जो महिलाएं लंबे समय से माँ बनने का सपना संजो रही हैं, उनके लिए एक बड़ी खुशखबरी है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल के ऑब्स एंड गायनी विभाग में जल्द ही एक अत्याधुनिक इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) सेंटर खुलने जा रहा है। यह पहल उन अनगिनत महिलाओं के लिए 'संजीवनी' साबित होगी, जो विभिन्न कारणों से प्राकृतिक रूप से गर्भधारण करने में असमर्थ हैं। इस सरकारी पहल से न केवल आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को राहत मिलेगी, बल्कि प्रदेश में प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं को भी एक नई दिशा मिलेगी।
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IVF सेंटर: मातृत्व का सपना होगा साकार, रायपुर में खुलेगा अत्याधुनिक केंद्र
मातृत्व की आस: रायपुर के डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल में खुलेगा नया IVF सेंटर
रायपुर :IVF सेंटर: मातृत्व का सपना होगा साकार, रायपुर में खुलेगा अत्याधुनिक केंद्र, जो महिलाएं लंबे समय से माँ बनने का सपना संजो रही हैं, उनके लिए एक बड़ी खुशखबरी है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल के ऑब्स एंड गायनी विभाग में जल्द ही एक अत्याधुनिक इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) सेंटर खुलने जा रहा है। यह पहल उन अनगिनत महिलाओं के लिए 'संजीवनी' साबित होगी, जो विभिन्न कारणों से प्राकृतिक रूप से गर्भधारण करने में असमर्थ हैं। इस सरकारी पहल से न केवल आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को राहत मिलेगी, बल्कि प्रदेश में प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं को भी एक नई दिशा मिलेगी।
निजी केंद्रों की महंगी फीस से मुक्ति: आयुष्मान भारत योजना के तहत मुफ्त इलाज
निजी अस्पतालों में IVF उपचार का खर्च अक्सर लाखों में होता है, जो कई परिवारों के लिए एक बड़ा आर्थिक बोझ बन जाता है। लेकिन, डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल में खुलने वाला यह IVF सेंटर एक बड़ी राहत लेकर आएगा। यहाँ आयुष्मान भारत योजना के तहत योग्य महिलाओं को पूरी तरह से निःशुल्क इलाज उपलब्ध होगा। यह सुविधा उन दंपतियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं होगी, जिन्हें अब तक महंगा उपचार वहन कर पाना मुश्किल हो रहा था। इस कदम से सरकार का उद्देश्य स्पष्ट है - स्वास्थ्य सेवा सभी की पहुँच में होनी चाहिए, खासकर उन लोगों के लिए जो मातृत्व सुख से वंचित हैं।IVF सेंटर: मातृत्व का सपना होगा साकार, रायपुर में खुलेगा अत्याधुनिक केंद्र
IVF तकनीक: वरदान उन महिलाओं के लिए जो सामान्य रूप से गर्भधारण नहीं कर पातीं
IVF, या इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन, एक उन्नत प्रजनन तकनीक है। इसमें महिला के अंडे और पुरुष के शुक्राणु को शरीर के बाहर, एक प्रयोगशाला में मिलाया जाता है, जिससे भ्रूण का निर्माण होता है। इस भ्रूण को बाद में महिला के गर्भाशय में प्रत्यारोपित किया जाता है। यह तकनीक उन महिलाओं के लिए 'रामबाण' साबित होती है जिनकी फैलोपियन ट्यूब में रुकावट हो, पुरुष बांझपन के मुद्दे हों, या अस्पष्टीकृत बांझपन जैसी समस्याएं हों।IVF सेंटर: मातृत्व का सपना होगा साकार, रायपुर में खुलेगा अत्याधुनिक केंद्र
