जादवपुर विश्वविद्यालय में फिर पसरा मातम: तालाब किनारे मृत मिली छात्रा, सुरक्षा पर गंभीर सवाल

कोलकाता के जादवपुर विश्वविद्यालय में एक और छात्र की दर्दनाक मौत से हड़कंप. मंगलवार रात तालाब किनारे बेहोश मिली छात्रा को डॉक्टरों ने मृत घोषित किया. कैंपस सुरक्षा और प्रशासन पर फिर उठे सवाल, पुलिस जांच जारी.

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जादवपुर विश्वविद्यालय में फिर पसरा मातम: तालाब किनारे मृत मिली छात्रा, सुरक्षा पर गंभीर सवाल

कोलकाता: शिक्षा और अकादमिक उत्कृष्टता के लिए पहचाना जाने वाला जादवपुर विश्वविद्यालय परिसर मंगलवार रात एक बार फिर एक दुखद घटना का गवाह बना, जिसने पूरे राज्य को स्तब्ध कर दिया है। विश्वविद्यालय के गेट नंबर 4 के पास स्थित तालाब के किनारे एक छात्रा रहस्यमय परिस्थितियों में बेहोश मिली, जिसे बाद में डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। यह घटना विश्वविद्यालय परिसर की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है, खासकर जब पिछले साल भी इसी तरह की एक मौत ने पूरे देश का ध्यान खींचा था।

मंगलवार की रात, जब विश्वविद्यालय परिसर में छात्रों के यूनियन का एक कार्यक्रम चल रहा था, तभी लगभग 10:30 बजे कुछ छात्रों ने गेट नंबर 4 के करीब तालाब के किनारे एक युवती को अचेत अवस्था में पड़ा देखा। आनन-फानन में उसे नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहाँ चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृतक की पहचान विश्वविद्यालय की तृतीय वर्ष की छात्रा के रूप में हुई है, हालांकि उसकी पहचान गोपनीय रखी गई है।

घटनास्थल पर पुलिस और जांच की शुरुआत

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घटना की सूचना मिलते ही जादवपुर पुलिस स्टेशन के अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे। पुलिस ने घटनास्थल का बारीकी से मुआयना किया और प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की पुष्टि की है और आंतरिक जांच के आदेश दिए हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार, अभी तक मौत के कारणों का स्पष्ट पता नहीं चल पाया है और प्रारंभिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट तथा विस्तृत जांच के बाद ही कोई आधिकारिक घोषणा की जाएगी।

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "हमें रात में सूचना मिली कि एक छात्रा तालाब किनारे बेहोश पड़ी मिली है। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। हमने मामला दर्ज कर लिया है और सभी कोणों से जांच कर रहे हैं। फिलहाल, कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है।"

सुरक्षा व्यवस्था पर फिर उठे सवाल

यह घटना जादवपुर विश्वविद्यालय के लिए विशेष रूप से परेशान करने वाली है क्योंकि 2023 के बाद यह दूसरी ऐसी दुखद घटना है जब परिसर में किसी छात्र की मौत हुई है। पिछले साल, 9 अगस्त 2023 को, एक 17 वर्षीय प्रथम वर्ष के छात्र की विश्वविद्यालय के मुख्य छात्रावास की दूसरी मंजिल से गिरकर मौत हो गई थी। उस घटना ने रैगिंग और परिसर में सुरक्षा की कमी को लेकर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन और बहस छेड़ दी थी।

पिछली घटना के बाद, विश्वविद्यालय प्रशासन ने सुरक्षा उपायों को मजबूत करने और छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाने का आश्वासन दिया था। सीसीटीवी कैमरे लगाने, बाहरी लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध और छात्रावासों में निगरानी बढ़ाने जैसे वादे किए गए थे। हालांकि, इस नवीनतम घटना ने इन सभी दावों पर एक बड़ा प्रश्नचिह्न लगा दिया है। छात्र संगठन और अभिभावक एक बार फिर परिसर में छात्रों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त कर रहे हैं।

