हजारों चप्पलों की हुई छानबीन, तब जाकर पकड़ा गया पिस्तौल-कारतूस चोर! एक हैरान कर देने वाले मामले में, हटिया-दुर्ग एक्सप्रेस से भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के सहायक उपनिरीक्षक (ASI) और हेड कांस्टेबल की सर्विस रिवॉल्वर, 4 मैगजीन और 24 जिंदा कारतूस चोरी करने वाले आरोपी को रेलवे पुलिस (GRP) ने गिरफ्तार कर लिया है। इस चोरी को सुलझाने के लिए पुलिस को अनोखे तरीके से जांच करनी पड़ी।
चोर की पहचान बनी उसकी चप्पल!
रेल एसपी श्वेता श्रीवास्तव सिन्हा ने इस मामले का खुलासा करते हुए बताया कि, चोरी की घटना हटिया-दुर्ग एक्सप्रेस के जनरल कोच में हुई थी। सीसीटीवी फुटेज में आरोपी का चेहरा स्पष्ट नहीं दिख रहा था, लेकिन उसके पैरों में पहनी चप्पलें साफ नजर आ रही थीं। इसी चप्पल को आधार बनाकर जीआरपी ने चोर का चेहरा देखने के बजाय उसकी चप्पलें खंगालनी शुरू कर दीं।हजारों चप्पलों की हुई छानबीन, तब जाकर पकड़ा गया पिस्तौल-कारतूस चोर!
1000 लोगों की चप्पलें हुईं चेक
जीआरपी के जवानों ने बिलासपुर रेलवे स्टेशन और उसके आसपास के इलाकों में लगभग एक हजार लोगों की चप्पलों की बारीकी से जांच की। अथक प्रयास के बाद, इसी अनोखी पहचान के आधार पर आरोपी को धर दबोचा गया। पुलिस ने आरोपी से चोरी की गई पिस्तौल और कारतूस जब्त कर लिए हैं, हालांकि चोरी हुए 10 हजार रुपये में से केवल 700 रुपये ही बरामद हुए हैं।हजारों चप्पलों की हुई छानबीन, तब जाकर पकड़ा गया पिस्तौल-कारतूस चोर!
सोते हुए जवानों के बैग पर थी चोर की नजर
जीआरपी के अनुसार, ITBP के सहायक उपनिरीक्षक योगेंद्र प्रसाद ओझा 4 सितंबर को अपने तीन साथियों के साथ हटिया से दुर्ग जाने वाली स्पेशल ट्रेन के जनरल कोच में सफर कर रहे थे। उनकी ड्यूटी डोंगरगढ़ में लगी हुई थी। रात करीब 3 बजे के बाद सभी जवानों की आंख लग गई। दो जवानों ने अपने बैग बर्थ के बीच में रखे थे, जिनमें 2 नग 9 एमएम ऑटोमैटिक पिस्तौल, 24 कारतूस, 4 खाली मैगजीन, 10 हजार रुपये नकद, मोबाइल और कपड़े व अन्य दस्तावेज रखे थे।हजारों चप्पलों की हुई छानबीन, तब जाकर पकड़ा गया पिस्तौल-कारतूस चोर!
पूछताछ में आरोपी रंजीत मरकाम ने बताया कि वह भी उसी कोच में सफर कर रहा था और जानता था कि ये बैग जवानों के हैं। उसने जवानों को हिलाकर जगाने की कोशिश भी की, लेकिन जब वे नहीं उठे, तो वह बैग लेकर फरार हो गया।हजारों चप्पलों की हुई छानबीन, तब जाकर पकड़ा गया पिस्तौल-कारतूस चोर!
बिलासपुर स्टेशन पर दी गई सूचना, GRP हुई सक्रिय
भाटापारा से ट्रेन रवाना होने के बाद जब जवानों की नींद खुली और उन्हें अपना बैग गायब मिला, तो वे रायपुर स्टेशन से वापस बिलासपुर पहुंचे। यहां उन्होंने आरपीएफ और जीआरपी को चोरी की सूचना दी। ITBP रांची की 40वीं बटालियन के इन जवानों में हेड कांस्टेबल जितेंद्र सिंह, एएसआई योगेंद्र प्रसाद ओझा और आरक्षक बुद्धदेव मलिक व राजू साहू शामिल थे।हजारों चप्पलों की हुई छानबीन, तब जाकर पकड़ा गया पिस्तौल-कारतूस चोर!
पिस्तौल और कारतूस चोरी की सूचना मिलते ही आरपीएफ पोस्ट बिलासपुर, टास्क टीम, सीआईबी बिलासपुर और जीआरपी की टीमें चांपा से लेकर बिलासपुर और भाटापारा के बीच अलर्ट हो गईं और सघन तलाशी अभियान चलाया। सीसीटीवी फुटेज में आरोपी के दिखने के बावजूद उसकी पहचान स्पष्ट न होने पर, योगेंद्र प्रसाद ओझा की शिकायत पर जीआरपी ने अज्ञात चोर के खिलाफ धारा 305 (सी) बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया।हजारों चप्पलों की हुई छानबीन, तब जाकर पकड़ा गया पिस्तौल-कारतूस चोर!
48 घंटे में आरोपी रंजीत मरकाम गिरफ्तार
पुलिस की कड़ी मेहनत और चप्पल आधारित जांच के कारण, घटना के 48 घंटे के भीतर आरोपी रंजीत मरकाम को ग्राम खम्हरिया, भाटापारा ग्रामीण, बलौदाबाजार से गिरफ्तार कर लिया गया। यह मामला पुलिस की अनूठी जांच तकनीक और दृढ़ संकल्प का एक बेहतरीन उदाहरण बन गया है।हजारों चप्पलों की हुई छानबीन, तब जाकर पकड़ा गया पिस्तौल-कारतूस चोर!