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उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में बादल फटने और मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचाई। सहस्त्रधारा में टपकेश्वर मंदिर जलमग्न हो गया, कई सड़कें टूटीं और मकान ढहे। मुख्यमंत्री धामी ने किया दौरा, 7 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी।

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उत्तराखंड में कुदरत का कहर: देहरादून में बादल फटा, सहस्त्रधारा का टपकेश्वर मंदिर डूबा, 7 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट

देहरादून में बादल फटने से तबाही: टपकेश्वर मंदिर जलमग्न, सड़कें बंद, 7 जिलों में अलर्ट
देहरादून में बादल फटने से तबाही: टपकेश्वर मंदिर जलमग्न, सड़कें बंद, 7 जिलों में अलर्ट

उत्तराखंड में कुदरत का रौद्र रूप: देहरादून में बादल फटा, सहस्त्रधारा का टपकेश्वर मंदिर जलमग्न, मसूरी में भी तबाही, 7 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी

देहरादून, उत्तराखंड: सोमवार देर रात (15-16 सितंबर) से उत्तराखंड की राजधानी देहरादून और आसपास के क्षेत्रों में हो रही मूसलाधार बारिश ने कहर बरपाया है। सहस्त्रधारा के कार्लीगाड़ क्षेत्र में देर रात करीब 11:30 बजे बादल फटने से व्यापक क्षति हुई, जिससे अचानक आई बाढ़ ने कई घरों, दुकानों और रिसॉर्ट्स को अपनी चपेट में ले लिया। इस विनाशकारी घटना ने न केवल जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है, बल्कि राज्य के कई हिस्सों में गंभीर चुनौतियाँ खड़ी कर दी हैं।

देहरादून में बादल फटने से मची तबाही: बह गए घर और सड़कें

सहस्त्रधारा में बादल फटने के बाद स्थिति बेहद भयावह हो गई। अचानक और तेज़ बहाव के साथ आए मलबे ने कई ढाँचों को क्षतिग्रस्त कर दिया। स्थानीय निवासियों के अनुसार, कई दुकानें, होटल, रिसॉर्ट और घर पानी के तेज़ बहाव में बह गए। सड़कें बुरी तरह टूट गईं, जिससे आवागमन पूरी तरह अवरुद्ध हो गया। इस आपदा में वाहनों और संपत्ति का भारी नुकसान हुआ है। जिला प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 100 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया है, लेकिन दुखद रूप से दो लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं, जिनकी तलाश जारी है।

ऐतिहासिक टपकेश्वर महादेव मंदिर का हाल: दशकों बाद ऐसा दृश्य

देहरादून में तमसा नदी, जिसे आमतौर पर रिस्पना के नाम से जाना जाता है, इस भयावह बारिश के कारण उफान पर आ गई। नदी का जलस्तर इतना बढ़ गया कि प्रसिद्ध टपकेश्वर महादेव मंदिर परिसर पूरी तरह जलमग्न हो गया। मंदिर के पुजारी आचार्य बिपिन जोशी ने बताया कि सुबह 5 बजे से नदी में तेज़ बहाव शुरू हो गया था, जिसके चलते मंदिर परिसर में पानी भर गया। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति दशकों बाद देखने को मिली है। हालाँकि, राहत की बात यह है कि मंदिर का गर्भगृह सुरक्षित है, लेकिन परिसर में भारी जलभराव के कारण पूजा-पाठ बाधित हुआ है। प्रशासन ने लोगों से नदियों के पास न जाने की अपील की है।

देहरादून के अन्य प्रभावित क्षेत्र: बुनियादी ढाँचे को भारी नुकसान

बारिश और बाढ़ ने देहरादून के कई अन्य क्षेत्रों को भी प्रभावित किया है:

  • प्रेम नगर: यहाँ एक पुल पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है, जिससे आवागमन ठप हो गया।

  • मालदेवता: इस क्षेत्र में सड़क का लगभग 100 मीटर हिस्सा नदी में समा गया, जिससे संपर्क टूट गया।

  • देहरादून-हरिद्वार राष्ट्रीय राजमार्ग: फन वैली और उत्तराखंड डेंटल कॉलेज के पास एक पुल क्षतिग्रस्त हो गया है, जिससे यात्रा बाधित हुई है।

  • शहर की कई गलियों में नदियाँ बहने लगीं, जिससे जनजीवन थम सा गया। कई जगहों पर बिजली और पानी की आपूर्ति भी बाधित हुई है।

मुख्यमंत्री धामी का स्थलीय निरीक्षण और राहत कार्य

राज्य में आपदा की स्थिति को देखते हुए, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सुबह ही प्रभावित क्षेत्रों का हवाई और स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि बारिश से घरों, सरकारी संपत्तियों और संपर्क मार्गों को भारी नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री ने बताया कि नदियों का जलस्तर बढ़ गया है और प्रशासन, एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) और पुलिस टीमें युद्ध स्तर पर राहत कार्यों में जुटी हैं। उन्होंने प्रभावित परिवारों के साथ खड़े रहने और हर संभव मदद पहुँचाने का आश्वासन दिया। सीएम ने ईश्वर से सभी की सकुशलता की प्रार्थना की।

