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डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा रद्द, क्वाड समिट 2025 पर उठे सवाल! अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नवंबर 2025 में होने वाले क्वाड शिखर सम्मेलन (Quad Summit 2025) के लिए भारत आने की अपनी योजना रद्द कर दी है। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, यह फैसला भारत-अमेरिका संबंधों में आई कड़वाहट के कारण लिया गया है, जिससे दोनों देशों के रिश्तों में तनाव साफ दिख रहा है।
क्वाड समिट में ट्रंप की अनुपस्थिति से बढ़ी चिंता
नवंबर में होने वाले इस महत्वपूर्ण क्वाड समिट में अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के शीर्ष नेताओं को शामिल होना था। पहले से तय कार्यक्रम के मुताबिक, ट्रंप की भारत यात्रा सुनिश्चित मानी जा रही थी, लेकिन उनकी अनुपस्थिति अब इस सम्मेलन और क्वाड गठबंधन के भविष्य को लेकर कई सवाल खड़े कर रही है।
भारत-अमेरिका रिश्तों में बढ़ता तनाव: कारण और प्रभाव
रिपोर्ट्स के अनुसार, पिछले कुछ हफ्तों से भारत और अमेरिका के बीच रिश्ते तनावपूर्ण बने हुए हैं। हालांकि, व्हाइट हाउस की ओर से अभी तक इस बारे में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप का यह फैसला दोनों देशों के रिश्तों पर गंभीर असर डाल सकता है, खासकर ऐसे समय में जब चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए क्वाड की अहमियत बढ़ रही है।
अमेरिका ने भारत पर थोपा 50% टैरिफ
भारत-अमेरिका संबंधों में इस कड़वाहट की एक बड़ी वजह अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा हाल ही में भारत पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा है, जो 27 अगस्त से लागू भी हो गई है। इससे पहले भी ट्रंप ने भारत से आयातित उत्पादों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया था। ऐसे में अब भारतीय सामानों पर कुल 50 प्रतिशत टैरिफ लग रहा है। इस कदम से भारतीय कंपनियों और अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचने का अनुमान है, और इसी फैसले के बाद से दोनों देशों के संबंधों में तनाव काफी बढ़ गया है।
क्वाड समिट की अहमियत और ट्रंप के फैसले का असर
क्वाड समिट एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा और रणनीतिक सहयोग को लेकर बेहद अहम माना जाता है। यह गठबंधन हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मुक्त और खुले नियमों को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है। ऐसे में अमेरिकी राष्ट्रपति का सम्मेलन में शामिल न होना न सिर्फ कूटनीतिक हलचल पैदा करेगा, बल्कि भारत और अन्य सदस्य देशों की रणनीतिक तैयारियों पर भी नकारात्मक असर डाल सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस फैसले के बाद क्वाड सदस्य देश कैसे अपनी रणनीतियों को आगे बढ़ाते हैं।
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