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एक छात्र नेता ने अपनी पहचान उजागर न करने की शर्त पर कहा, "यह अविश्वसनीय है। पिछले साल की घटना के बाद हमें लगा था कि प्रशासन सबक सीखेगा और सुरक्षा बढ़ाएगा, लेकिन यह दूसरी घटना दिखाती है कि कुछ भी नहीं बदला है। हमारे दोस्त सुरक्षित नहीं हैं।"

मृतक छात्रा का सफर और अनसुलझे सवाल

मृतक छात्रा के सहपाठियों और शिक्षकों ने उसकी मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया है। बताया जा रहा है कि वह अपनी पढ़ाई में मेधावी थी और उसका भविष्य उज्ज्वल था। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि वह तालाब किनारे कैसे पहुंची, क्या उसके साथ कोई और भी था, या क्या यह कोई दुर्घटना थी या इसके पीछे कोई और कारण है। इन सभी सवालों के जवाब पुलिस की गहन जांच के बाद ही सामने आ पाएंगे।

पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या तालाब किनारे अंधेरे में छात्रा फिसल गई, या क्या वह किसी कारणवश वहां गई थी, या फिर इसमें कोई आपराधिक पहलू भी हो सकता है। विश्वविद्यालय के गेट नंबर 4 के पास का क्षेत्र, जहाँ यह घटना हुई, शाम ढलने के बाद अपेक्षाकृत शांत और कम रोशनी वाला रहता है।

जादवपुर विश्वविद्यालय का इतिहास और चुनौतियाँ

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जादवपुर विश्वविद्यालय का एक गौरवशाली इतिहास रहा है और इसे देश के सबसे प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में से एक माना जाता है। हालांकि, पिछले कुछ समय से यह विभिन्न विवादों और सुरक्षा संबंधी चिंताओं के कारण सुर्खियों में रहा है। परिसर में छात्रों की स्वायत्तता और प्रशासन के बीच तनाव भी अक्सर देखने को मिलता है। इस तरह की दुखद घटनाओं से विश्वविद्यालय की छवि और अकादमिक वातावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

यह घटना ऐसे समय में हुई है जब देश भर के विश्वविद्यालय परिसरों में छात्रों की सुरक्षा एक महत्वपूर्ण मुद्दा बनी हुई है। रैगिंग, मानसिक स्वास्थ्य और परिसर में हिंसा की घटनाएं लगातार सामने आती रहती हैं। जादवपुर की यह घटना एक बार फिर इस बात को रेखांकित करती है कि उच्च शिक्षा संस्थानों को अपने छात्रों की शारीरिक और मानसिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए और अधिक ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।

आगे की राह: पारदर्शिता और जवाबदेही

इस घटना के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन पर पारदर्शिता और जवाबदेही का दबाव बढ़ गया है। छात्रों और अभिभावकों की मांग है कि जांच निष्पक्ष हो और दोषियों को सजा मिले। साथ ही, परिसर में स्थायी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए दीर्घकालिक उपाय किए जाएं। इसमें बेहतर लाइटिंग, अतिरिक्त सुरक्षा गार्डों की तैनाती, आपातकालीन संपर्क प्रणालियों को मजबूत करना और छात्रों की मानसिक स्वास्थ्य सहायता सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करना शामिल हो सकता है।

फिलहाल, पूरा विश्वविद्यालय परिसर शोक और अनिश्चितता के माहौल में डूबा हुआ है। इस दुखद घटना ने न केवल एक युवा जीवन को छीन लिया है, बल्कि जादवपुर विश्वविद्यालय के भविष्य और छात्रों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं भी पैदा कर दी हैं। पुलिस की जांच और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है, जिसके बाद ही इस रहस्यमय मौत से पर्दा उठने की उम्मीद है। जब तक सच्चाई सामने नहीं आती, तब तक कैंपस में पसरा सन्नाटा कई अनसुलझे सवालों को जन्म देता रहेगा।

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Dr. Tarachand Chandrakar

Senior Journalist & Editor, Nidar Chhattisgarh

Dr. Tarachand Chandrakar is a respected journalist with decades of experience in reporting and analysis. His deep knowledge of politics, society, and regional issues brings credibility and authority to Nidar Chhattisgarh. Known for his unbiased reporting and people-focused journalism, he ensures that readers receive accurate and trustworthy news.

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