दिशा पटानी के घर पर हमला: गाजियाबाद एनकाउंटर में मारे गए शूटर, जानें पूरा मामला

बरेली में दिशा पटानी के घर पर हुई फायरिंग के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस और STF ने गाजियाबाद में दो हमलावरों को मार गिराया। जानें इस हाई-प्रोफाइल मामले की पूरी कहानी, जिसमें गैंग कनेक्शन और विदेशी हथियारों की बरामदगी शामिल है।

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दिशा पटानी के घर पर हमले के आरोपी गाजियाबाद में ढेर, गैंग कनेक्शन और विदेशी हथियारों का खुलासा

गाजियाबाद/बरेली: बॉलीवुड अभिनेत्री दिशा पटानी के बरेली स्थित आवास पर हुई सनसनीखेज फायरिंग के मामले में एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। उत्तर प्रदेश पुलिस और स्पेशल टास्क फोर्स (STF) की संयुक्त कार्रवाई में इस हमले के पीछे के दोनों मुख्य शूटरों को गाजियाबाद के ट्रोनिका सिटी इलाके में एक मुठभेड़ में मार गिराया गया है। इस एनकाउंटर ने न केवल इस हाई-प्रोफाइल मामले को एक निर्णायक मोड़ दिया है, बल्कि इसने बॉलीवुड सितारों की सुरक्षा और आपराधिक गिरोहों के बढ़ते दुस्साहस पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

एक गोलीबारी जिसने बॉलीवुड को चौंका दिया

12 सितंबर की सुबह करीब 3:30 बजे, बरेली का शांत मोहल्ला उस समय दहल उठा जब मोटरसाइकिल पर सवार दो अज्ञात हमलावरों ने अभिनेत्री दिशा पटानी के घर पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। दिशा के पिता, जगदीश सिंह पटानी, जो खुद एक पुलिस अधिकारी रह चुके हैं, ने बताया कि हमलावरों ने 10-15 राउंड फायर किए, जिससे परिवार सदमे में आ गया। गनीमत रही कि इस हमले में कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन इसने बॉलीवुड सितारों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर चिंताएं पैदा कर दीं। इस घटना के तुरंत बाद, पटानी परिवार ने पुलिस को सूचित किया और सुरक्षा के लिए अधिकारियों से संपर्क साधा।

सोशल मीडिया पर हमले की जिम्मेदारी और रहस्यमयी पोस्ट

हमले के कुछ ही घंटों बाद, सोशल मीडिया पर एक पोस्ट तेजी से वायरल हुई। इस पोस्ट में गैंगस्टर गोल्डी बराड़ के सहयोगियों से जुड़े एक अकाउंट ने इस हमले की जिम्मेदारी लेने का दावा किया। पोस्ट में इसे 'जवाबी कार्रवाई' करार दिया गया और संकेत दिया गया कि यह हमला कुछ धार्मिक आस्थाओं और साधु-संतों के बारे में की गई कथित "अपमानजनक टिप्पणियों" का बदला लेने के लिए किया गया था। हालांकि, यह पोस्ट अगले दिन सुबह (13 सितंबर) हटा दी गई और संबंधित अकाउंट को भी बंद कर दिया गया। इस रहस्यमयी पोस्ट ने मामले की जटिलता को और बढ़ा दिया था और जांच एजेंसियों के लिए एक महत्वपूर्ण सुराग भी बनी।

STF और दिल्ली पुलिस की संयुक्त कार्रवाई: मुठभेड़ में खत्म हुआ खेल

सूत्रों के अनुसार, उत्तर प्रदेश STF की नोएडा यूनिट और दिल्ली पुलिस की एक संयुक्त टीम को गाजियाबाद के ट्रोनिका सिटी में संदिग्धों की मौजूदगी की सूचना मिली थी। बुधवार (17 सितंबर) को जब टीम ने रविंद्र (उर्फ कुल्लू) और अरुण नामक इन दोनों आरोपियों को रोकने का प्रयास किया, तो उन्होंने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। इसके बाद हुई जवाबी कार्रवाई में दोनों अपराधी गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