मसूरी में बारिश का तांडव: लैंडस्लाइड और जान-माल का नुकसान

पहाड़ों की रानी मसूरी में भी बारिश ने भारी तबाही मचाई है। देर रात की मूसलाधार वर्षा से कई जगह लैंडस्लाइड हुआ, जिससे मसूरी-देहरादून मार्ग पूरी तरह अवरुद्ध हो गया। कोलू खेत के पास सड़क का एक बड़ा हिस्सा टूट गया, जबकि गलेगी पावर हाउस से 200 मीटर आगे सड़क धंस गई है। इसके चलते वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है।

सबसे दुखद घटना झड़ीपानी शॉर्टकट रोड पर हुई, जहाँ एक मकान में मलबा घुस आने से दो नेपाली मूल के मजदूर प्रभावित हुए। राम बहादुर (41 वर्ष) की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि अर्जुन (40 वर्ष) गंभीर रूप से घायल हैं और उनका इलाज मसूरी उप-जिला चिकित्सालय में चल रहा है।

बुनियादी सेवाएँ प्रभावित: बिजली, पानी और नेटवर्क ठप

पूरे क्षेत्र में बाढ़, बारिश और लैंडस्लाइड के कारण कई गाड़ियाँ क्षतिग्रस्त हो गईं। बिजली, पानी और मोबाइल नेटवर्क जैसी आवश्यक सेवाएँ बुरी तरह बाधित हुई हैं, जिससे लोग घरों में कैद हो गए हैं। प्रशासन ने जेसीबी मशीनों की मदद से मलबा हटाने का काम शुरू कर दिया है, और पुलिस टीमें पेट्रोलिंग कर फंसे हुए लोगों को निकालने में जुटी हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि हर साल बारिश में ऐसी समस्याएँ आती हैं, लेकिन इस बार हालात बेहद खतरनाक हैं। उन्होंने सरकार से तत्काल राहत और स्थायी समाधान की मांग की है।

मौसम विभाग का 7 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने उत्तराखंड के सात जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। IMD के अनुसार, देहरादून, चमोली, चंपावत, उधम सिंह नगर, बागेश्वर, पिथौरागढ़ और नैनीताल जिलों में 16 सितंबर से भारी बारिश की संभावना है। अगले 48 घंटों तक गर्जना, बिजली चमकने और तेज़ वर्षा की आशंका जताई गई है। पर्वतीय क्षेत्रों में लैंडस्लाइड का खतरा बना हुआ है, जिससे यात्रियों और स्थानीय लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

स्कूलों में छुट्टी और यात्रा टालने की अपील

मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए, नैनीताल, देहरादून और पिथौरागढ़ में स्कूलों को बंद रखने के निर्देश दिए गए हैं। पिथौरागढ़ के धारचूला, डीडी हाट और मुंसियारी ब्लॉकों में भी छुट्टी घोषित की गई है। प्रशासन ने लोगों से अनावश्यक यात्रा टालने और पहाड़ी इलाकों से दूर रहने की अपील की है ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।

पीएम मोदी और गृह मंत्री शाह ने ली स्थिति की जानकारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने फोन पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से उत्तराखंड की मौजूदा स्थिति की विस्तृत जानकारी ली। दोनों नेताओं ने राज्य को हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन में बचाव कार्य तेज़ी से चलाया जा रहा है और आपदा प्रभावितों के साथ सरकार पूर्ण प्रतिबद्धता से खड़ी है।

राहत कार्य युद्ध स्तर पर जारी: हेल्पलाइन नंबर जारी

उत्तराखंड में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है। कई जगहों पर नदियाँ उफान पर हैं, सड़कें बंद हैं और संपर्क टूट गया है। एसडीआरएफ, पुलिस और स्थानीय प्रशासन रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहे हैं। जिलाधिकारी प्रेम चंद अग्रवाल ने बताया कि प्रशासन पूरी मुस्तैदी से काम कर रहा है और प्रभावितों को हर संभव मदद पहुँचाई जा रही है।

उत्तराखंड सरकार ने हेल्पलाइन नंबर 0135-2712131 (देहरादून एसडीआरएफ) जारी किया है। लोगों से अपील है कि वे घरों से बाहर न निकलें और किसी भी आपात स्थिति में इस नंबर पर संपर्क करें। उत्तराखंड के लिए यह आपदा एक बड़ी चुनौती है, लेकिन एकजुट प्रयासों से स्थिति को नियंत्रण में लाने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है। लोगों को मौसम के अपडेट्स पर लगातार नज़र रखने की सलाह दी गई है।

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