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दिल्ली-सहारनपुर हाईवे पर खून से लथपथ सुबह, बड़ौत डिपो की बस ने मचाया कोहराम; 25 से अधिक यात्री घायल, कई की हालत गंभीर
गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश: रविवार की सुबह दिल्ली-सहारनपुर नेशनल हाईवे पर एक बार फिर चीख-पुकार और अफरा-तफरी का मंजर देखने को मिला, जब गाजियाबाद के बड़ौत डिपो की एक तेज रफ्तार रोडवेज बस शामली जा रहे एक ट्रक से टकरा गई। यह भीषण टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि यात्रियों से खचाखच भरी बस का अगला हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया, और भीतर बैठे लगभग 40 यात्रियों में से 25 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। इस दर्दनाक हादसे ने एक बार फिर राष्ट्रीय राजमार्गों पर बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं और परिवहन सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
एक सुबह, एक हादसा, अनगिनत जख्म
घटना सुबह करीब 8 बजे की है, जब गाजियाबाद के लोनी डिपो से चली बड़ौत डिपो की बस (सं. UP-17-A-6789) नियमित रूट पर शामली की ओर बढ़ रही थी। दिल्ली-सहारनपुर नेशनल हाईवे पर बड़ौत शहर के पास, जहाँ आमतौर पर यातायात घना रहता है, बस चालक ने कथित तौर पर तेज रफ्तार और लापरवाही से ओवरटेक करने की कोशिश की। सामने चल रहे एक भारी मालवाहक ट्रक (सं. HR-55-C-1234) से बचने के बजाय, बस सीधे उससे जा भिड़ी। टक्कर की आवाज इतनी तेज थी कि आसपास के लोग सहम गए।
चश्मदीदों के मुताबिक, "ऐसा लगा जैसे कोई धमाका हुआ हो। बस का अगला हिस्सा पूरी तरह पिचक गया था और शीशे टूटकर चारों ओर बिखर गए थे। अंदर से चीखने-चिल्लाने की आवाजें आ रही थीं।" मौके पर मौजूद स्थानीय लोगों ने बिना देरी किए बचाव कार्य शुरू किया और पुलिस को सूचना दी।
`मलबे में फंसे यात्री, दहशत का माहौल
हादसे के तुरंत बाद बस के भीतर का नजारा हृदय विदारक था। सीटें उखड़ गई थीं, यात्रियों का सामान चारों ओर फैला हुआ था और कई लोग सीटों के बीच फंस गए थे। महिलाएं और बच्चे भी इस दर्दनाक हादसे का शिकार हुए। रामबती और उनके पति सरबजीत, दया, संजय, पूनम, जावेद, नसीमा, तालिम, संजय, मनोज, हरबीर, विजय, दीपक, हिमांशु जैसे कई यात्रियों को चोटें आई हैं। इनमें से कुछ यात्रियों की हालत इतनी गंभीर है कि उन्हें तत्काल मेरठ मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है, जहाँ वे जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे हैं। स्थानीय सरकारी अस्पताल और निजी क्लीनिकों में भी घायलों को प्राथमिक उपचार दिया जा रहा है।
एक घायल यात्री ने दर्द से कराहते हुए बताया, "सब कुछ पलक झपकते ही हो गया। मैं अपनी सीट पर बैठा था और अचानक एक जोरदार झटका लगा। फिर अंधेरा छा गया और मैं दर्द से चिल्लाने लगा। मेरी आँख खुली तो देखा कि मेरे आसपास खून बिखरा हुआ है और लोग मदद के लिए पुकार रहे हैं।"
चालक पर लापरवाही का गंभीर आरोप
इस भीषण दुर्घटना के पीछे बस चालक मनीष की कथित लापरवाही बताई जा रही है। बस में सवार कई यात्रियों ने आरोप लगाया है कि चालक मनीष रास्ते भर तेज गति से बस चला रहा था और लगातार ओवरटेक करने की कोशिश कर रहा था। एक यात्री ने बताया, "रास्ते में कई बार उसकी अन्य वाहनों के चालकों से कहासुनी भी हुई थी। ऐसा लग रहा था जैसे वह गुस्से में हो और जानबूझकर तेज चला रहा हो।" यात्रियों के अनुसार, इसी गुस्से और लापरवाही के कारण उसने बिना किसी सावधानी के ओवरटेक करने की कोशिश की, जिसके चलते यह बड़ा हादसा हो गया।