उत्तर प्रदेश के ADG (लॉ एंड ऑर्डर) अमिताभ यश ने इस कार्रवाई की पुष्टि करते हुए बताया कि मौके से ग्लॉक पिस्टल, जिगाना पिस्टल और बड़ी मात्रा में कारतूस बरामद हुए हैं। ये विदेशी निर्मित हथियार अपराधियों के पास हाई-कैलिबर हथियारों की उपलब्धता को दर्शाते हैं और मामले की गंभीरता को बढ़ाते हैं। बरामद हथियारों और कारतूसों की जांच और बैलिस्टिक रिपोर्ट कराई जा रही है ताकि उनके स्रोत और सप्लाई चेन का पता लगाया जा सके।

गैंग कनेक्शन: गोल्डी बराड़ और रोहित गोदारा गिरोह से संबंध

यूपी एसटीएफ की प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि मारे गए शूटर रविंद्र (कुल्लू) और अरुण के संबंध गैंगस्टर गोल्डी बराड़ और रोहित गोदारा के गिरोहों से थे। ये दोनों गिरोह भारत और विदेशों में अपनी आपराधिक गतिविधियों के लिए कुख्यात हैं। रविंद्र और अरुण पर पहले से ही कई आपराधिक मामले दर्ज थे, और पुलिस अब उनके गैंग कनेक्शन, हमले की योजना, फंडिंग और इसमें शामिल अन्य व्यक्तियों की गहराई से जांच कर रही है। यह खुलासा दर्शाता है कि यह हमला केवल एक व्यक्तिगत प्रतिशोध नहीं था, बल्कि एक बड़े आपराधिक नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है।

दिशा पटानी और उनके परिवार की प्रतिक्रिया

घटना के बाद से दिशा पटानी और उनका परिवार सदमे में है। हालांकि, पुलिस की त्वरित कार्रवाई और हमलावरों के मारे जाने से उन्हें कुछ राहत मिली होगी। दिशा के पिता, जगदीश सिंह पटानी, ने इस संवेदनशील स्थिति में मीडिया से दूरी बनाए रखी है, लेकिन उन्होंने पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के प्रति अपना आभार व्यक्त किया है। यह घटना निश्चित रूप से बॉलीवुड हस्तियों की सुरक्षा प्रोटोकॉल पर फिर से विचार करने के लिए मजबूर करेगी।

आगे की जांच और सुरक्षा चुनौतियां

एनकाउंटर के बाद भी इस मामले की जांच अभी खत्म नहीं हुई है। पुलिस अब उन सभी कड़ियों को जोड़ने का प्रयास कर रही है जो इस हमले से जुड़ी हुई हैं। इसमें शामिल हैं:

  1. हथियारों का स्रोत: विदेशी निर्मित ग्लॉक और जिगाना पिस्तौल भारत में कैसे पहुंचीं? क्या कोई अंतरराष्ट्रीय हथियार तस्करी रैकेट इसमें शामिल है?

  2. फंडिंग और योजना: हमले के लिए पैसा किसने दिया और इसकी योजना किसने बनाई? क्या इसमें किसी और बड़े अपराधी या संगठन का हाथ है?

  3. धार्मिक टिप्पणियों का आधार: क्या वाकई दिशा पटानी या उनके परिवार ने कोई ऐसी टिप्पणी की थी जो हमले का आधार बनी, या यह सिर्फ अपराधियों द्वारा गढ़ा गया एक बहाना था?

  4. गैंग नेटवर्क: गोल्डी बराड़ और रोहित गोदारा गिरोह के भारत में फैले नेटवर्क की विस्तृत जांच।

इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि आपराधिक गिरोह, सोशल मीडिया का उपयोग अपनी धमकियों और बदला लेने के लिए कैसे कर रहे हैं। साथ ही, यह भी दिखाता है कि हाई-प्रोफाइल हस्तियों की सुरक्षा कितनी महत्वपूर्ण है और उन्हें लगातार नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को ऐसे खतरों से निपटने के लिए अपनी रणनीतियों को लगातार अपडेट करना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर न हो। दिशा पटानी के घर पर हुए हमले के बाद हुई यह त्वरित और निर्णायक कार्रवाई निश्चित रूप से अपराधियों के लिए एक कड़ा संदेश है।

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Dr. Tarachand Chandrakar

Senior Journalist & Editor, Nidar Chhattisgarh

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