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छत्तीसगढ़ में सहकारी क्रांति: 500 नई सोसाइटियों से बदलेगी ग्रामीण अर्थव्यवस्था की तस्वीर, छत्तीसगढ़ में प्राथमिक कृषि साख सहकारी सोसाइटियों (PACS) के पुनर्गठन की प्रक्रिया तेजी से चल रही है, जिससे राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में एक बड़ा बदलाव आने वाला है। अब तक 21 जिलों में यह प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, जिसके परिणामस्वरूप लगभग 500 नई सोसाइटियां अस्तित्व में आने को तैयार हैं। इन सोसाइटियों के संचालन से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई गति मिलने की संभावना है।

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छत्तीसगढ़ में सहकारी क्रांति: 500 नई सोसाइटियों से बदलेगी ग्रामीण अर्थव्यवस्था की तस्वीर
छत्तीसगढ़ में सहकारी क्रांति: 500 नई सोसाइटियों से बदलेगी ग्रामीण अर्थव्यवस्था की तस्वीर

राज्य के 21 जिलों में पुनर्गठन पूरा, किसानों को मिलेगी गांव में ही सुविधा

छत्तीसगढ़ में सहकारी क्रांति: 500 नई सोसाइटियों से बदलेगी ग्रामीण अर्थव्यवस्था की तस्वीर, छत्तीसगढ़ में प्राथमिक कृषि साख सहकारी सोसाइटियों (PACS) के पुनर्गठन की प्रक्रिया तेजी से चल रही है, जिससे राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में एक बड़ा बदलाव आने वाला है। अब तक 21 जिलों में यह प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, जिसके परिणामस्वरूप लगभग 500 नई सोसाइटियां अस्तित्व में आने को तैयार हैं। इन सोसाइटियों के संचालन से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई गति मिलने की संभावना है।

सहकारिता का नया अध्याय: क्या है पूरा मामला?

राज्य की वर्तमान भाजपा सरकार ने प्राथमिक कृषि साख सोसाइटियों के पुनर्गठन की एक महत्वाकांक्षी योजना बनाई थी। इस संबंध में अप्रैल 2025 में अधिसूचना जारी की गई थी। जिन जिलों में दावा-आपत्तियों का निराकरण हो चुका है, वहां नई सोसाइटियों को अधिसूचित किया गया है। वर्तमान में, राज्य के कुल 33 जिलों में से 21 में यह कार्य संपन्न हो चुका है। इससे पहले, पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में भी पुनर्गठन हुआ था, जिससे सोसाइटियों की संख्या 1333 से बढ़कर 2058 हो गई थी। इस नए पुनर्गठन से यह संख्या 500 या उससे अधिक बढ़ने का अनुमान है।

इन जिलों में खिलेंगी नई सहकारिता की कलियां

राज्य के जिन जिलों में सोसाइटियों का पुनर्गठन सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है, उनमें धमतरी, दुर्ग, बालोद, कोरबा, रायगढ़, सारंगढ़-बिलाईगढ़, कोंडागांव, नारायणपुर, गरियाबंद, बलौदाबाजार-भाटापारा, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, सुकमा, सूरजपुर, कोरिया, जशपुर, बिलासपुर, जांजगीर-चांपा, सक्ती, कांकेर, बीजापुर और बलरामपुर शामिल हैं। शेष बचे जिलों में भी दावा-आपत्तियों के निराकरण के बाद जल्द ही नई सोसाइटियों को अधिसूचित किया जाएगा।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगा बूस्ट: किसानों के लिए सुविधाएं ही सुविधाएं

जानकारों का मानना है कि गांवों में नई सहकारी सोसाइटियों के गठन से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को अभूतपूर्व मजबूती मिलेगी। इन नवीन सहकारी समितियों से किसानों को अपने ही गांव में कृषि ऋण, खाद-बीज की उपलब्धता, और माइक्रो-एटीएम से राशि निकालने जैसी महत्वपूर्ण सुविधाएं मिलेंगी। इसके अतिरिक्त, इन पैक्स (PACS) में कॉमन सर्विस सेंटर, जनऔषधि केंद्र और किसान समृद्धि केंद्र का संचालन भी किया जाएगा। यह पहल प्रदेश के किसानों को उनके ग्राम में ही सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने में मील का पत्थर साबित होगी।

विजन से धरातल तक: सोसाइटियों के लिए कार्ययोजना

छत्तीसगढ़ में नवीन बहुउद्देशीय पैक्स, डेयरी और मत्स्य समितियों के गठन की एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की गई है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में, राज्य शासन ने 4 अप्रैल 2025 को छत्तीसगढ़ में 532 नवीन पैक्स सोसाइटियों के गठन की अधिसूचना जारी की थी। इस पहल को केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह के 'सहकार से समृद्धि' के दृष्टिकोण से भी बल मिला है, जिन्होंने 25 अगस्त 2024 को रायपुर में आयोजित पहली बैठक में छत्तीसगढ़ में पैक्स की संख्या बढ़ाने और उनकी पहुंच गांव-गांव तक ले जाने की अपनी मंशा व्यक्त की थी।

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