इस प्रक्रिया में आमतौर पर महिला को हार्मोनल दवाएं दी जाती हैं ताकि अंडाशय में कई अंडे विकसित हों। फिर एक छोटी सर्जिकल प्रक्रिया द्वारा इन अंडों को निकाला जाता है। साथ ही, पुरुष से शुक्राणु एकत्र किया जाता है। अंडे और शुक्राणु को लैब में मिलाकर भ्रूण तैयार किया जाता है, जिसे बाद में गर्भाशय में स्थापित कर दिया जाता है।IVF सेंटर: मातृत्व का सपना होगा साकार, रायपुर में खुलेगा अत्याधुनिक केंद्र
डॉक्टरों की राय: हर महीने 60-70 महिलाओं को मिलेगी नई उम्मीद
डॉक्टरों के अनुसार, डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल में हर महीने लगभग 60 से 70 महिलाएं आती हैं जो माँ न बन पाने के कारण IVF तकनीक अपनाने की इच्छा व्यक्त करती हैं। वर्तमान में, रायपुर में AIIMS में भी यह सुविधा उपलब्ध नहीं है, जिसके कारण महिलाओं को निजी IVF केंद्रों की ओर रुख करना पड़ता है। राजधानी सहित पूरे प्रदेश में लगभग 20 निजी IVF सेंटर हैं, जहाँ उपचार की लागत का अनुमान लगाना मुश्किल होता है। कई बार तो जरूरतमंद परिवारों को कर्ज लेकर इलाज कराना पड़ता है। सरकारी अस्पताल में इस सेंटर के खुलने से ऐसी महिलाओं को बड़ी राहत मिलेगी और वे बिना आर्थिक बोझ के मातृत्व सुख प्राप्त कर सकेंगी।IVF सेंटर: मातृत्व का सपना होगा साकार, रायपुर में खुलेगा अत्याधुनिक केंद्र
स्टाफ भर्ती और बजट आवंटन: सुचारु संचालन की तैयारी
इस महत्वपूर्ण सेंटर के सफल संचालन के लिए राज्य सरकार ने मार्च में पेश किए गए बजट में 10 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इसके बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग ने ऑब्स एंड गायनी विभाग से इसका प्रस्ताव मंगवाया था।IVF सेंटर: मातृत्व का सपना होगा साकार, रायपुर में खुलेगा अत्याधुनिक केंद्र
सेंटर में नौ पदों पर नई भर्तियां की जाएंगी, जिनमें एंड्रोलॉजिस्ट (एक पद), एंब्रियोलॉजिस्ट (दो पद), एमएससी बायो टेक्नोलॉजिस्ट (चार पद) और काउंसलर (दो पद) शामिल हैं। गायनेकोलॉजिस्ट पहले से ही अस्पताल में सेवाएं दे रही हैं, जिन्हें इस विशेष तकनीक के लिए अतिरिक्त प्रशिक्षण दिया जाएगा। टेक्नीशियन भी आवश्यक जांचों में सहायता करेंगे।
डॉ. विवेक चौधरी, डीन, नेहरू मेडिकल कॉलेज, ने बताया, "अस्पताल में IVF सेंटर बनने से उन महिलाओं को माँ बनने का अवसर मिलेगा, जो प्राकृतिक रूप से गर्भधारण नहीं कर पा रही हैं। गायनी विभाग में इसके लिए जरूरी तैयारी की जा रही है, और आने वाले दिनों में जरूरी स्टाफ व विशेषज्ञों की भर्ती भी की जाएगी।"
मातृत्व का अधिकार, अब सभी की पहुँच में
रायपुर में सरकारी IVF सेंटर का खुलना छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम है। यह न केवल आर्थिक बाधाओं को दूर करेगा, बल्कि यह सुनिश्चित करेगा कि मातृत्व का सपना देखने वाली हर महिला को उचित और प्रभावी उपचार मिल सके। यह पहल समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाएगी और अनेकों परिवारों में खुशियाँ भर देगी।IVF सेंटर: मातृत्व का सपना होगा साकार, रायपुर में खुलेगा अत्याधुनिक केंद्र
Dr. Tarachand Chandrakar is a respected journalist with decades of experience in reporting and analysis. His deep knowledge of politics, society, and regional issues brings credibility and authority to Nidar Chhattisgarh. Known for his unbiased reporting and people-focused journalism, he ensures that readers receive accurate and trustworthy news.
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