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जशपुर में नार्कोटिक्स पर बड़ी कार्रवाई: 50.64 लाख की अवैध संपत्ति जब्त, तस्करों पर शिकंजा
जशपुर: छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में नशे के खिलाफ चलाए जा रहे पुलिस अभियान ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने कुख्यात गांजा तस्कर रोहित यादव की लगभग 50 लाख 64 हजार 653 रुपये मूल्य की अवैध संपत्ति को सक्षम अधिकारी और प्रशासक (SAFEMA) कोर्ट, मुंबई के आदेश पर फ्रीज कर दिया है। इस कार्रवाई ने क्षेत्र में नशीले पदार्थों के अवैध कारोबार में लिप्त लोगों को एक कड़ा संदेश दिया है।
यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब पूरे प्रदेश में नशे के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम किया जा रहा है। जशपुर पुलिस की यह पहल न सिर्फ अपराधियों के खिलाफ सीधी कार्रवाई है, बल्कि उनकी आर्थिक रीढ़ तोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
रोहित यादव: एक आदतन अपराधी की कहानी
रोहित यादव, जो कोतबा चौकी क्षेत्र के ग्राम जामझोर का निवासी है, लंबे समय से गांजा तस्करी के धंधे में सक्रिय रहा है। पुलिस रिकॉर्ड्स के अनुसार, उस पर वर्ष 2013, 2017, 2021 और 2023 में नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (NDPS) अधिनियम की धारा 20(बी) के तहत कई मामले दर्ज किए गए थे। इन अलग-अलग घटनाओं में कुल 139 क्विंटल गांजा जब्त किया गया था, जो उसकी बड़े पैमाने पर लिप्तता को दर्शाता है।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, बार-बार गिरफ्तारी के बावजूद रोहित यादव ने गांजा तस्करी को अपना स्थायी व्यवसाय बना लिया था। उसने इस अवैध धंधे से अर्जित धन से कई वाहन और एक मकान खरीदा था, जबकि उसकी वैध आय का मुख्य स्रोत केवल खेती-किसानी था। उसकी जीवनशैली और संपत्ति उसकी घोषित आय से कहीं अधिक थी, जिसने पुलिस का ध्यान अपनी ओर खींचा।
कैसे हुई कार्रवाई?
जशपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) शशि मोहन सिंह के निर्देश पर एसडीओपी पत्थलगांव धुर्वेश कुमार जायसवाल ने रोहित यादव की संपत्ति, बैंक खातों और आय के स्रोतों की विस्तृत जांच शुरू की। इस गहन जांच में यह सामने आया कि आरोपी ने गांजा तस्करी से 50 लाख रुपये से अधिक की अवैध संपत्ति जमा की थी।
एसडीओपी की तैयार की गई विस्तृत रिपोर्ट SAFEMA कोर्ट, मुंबई को भेजी गई। कोर्ट ने आरोपी को अपना पक्ष रखने के लिए दो बार अवसर दिया, लेकिन रोहित यादव कोर्ट में पेश नहीं हुआ। इसके बाद, NDPS अधिनियम 1985 की धारा 68(F)(1) के तहत कोर्ट ने उसकी संपत्ति को फ्रीज करने का आदेश जारी कर दिया। फ्रीज की गई संपत्तियों में रोहित यादव का एक मकान, चार मोटरसाइकिलें, एक स्कूटी और एक स्विफ्ट कार शामिल हैं।
SAFEMA के तहत दूसरी बड़ी कार्रवाई
यह कार्रवाई सरगुजा रेंज में SAFEMA के तहत दूसरी बड़ी सफलता है। इससे पहले मार्च 2025 में कुख्यात तस्कर हीराधर यादव की 1.38 करोड़ रुपये की संपत्ति को इसी अधिनियम के तहत फ्रीज किया गया था। इन कार्रवाइयों से यह स्पष्ट होता है कि पुलिस अब सिर्फ अपराधियों को पकड़ने तक सीमित नहीं है, बल्कि उनकी अवैध कमाई और साम्राज्य को भी ध्वस्त करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है।
SSP शशि मोहन सिंह ने गांजा तस्करी में लिप्त लोगों को एक सख्त चेतावनी दी है। उन्होंने कहा, "जो लोग गांजा तस्करी में लिप्त हैं, वे तुरंत इस अवैध धंधे से दूर हो जाएं। पुलिस उनकी अवैध कमाई पर इसी तरह की कठोर कार्रवाई करती रहेगी।" उन्होंने यह भी जानकारी दी कि जशपुर जिले में कुछ और आदतन तस्करों की जांच चल रही है और "ऑपरेशन आघात" के तहत ऐसी कार्रवाई जारी रहेगी।
नशे के खिलाफ निरंतर संघर्ष
यह कार्रवाई जशपुर पुलिस के 'ऑपरेशन आघात' का ही हिस्सा है, जिसका उद्देश्य जिले को नशा मुक्त बनाना है। पुलिस विभाग लगातार सूचनाएं जुटाकर और तकनीकी संसाधनों का उपयोग करके ऐसे अपराधियों की पहचान कर रहा है जो समाज में जहर घोल रहे हैं। नशे के अवैध कारोबारियों की आर्थिक कमर तोड़ने से न सिर्फ अपराधों में कमी आएगी बल्कि युवाओं को भी इस दलदल में फंसने से बचाया जा सकेगा।
नशे का कारोबार न केवल व्यक्तियों को शारीरिक और मानसिक रूप से खोखला करता है, बल्कि सामाजिक ताने-बाने को भी कमजोर करता है। पुलिस, प्रशासन और जनता के सहयोग से ही इस चुनौती का प्रभावी ढंग से सामना किया जा सकता है। जशपुर पुलिस की यह कार्रवाई इस दिशा में एक महत्वपूर्ण और प्रशंसनीय कदम है, जो अन्य जिलों के लिए भी एक मिसाल पेश कर सकती है।
आने वाले समय में, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस तरह की कार्रवाइयां कितनी प्रभावी साबित होती हैं और क्या यह वास्तव में जशपुर को नशा मुक्त बनाने में सफल हो पाती हैं। लेकिन इतना तय है कि पुलिस ने अपनी मंशा स्पष्ट कर दी है: नशे के खिलाफ अब कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी।
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