कामठी गांव में दुर्गा पंडाल विवाद सुलझा, ग्रामीणों ने की उपद्रवियों पर कार्रवाई की मांग, छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले के पंडरिया विधानसभा क्षेत्र के कामठी गांव में दुर्गा पंडाल को लेकर चल रहा विवाद आखिरकार सुलझ गया है। ग्रामीणों ने उस घटना को लेकर थाने में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें दुर्गा पंडाल को उखाड़ दिया गया था।
पुलिस की निगरानी में पंडाल स्थापित, शांति बहाल
कुकदूर थाना पुलिस मौके पर तैनात है, और पुलिस की मौजूदगी में ही दुर्गा प्रतिमा का पंडाल स्थापित किया गया है। नवरात्रि के पहले दिन प्रतिमा की स्थापना भी शांतिपूर्वक संपन्न हो गई। कल की घटना के बाद आज गांव में किसी भी तरह के वाद-विवाद की स्थिति नहीं बनी है और शांति का माहौल है। एसपी धर्मेंद्र सिंह छवई ने बताया कि शांति व्यवस्था बहाल होने तक गांव में पुलिस बल तैनात रहेगा। उन्होंने असामाजिक तत्वों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि माहौल बिगाड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।कामठी गांव में दुर्गा पंडाल विवाद सुलझा
ग्रामीणों की शिकायत: माहौल बिगाड़ने वालों पर हो कार्रवाई
ग्रामीणों ने बैठक कर रविवार की घटना पर अपनी नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने कुकदूर थाना प्रभारी को एक लिखित आवेदन देकर गांव का माहौल बिगाड़ने वाले और पंडाल उखाड़ने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।कामठी गांव में दुर्गा पंडाल विवाद सुलझा
मंदिर परिसर में प्रवेश को लेकर पुराना विवाद
शिकायत में ग्रामीणों ने बताया कि वे कामठी गांव के मूल निवासी हैं और ग्राम स्थित मंदिर तथा विग्रहों के प्रति उनकी गहरी आस्था है। पांच वर्ष पहले तक मंदिर परिसर का बाउंड्रीवाल नहीं था और सभी लोग बिना किसी रोक-टोक के पूजा-अर्चना करते थे। लेकिन, जब से बड़ादेव को मानने वाले कुछ गोंडवाना गणतंत्र के व्यक्तियों ने बिना ग्रामवासियों की सहमति और ग्राम पंचायत की अनुमति के बाउंड्रीवाल का निर्माण कराया है, तब से सनातनी परंपरा से पूजा करने वाले श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश और पूजा-पाठ करने से रोका जा रहा है। मंदिर परिसर में ताला भी लगा दिया गया है, और बड़ादेव के पुजारी के परिसर में निवास करने के बाद से यह समस्या और बढ़ गई है।कामठी गांव में दुर्गा पंडाल विवाद सुलझा
लाठीचार्ज और तोड़फोड़ पर सख्त कार्रवाई की मांग
ग्रामीणों ने यह भी शिकायत की है कि 21 सितंबर की पूर्व संध्या पर लिंगो समुदाय के लोगों ने परिसर के मुख्य द्वार पर ताला जड़ दिया था, जिससे दुर्गा स्थापना और प्रवेश बाधित हुआ। जब स्थानीय ग्रामवासियों ने बाउंड्रीवाल के पटरे निकालकर अंदर प्रवेश किया, तो वहां तैनात पुलिस बल ने माताओं और बहनों पर लाठियों से बल प्रयोग किया। कामठी ग्रामवासियों की मांग है कि लाठीचार्ज का आदेश देने वाले और निर्दोष लोगों पर लाठियां बरसाने वाले पुलिसकर्मियों को निलंबित किया जाए। साथ ही, दुर्गा पंडाल उखाड़ने वालों और मारपीट-गाली-गलौज करने वालों के खिलाफ भी कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि इस विवाद का स्थायी हल निकल सके।कामठी गांव में दुर्गा पंडाल विवाद सुलझा
हनुमान प्रतिमा खंडित करने का भी आरोप
ग्रामीणों ने बताया कि इससे पहले वर्ष 2023-24 में भी हनुमान जी की प्रतिमा को खंडित किया गया था, जिसकी शिकायत प्रशासन से की गई थी, लेकिन आज तक कोई संतोषजनक कार्रवाई नहीं हुई है। पिछले वर्ष शारदीय नवरात्रि में भी दुर्गा स्थापना रोकने के लिए मंदिर द्वार पर ताला लगा दिया गया था और मारपीट की कोशिश की गई थी। उस समय भी प्रशासन की मध्यस्थता और स्थायी समाधान के आश्वासन के साथ दुर्गा जी की स्थापना की गई थी, लेकिन आज तक इस झगड़े का स्थायी समाधान नहीं हो पाया है।कामठी गांव में दुर्गा पंडाल विवाद सुलझा