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रायगढ़ । जीएसटी कटौती पर AAP का हमला: "जनता की भलाई नहीं, चुनावी लाभ प्राथमिकता", केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में की गई जीएसटी दरों में कटौती को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। रायगढ़ इकाई के नेता रुसेन कुमार ने इस कटौती को "जनता की भलाई के लिए नहीं, बल्कि राजनीतिक लाभ के लिए" किया गया कदम बताया है। पार्टी का आरोप है कि यह निर्णय सीधे तौर पर आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को प्रभावित करने के उद्देश्य से लिया गया एक चुनावी स्टंट है।
"बिहार चुनाव से पहले GST में कटौती चुनावी स्टंट"
आम आदमी पार्टी का कहना है कि सरकार ने जनता की पीड़ा को वर्षों तक नजरअंदाज किया। अब जब चुनावी मौसम नजदीक है, तो ऐसी घोषणाएं करके वोट बटोरने की कोशिश की जा रही है। रुसेन कुमार ने जोर देकर कहा, "अगर सरकार वास्तव में जनता को राहत देना चाहती, तो यह कदम बहुत पहले उठाया जाता, न कि चुनाव से ठीक पहले।" यह दर्शाता है कि सरकार की प्राथमिकता जनता का हित नहीं, बल्कि राजनीतिक लाभ है।
महंगाई और बेरोजगारी पर सरकार क्यों खामोश?
रुसेन कुमार ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए पूछा कि जब पेट्रोल-डीजल, गैस सिलेंडर और रोजमर्रा की वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही थीं, तब सरकार ने कोई कदम क्यों नहीं उठाया? उन्होंने कहा कि छोटे व्यापारी जीएसटी की जटिलताओं से परेशान हैं, किसान खेती की बढ़ती लागत से त्रस्त हैं, और बेरोजगारी चरम पर है, लेकिन सरकार इन गंभीर मुद्दों पर लगातार खामोश रही।
"चुनावी घोषणा, असली राहत नहीं"
आप नेता ने आगे कहा, "थोड़ी-सी जीएसटी कटौती से न तो महंगाई पर नियंत्रण होगा और न ही जनता की आमदनी बढ़ेगी।" उन्होंने इस कदम को महज एक चुनावी स्टंट करार देते हुए कहा कि बिहार की जनता समझदार है और वह खोखले वादों में नहीं फंसेगी। यह कटौती जनता को कोई स्थायी राहत नहीं देगी, बल्कि केवल चुनाव के दौरान एक दिखावा मात्र है।
आम आदमी पार्टी की प्रमुख मांगें
आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार से मांग की है कि जीएसटी की संरचना को सरल बनाया जाए ताकि छोटे व्यापारियों और किसानों को वास्तविक राहत मिल सके। इसके साथ ही, पार्टी ने रोजगार के अवसर बढ़ाने और महंगाई पर स्थायी नियंत्रण लाने के लिए ठोस और प्रभावी कदम उठाने की भी मांग की है। पार्टी का मानना है कि इन मुद्दों पर गंभीर होकर काम करने से ही जनता को वास्तविक रूप से फायदा होगा।
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