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रायपुर: राजधानी रायपुर के सदर बाजार इलाके में शनिवार तड़के एक सनसनीखेज वारदात ने पूरे शहर को स्तब्ध कर दिया है। दीपावली जैसे बड़े त्योहार से ठीक पहले, दो नकाबपोश बदमाशों ने एक सराफा कारोबारी राहुल गोयल को बंधक बनाकर, दवा सुंघाकर बेहोश किया और फिर उनके फ्लैट से करीब 86 किलो चांदी के गहने लूट लिए। इस घटना ने न सिर्फ सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि शहर के व्यापारियों में भी दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। लूट की इस वारदात में चोरों ने जिस शातिर तरीके से पूरी घटना को अंजाम दिया है, वह पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है।
साजिशपूर्ण तरीके से वारदात को अंजाम
यह घटना सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र के अंतर्गत जैन मंदिर के पीछे स्थित राजधानी पैलेस में हुई। जानकारी के मुताबिक, शनिवार सुबह लगभग [समय, यदि उपलब्ध हो, अन्यथा 'तड़के'] दो नकाबपोश बदमाश राजधानी पैलेस पहुंचे। उनके पास कथित तौर पर हथियार भी थे। उन्होंने सीधे सराफा कारोबारी राहुल गोयल के फ्लैट का दरवाजा खटखटाया। जैसे ही गोयल ने दरवाजा खोला, बदमाशों ने उनकी कनपटी पर बंदूक तान दी। यह दर्शाता है कि लुटेरों के पास कारोबारी से जुड़ी पुख्ता जानकारी थी और उन्होंने पूरी योजना बनाकर इस वारदात को अंजाम दिया।
राहुल गोयल, जो मूल रूप से उत्तर प्रदेश के आगरा शहर के रहने वाले बताए जा रहे हैं, अक्सर रायपुर आकर गहनों का व्यवसाय करते हैं। यह जानकारी इस ओर इशारा करती है कि लुटेरों ने शायद कारोबारी की गतिविधियों पर पहले से नजर रखी हुई थी।
दवा सुंघाकर बेहोश किया, फिर की लूटपाट
बदमाशों ने कारोबारी को सिर्फ बंदूक की नोक पर नहीं धमकाया, बल्कि उन्हें एक दवा सुंघाकर बेहोश भी कर दिया। इसके बाद उनके हाथ-पैर बांध दिए गए, ताकि वे किसी भी तरह का प्रतिरोध न कर सकें और न ही मदद के लिए पुकार सकें। इस सुनियोजित तरीके से यह स्पष्ट होता है कि लुटेरे पूरी तैयारी के साथ आए थे। बेहोश करने और बांधने के बाद बदमाशों ने इत्मीनान से पूरे फ्लैट की तलाशी ली और वहां रखे लगभग 86 किलोग्राम चांदी के गहनों को अपने कब्जे में ले लिया। लूटी गई चांदी की अनुमानित कीमत 1 करोड़ 50 लाख रुपये बताई जा रही है, जो इसे इस साल की सबसे बड़ी वारदातों में से एक बनाती है।
सीसीटीवी डीवीआर भी ले गए साथ
लूट को अंजाम देने के बाद, बदमाशों ने एक और बेहद शातिर कदम उठाया। उन्होंने घटनास्थल से सीसीटीवी कैमरे का डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर (DVR) भी अपने साथ ले लिया। यह कदम साफ तौर पर उनकी मंशा को दर्शाता है कि वे अपने पीछे कोई भी सबूत नहीं छोड़ना चाहते थे, जिससे पुलिस उन तक पहुंच सके। डीवीआर ले जाने से पुलिस को आरोपियों की पहचान करने में प्रारंभिक तौर पर कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है।
लूट के बाद, लुटेरे पहले माले से रस्सी के सहारे उतरकर मौके से फरार हो गए। यह तरीका भी दर्शाता है कि उन्होंने भागने का रास्ता भी पहले से तय कर रखा था, जो पुलिस के लिए उनकी तलाश को और जटिल बना सकता है।
पुलिस जांच जारी, सुराग की तलाश
घटना की सूचना मिलते ही एडिशनल एसपी लखन पटले सहित पुलिस टीम मौके पर पहुंची। पुलिस को कारोबारी राहुल गोयल हाथ-पैर बंधे और बेहोशी की हालत में मिले। उन्हें तत्काल सहायता प्रदान की गई। एडिशनल एसपी पटले ने मीडिया को बताया कि बदमाशों ने कारोबारी के फ्लैट से 86 किलोग्राम चांदी के गहने चुराए हैं। उन्होंने यह भी पुष्टि की कि पुलिस आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगालकर आरोपियों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। हालांकि, डीवीआर चोरी होने के कारण यह प्रक्रिया चुनौतीपूर्ण हो सकती है।
पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कई टीमें गठित की हैं। वे संभावित सुरागों जैसे कि फिंगरप्रिंट्स, घटनास्थल के आसपास के लोगों से पूछताछ और अन्य तकनीकी माध्यमों से बदमाशों का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, अभी तक इस मामले में किसी की गिरफ्तारी की खबर नहीं है।
शहर में दहशत और सुरक्षा पर सवाल
दीपावली से पहले इस तरह की बड़ी वारदात ने रायपुर के व्यापारी वर्ग में दहशत फैला दी है। सदर बाजार जैसे भीड़भाड़ वाले और प्रमुख व्यावसायिक इलाके में दिन दहाड़े (या तड़के, जब लोग उठ रहे हों) ऐसी घटना का होना शहर की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है। व्यापारियों ने पुलिस से कड़ी कार्रवाई और सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की मांग की है।
इस घटना ने पुलिस की गश्त और निगरानी प्रणाली की प्रभावशीलता पर भी प्रश्नचिह्न लगा दिया है। यह देखना होगा कि रायपुर पुलिस इस चुनौती का सामना कैसे करती है और कितनी जल्दी इन शातिर लुटेरों को पकड़कर लूटी गई चांदी बरामद कर पाती है। इस मामले की गहनता से जांच और दोषियों पर त्वरित कार्रवाई ही जनता के विश्वास को बहाल कर सकती है। आगामी दिनों में पुलिस की जांच के परिणाम पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।
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