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धमतरी में अनोखी नवरात्रि: पशु-प्रेम की मिसाल, पालतू जानवरों के नाम से जल रही मनोकामना ज्योत, नवरात्रि के पावन अवसर पर धमतरी शहर भक्तिमय माहौल में डूबा हुआ है। जहां हजारों भक्त मां दुर्गा के चरणों में मनोकामना ज्योत प्रज्ज्वलित कर रहे हैं, वहीं दो भक्तों की अनूठी आस्था पूरे देश का ध्यान खींच रही है।
धमतरी में आस्था और करुणा का संगम: जीव-जंतुओं के लिए विशेष ज्योत
नवरात्रि का पर्व धमतरी में आस्था और श्रद्धा का अद्भुत संगम लेकर आया है। मां दुर्गा के दरबार में सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। इस साल यहां दो भक्तों की अनूठी भक्ति चर्चा का विषय बनी हुई है। एक डॉक्टर और एक हाथी-प्रेमी युवक ने अपने प्रिय जीव-जंतुओं के नाम पर मनोकामना ज्योत प्रज्ज्वलित की है, जिसकी हर तरफ तारीफ हो रही है।
तोते और हाथी के नाम पर जली आस्था की ज्योत
शहर के एक प्रसिद्ध डॉक्टर ने अपने तोते के लिए मां दुर्गा से प्रार्थना करते हुए एक विशेष ज्योत जलाई है। उनका कहना है कि नवरात्रि में मां से बेहतर कोई अवसर नहीं हो सकता, जब वे अपने तोते के लिए मंगलकामना कर सकें। वहीं, धमतरी के एक युवा, जो खुद को ‘हाथी लवर’ कहते हैं, उन्होंने हाथियों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए मनोकामना ज्योत प्रज्ज्वलित की। उन्होंने कहा कि जंगलों में हाथियों के साथ होने वाले हादसे और मानव-हाथी संघर्ष उन्हें बहुत दुखी करते हैं। इस ज्योत के माध्यम से उन्होंने प्रार्थना की है कि क्षेत्र में शांति बनी रहे और वन्यजीव सुरक्षित रहें।
श्वान के लिए भी प्रज्ज्वलित हुई मनोकामना ज्योत
मंदिर समिति के अनुसार, इस बार एक भक्त ने अपने श्वान (कुत्ते) के लिए भी ज्योत जलाई है। इस प्रेरणादायक पहल को देखकर अन्य भक्त भी अपने पालतू पशुओं के नाम से मनोकामना ज्योत जलाने पर विचार कर रहे हैं।
धमतरी मंदिर का इतिहास और ज्योत की प्राचीन परंपरा
धमतरी का यह मंदिर कई वर्षों से आस्था का प्रमुख केंद्र रहा है। यहां नवरात्रि पर मनोकामना ज्योत जलाने की परंपरा अत्यंत प्राचीन मानी जाती है। भक्त अपनी मनोकामना पूरी होने के लिए नौ दिनों तक अखंड ज्योत जलाते हैं। मंदिर समिति का कहना है कि हर वर्ष यहां सैकड़ों ज्योतें प्रज्ज्वलित होती हैं, लेकिन इस वर्ष जानवरों के नाम से जलाई गई ज्योतें एक अनूठी और सराहनीय मिसाल हैं।
नवरात्रि में धमतरी की अनूठी खासियत और संदेश
धमतरी में नवरात्रि के दौरान भक्ति का माहौल देखते ही बनता है। माता के दरबार में गरबा, देवी जागरण और विशेष पूजा-पाठ का आयोजन होता है। शहर के कोने-कोने से लोग यहां पहुंचते हैं और मंदिर परिसर में रौनक छाई रहती है। इस बार अनोखी भक्ति ने नवरात्रि को और भी खास बना दिया है। धमतरी की यह पहल यह संदेश देती है कि भक्ति और करुणा केवल मनुष्यों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि जीव-जंतुओं के प्रति प्रेम और संरक्षण का भाव भी मां दुर्गा के चरणों में अर्पित किया जा सकता है।
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