पाठक (पूर्व माध्यमिक शाला) के लिए बड़ी खुशखबरी दी है। कुल 1335 शिक्षकों को प्राचार्य (टी संवर्ग) उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के पद पर पदोन्नत किया गया है। यह प्रक्रिया छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग, रायपुर में पदोन्नति समिति की बैठक के बाद पूरी की गई है।

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छत्तीसगढ़ में शिक्षकों को बड़ा तोहफा: 1335 व्याख्याताओं और प्रधान पाठकों को प्राचार्य के पद पर पदोन्नति!
छत्तीसगढ़ में शिक्षकों को बड़ा तोहफा: 1335 व्याख्याताओं और प्रधान पाठकों को प्राचार्य के पद पर पदोन्नति!

छत्तीसगढ़ में शिक्षकों को बड़ा तोहफा: 1335 व्याख्याताओं और प्रधान पाठकों को प्राचार्य के पद पर पदोन्नति! छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग ने व्याख्याता, व्याख्याता (एल.बी.) और प्रधान पाठक (पूर्व माध्यमिक शाला) के लिए बड़ी खुशखबरी दी है। कुल 1335 शिक्षकों को प्राचार्य (टी संवर्ग) उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के पद पर पदोन्नत किया गया है। यह प्रक्रिया छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग, रायपुर में पदोन्नति समिति की बैठक के बाद पूरी की गई है।

पारदर्शिता और निष्पक्षता: सरकार का मूलमंत्र

स्कूल शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव ने इस पूरी प्रक्रिया में पूर्ण पारदर्शिता बरतने की बात कही है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार के प्रति 'जीरो टॉलरेंस' की नीति पर काम कर रही है। पदोन्नति और पदस्थापना की पूरी प्रक्रिया में निष्पक्षता बनाए रखने पर जोर दिया गया है।छत्तीसगढ़ में शिक्षकों को बड़ा तोहफा

काउंसिलिंग के माध्यम से पदस्थापना

पदोन्नत प्राचार्यों की पदस्थापना के लिए काउंसिलिंग प्रक्रिया अपनाई गई। कुल 1335 पदोन्नत प्राचार्यों में से 1222 ने अपनी पसंद की संस्था का चयन कर पदस्थापना सुनिश्चित की।छत्तीसगढ़ में शिक्षकों को बड़ा तोहफा

शेष पदोन्नति का विवरण:

  • 20 पदोन्नत प्राचार्य काउंसिलिंग में अनुपस्थित रहे।

  • 20 ने पदोन्नति लेने से इनकार कर दिया।

  • 02 ने विद्यालय चयन से इनकार किया।

  • 91 सेवानिवृत्त, मृत, निलंबित या अन्य श्रेणी में थे।

इस प्रकार, 1222 व्याख्याताओं, व्याख्याता (एल.बी.) और प्रधान पाठकों को प्राचार्य (टी संवर्ग) उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के पद पर पदोन्नति के बाद पदस्थापना आदेश जारी कर दिए गए हैं।छत्तीसगढ़ में शिक्षकों को बड़ा तोहफा

स्वयं संस्था चुनने का अवसर

मंत्री गजेंद्र यादव ने स्पष्ट किया कि पात्र कर्मचारियों को काउंसिलिंग स्थल पर स्वयं अपनी पसंद की संस्था का चयन करने का अवसर दिया गया। चयन के बाद संबंधित अधिकारी ने चयनित स्थान पर पदस्थापना के लिए अपनी सहमति भी दी। इस पहल से पदोन्नति प्रक्रिया को पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी बनाया गया है।छत्तीसगढ़ में शिक्षकों को बड़ा तोहफा

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