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महका गौठान में मवेशियों का भयानक अंत: कौन है जिम्मेदार?
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तीन दिन में 15 गायों की मौत, चारा-पानी के बिना दम तोड़ते जानवर!
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इंसानियत शर्मसार: गौठान में सड़ी लाशें, चील-कौवों का जमावड़ा
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पंचायत ने झाड़ा पल्ला, किसानों पर डाला आरोप - क्या है सच्चाई?
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गौठान योजना पर उठे सवाल: क्या सिर्फ कागजों पर है गोधन संरक्षण?
गौठान में गायों की दर्दनाक मौत, सवालों के घेरे में व्यवस्था! छत्तीसगढ़ के महका ग्राम पंचायत में गौठान के भीतर मवेशियों की मौत का एक हृदय विदारक मामला सामने आया है, जिसने मानवता को शर्मसार कर दिया है। बताया जा रहा है कि पिछले तीन दिनों के भीतर इस गौठान में लगभग 15 गायों की मौत हो चुकी है। इन मृत मवेशियों की लाशें गौठान के अंदर पड़ी हुई हैं, जिन्हें चील-कौवे नोंच रहे हैं, जो इस भयावह स्थिति का प्रमाण है।
सामने आई तस्वीरों में गौठान के भीतर तीन मवेशियों के शव साफ नजर आ रहे थे। स्थानीय लोगों का कहना है कि इन मवेशियों को गौठान में मरने के लिए छोड़ दिया गया है, क्योंकि यहां चारा-पानी का कोई उचित इंतजाम नहीं है। कुछ मृत गायों के शवों को तो गौठान में ही दबा दिया गया है। गौठान में गायों की दर्दनाक मौत, सवालों के घेरे में व्यवस्था!
इस गंभीर मामले पर जब पंचायत से बात की गई, तो उनका कहना था कि गौठान से पंचायत का कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि गांव के कुछ किसान अपनी मर्जी से गौठान में मवेशियों को रख रहे हैं और यदि मवेशी मर रहे हैं, तो इसके लिए गांव वाले ही जिम्मेदार होंगे। गौठान में गायों की दर्दनाक मौत, सवालों के घेरे में व्यवस्था!
यह घटना गौठान योजनाओं के कार्यान्वयन और मवेशियों के कल्याण को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है। क्या गौठान केवल कागजी कार्रवाई तक सीमित हैं या वास्तव में वे बेसहारा पशुओं को आश्रय प्रदान कर रहे हैं? इस दर्दनाक मंजर के लिए कौन जिम्मेदार है - प्रशासन, पंचायत या ग्रामीण? यह जांच का विषय है। गौठान में गायों की दर्दनाक मौत, सवालों के घेरे में व्यवस्था!