टक्कर के बाद चालक मनीष भी गंभीर रूप से घायल हो गया है और उसे पुलिस की निगरानी में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने ट्रक चालक का बयान भी दर्ज किया है, जिसने पुष्टि की है कि बस चालक ने बिना सिग्नल दिए ओवरटेक करने की कोशिश की थी।
बचाव कार्य और हाईवे पर घंटों जाम
हादसे की सूचना मिलते ही बड़ौत थाना पुलिस, हाईवे पेट्रोलिंग टीम और स्थानीय लोगों का भारी दल मौके पर पहुंचा। पुलिस ने तत्काल बचाव अभियान शुरू किया, जिसमें स्थानीय युवाओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। फंसे हुए यात्रियों को मलबे से निकालने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। एम्बुलेंस की मदद से घायलों को तुरंत अस्पतालों तक पहुँचाया गया।
दुर्घटना के कारण दिल्ली-सहारनपुर नेशनल हाईवे पर करीब एक घंटे तक भीषण जाम की स्थिति बनी रही। वाहनों की लंबी कतारें लग गईं, जिससे अन्य यात्रियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा। पुलिस ने दोनों क्षतिग्रस्त वाहनों को किनारे कर यातायात बहाल करने की कोशिश की। रोडवेज प्रशासन ने भी घटना के तुरंत बाद दूसरी बस की व्यवस्था की, ताकि उन यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया जा सके जिन्हें चोटें नहीं आई थीं।
`रोडवेज प्रबंधन पर सवाल, जांच के आदेश
इस दर्दनाक हादसे ने एक बार फिर रोडवेज बसों की सुरक्षा व्यवस्था और चालकों की ट्रेनिंग पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बड़ौत डिपो की यह बस, जो यात्रियों को सुरक्षित यात्रा का आश्वासन देती है, उसी के चालक की कथित लापरवाही ने कई जिंदगियों को खतरे में डाल दिया।
रोडवेज विभाग ने घटना की गंभीरता को देखते हुए तत्काल जांच के आदेश दिए हैं। बड़ौत डिपो के प्रबंधक ने आश्वासन दिया है कि चालक की जिम्मेदारी तय की जाएगी और घायल यात्रियों के इलाज का पूरा खर्च विभाग वहन करेगा। उन्होंने यह भी बताया कि दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए एक तकनीकी टीम का गठन किया गया है, जो बस के यांत्रिक स्थिति, ब्रेक और गति की विस्तृत जांच करेगी।
बढ़ते हादसों पर अंकुश लगाने की चुनौती
दिल्ली-सहारनपुर नेशनल हाईवे पर अक्सर होने वाले हादसे सड़क सुरक्षा को लेकर प्रशासन की उदासीनता को उजागर करते हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि हाईवे पर तेज रफ्तार, खराब लाइटिंग और पुलिस पेट्रोलिंग की कमी के कारण ऐसी घटनाएं लगातार होती रहती हैं। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि हाईवे पर गति सीमा को सख्ती से लागू किया जाए और नियमित रूप से पुलिस की गश्त बढ़ाई जाए।
बड़ौत थाना प्रभारी ने यात्रियों और चालकों से अपील की है कि वे यात्रा के दौरान यातायात नियमों का पालन करें, खासकर गति सीमा का। उन्होंने ओवरटेक करते समय विशेष सावधानी बरतने और थकान की स्थिति में वाहन न चलाने की सलाह दी है। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
यह घटना सिर्फ एक सड़क हादसा नहीं, बल्कि एक सबक है कि सड़कों पर हर जान कीमती है और हर चालक की जिम्मेदारी सिर्फ वाहन चलाने की नहीं, बल्कि अपने साथ चल रही जिंदगियों को सुरक्षित मंजिल तक पहुंचाने की भी है। जब तक लापरवाही और तेज रफ्तार पर अंकुश नहीं लगता, ऐसे दर्दनाक हादसे होते रहेंगे और कई परिवार अपने प्रियजनों को खोते रहेंगे या उन्हें जीवनभर के जख्मों के साथ जीने को मजबूर होंगे।
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