हासन में गणेश विसर्जन जुलूस पर काल बनकर टूटा ट्रक: 9 की मौत, 20 घायल – उत्सव मातम में बदला

कर्नाटक के हासन जिले में गणेश विसर्जन के दौरान बेकाबू ट्रक ने रौंदा श्रद्धालुओं को। मोसाले होसाहल्ली गांव में 9 की मौत, 20 घायल। उत्सव कैसे क्षण भर में मातम में बदला? जानें पूरी घटना, चश्मदीदों के बयान, और राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ।

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कर्नाटक के हासन में गणेश विसर्जन जुलूस पर काल बनकर टूटा ट्रक: 9 की मौत, 20 घायल, उत्सव मातम में बदला

हासन, कर्नाटक: जिस मोसाले होसाहल्ली गांव में शुक्रवार रात तक गणेशोत्सव का उल्लास अपने चरम पर था, वह अब चीखों और मातम में डूबा है। गणेश विसर्जन जुलूस के दौरान एक बेकाबू ट्रक ने उत्सव में डूबे श्रद्धालुओं को रौंद डाला, जिसमें नौ लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और करीब बीस अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। इस भयावह हादसे ने पूरे कर्नाटक को स्तब्ध कर दिया है, और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

शनिवार, 13 सितंबर 2025 की सुबह, मोसाले होसाहल्ली गांव में हर तरफ सिर्फ खामोशी और शोक पसरा है। जिन गलियों में कल रात गणपति बप्पा मोरिया, अगले बरस तू जल्दी आ! के जयकारे गूंज रहे थे, वहां अब हृदय विदारक सन्नाटा है। शुक्रवार रात लगभग 8:45 बजे, यह त्रासदी तब हुई जब सैकड़ों भक्त भक्ति और उत्साह में डूबे हुए गणेश प्रतिमा को विसर्जित करने के लिए बढ़ रहे थे। अरकलागुडु की दिशा से आ रहे एक तेज रफ्तार ट्रक ने अचानक नियंत्रण खो दिया और सीधे जुलूस में जा घुसा। पलक झपकते ही, उत्सव का रंग खून से लाल हो गया।

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प्रत्यक्षदर्शियों का खौफनाक मंजर

"हमने बस एक तेज आवाज सुनी और इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता, ट्रक लोगों को कुचलता हुआ निकल गया," एक प्रत्यक्षदर्शी, जिसने अपना नाम बताने से इनकार कर दिया, ने कांपते हुए बताया। "हर तरफ लोग गिरे हुए थे, खून ही खून था। बच्चे, जवान... सभी।"

गांव के ही एक अन्य निवासी, जो घटना के वक्त जुलूस से कुछ ही दूरी पर था, ने बताया, "लोग नाच रहे थे, खुश थे। अचानक सब कुछ रुक गया। ट्रक को इतनी तेजी से आते देख कोई बच नहीं पाया। कई लोग तो ट्रक के पहियों के नीचे ही आ गए।" शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार, मृतकों में अधिकांश युवा लड़के शामिल हैं, जो जुलूस की अग्रिम पंक्ति में नाच-गान कर रहे थे। उनका उत्साह क्षण भर में जीवन के अंत में बदल गया। घायलों को तुरंत पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां कुछ की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। डॉक्टरों की टीमें लगातार उनकी जान बचाने के लिए संघर्ष कर रही हैं।

पुलिस कार्रवाई और फरार ड्राइवर

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हासन पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, "हमने मामला दर्ज कर लिया है। ट्रक ड्राइवर घटना के तुरंत बाद मौके से फरार हो गया। उसकी तलाश में कई टीमें लगाई गई हैं और जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।" पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या ट्रक ड्राइवर शराब के नशे में था, या यह तकनीकी खराबी के कारण हुआ हादसा था। साथ ही, जुलूस के दौरान सुरक्षा व्यवस्था और यातायात प्रबंधन में किसी भी तरह की चूक की भी पड़ताल की जा रही है।

गांव के लोगों में इस घटना के बाद भारी आक्रोश है। उनका कहना है कि ऐसे बड़े आयोजनों के दौरान पुलिस और प्रशासन द्वारा पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम नहीं किए जाते हैं। "हर साल गणेश विसर्जन होता है। क्या प्रशासन को पता नहीं होता कि भीड़ कितनी होगी? फिर क्यों लापरवाही बरती जाती है?" एक स्थानीय बुजुर्ग ने रोते हुए सवाल किया।

राजनीतिक गलियारों में शोक और सहायता की घोषणाएँ

इस दर्दनाक हादसे की खबर फैलते ही राजनीतिक गलियारों में भी शोक की लहर दौड़ गई।

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केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने अपने X हैंडल पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए लिखा, "गणपति जुलूस में ट्रक की चपेट में आने से कई श्रद्धालुओं की मौत अत्यंत दुखद घटना है। मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।"

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस हादसे पर गहरा दुख जताते हुए मृतकों के परिजनों के लिए 2-2 लाख रुपये और घायलों के लिए 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता की घोषणा की है। प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया, "प्रधानमंत्री ने कर्नाटक के हासन में गणेश विसर्जन जुलूस में हुई त्रासदी पर गहरा दुख व्यक्त किया है और शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है।"

राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी इस घटना पर दुख व्यक्त किया है और पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद का ऐलान किया है। उन्होंने अधिकारियों को घायलों के समुचित इलाज और मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए सभी आवश्यक सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया है। राज्य सरकार ने भी अपनी ओर से अतिरिक्त मुआवजे की घोषणा कर सकती है, जिसकी उम्मीद की जा रही है।

सुरक्षा मानकों पर फिर सवाल

यह घटना एक बार फिर धार्मिक जुलूसों और सार्वजनिक आयोजनों के दौरान सुरक्षा मानकों पर गंभीर सवाल खड़े करती है। भारत में ऐसे आयोजनों के दौरान भीड़ नियंत्रण और यातायात प्रबंधन अक्सर एक बड़ी चुनौती साबित होता है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे आयोजनों से पहले विस्तृत सुरक्षा योजना बनाई जानी चाहिए, जिसमें स्पष्ट मार्ग निर्धारण, पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती, भीड़ नियंत्रण के उपाय और आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। भारी वाहनों को ऐसे जुलूस मार्गों से दूर रखने के लिए विशेष दिशानिर्देशों की आवश्यकता है।

हासन का यह दुखद हादसा एक सबक है कि उत्सव के माहौल में भी जरा सी लापरवाही कितनी भारी पड़ सकती है। मोसाले होसाहल्ली गांव इस गणेश चतुर्थी को कभी नहीं भूल पाएगा, जब खुशियां पल भर में मातम में बदल गईं और एक बेकाबू ट्रक ने कई घरों के चिराग बुझा दिए। यह घटना हमें याद दिलाती है कि जीवन कितना अनमोल है और सुरक्षा के प्रति हमेशा सतर्क रहना कितना महत्वपूर्ण है। उम्मीद है कि इस त्रासदी से सबक लिया जाएगा और भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।

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Dr. Tarachand Chandrakar

Senior Journalist & Editor, Nidar Chhattisgarh

Dr. Tarachand Chandrakar is a respected journalist with decades of experience in reporting and analysis. His deep knowledge of politics, society, and regional issues brings credibility and authority to Nidar Chhattisgarh. Known for his unbiased reporting and people-focused journalism, he ensures that readers receive accurate and trustworthy news.

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