कोरबा में राखड़ माफिया का तांडव: आदिवासी युवक का अपहरण कर बेरहमी से पीटा, शिकायतकर्ता को मिली जान से मारने की धमकी

कोरबा के पंडरीपानी में एक आदिवासी युवक का दिनदहाड़े अपहरण कर बुरी तरह पीटा गया। यह घटना सीएसईबी कर्मी और राखड़ ठेकेदारों के गुर्गों द्वारा की गई, जिसने पूर्व में राखड़ डेम में हुई गड़बड़ियों की शिकायत की थी। क्या प्रशासन इस माफिया राज पर लगाम लगा पाएगा? जानें इस सनसनीखेज वारदात का पूरा सच और सवालों के घेरे में खड़ी व्यवस्था।

Published on

कोरबा में 'राखड़' का काला खेल, शिकायत करने वाले आदिवासी युवक का अपहरण कर बेदम पीटा, क्या बेखौफ हैं माफिया?

कोरबा : न्याय और सुरक्षा की कसौटी पर एक बार फिर छत्तीसगढ़ का कोरबा जिला खड़ा है, जहाँ राखड़ के काले कारोबार से जुड़े गुर्गों की गुंडागर्दी ने सारे हदें पार कर दी हैं। सिविल लाइन थाना क्षेत्र अंतर्गत पंडरीपानी गांव से एक आदिवासी युवक इंद्रपाल सिंह कंवर का दिनदहाड़े अपहरण कर लिया गया। आरोप है कि सीएसईबी (छत्तीसगढ़ स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड) के एक कर्मचारी और हेमस कॉर्पोरेशन नामक राखड़ ठेकेदार के गुर्गों ने उसे न केवल बर्बर तरीके से पीटा, बल्कि अधमरे हालात में सड़क किनारे फेंककर जान से मारने की धमकी भी दी। यह घटना उन तमाम सवालों को खड़ा करती है कि आखिर कोरबा में माफिया राज इतना बेखौफ क्यों है, और शिकायतकर्ताओं की सुरक्षा का क्या होगा?

घटना का काला साया: कब, कहाँ, कैसे?

रविवार को पंडरीपानी गांव में एक आम दिन की तरह ही इंद्रपाल सिंह कंवर अपने रोज़मर्रा के काम में व्यस्त थे। वे गांव में ही सिविल ठेकेदार का काम करते हैं और उस दिन प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत दुखनी बाई के मकान की नापी कर रहे थे। अचानक, दोपहर के समय, उनकी शांति भंग हो गई जब सीएसईबी कर्मी नंदू पटेल अपने साथियों, जिनमें राखड़ ठेकेदार हेमस कॉर्पोरेशन का सुपरवाइजर भी शामिल था, के साथ मौके पर पहुँच गया। बिना किसी स्पष्ट उकसावे के, उन सभी ने मिलकर इंद्रपाल पर हमला बोल दिया।

Google Advertisement

प्रत्यक्षदर्शियों (यदि कोई हो) और पीड़ित के बयानों के अनुसार, हमलावरों ने इंद्रपाल को बेरहमी से पीटा। उनकी क्रूरता यहीं नहीं रुकी। मारपीट के बाद, उन्होंने जबरदस्ती इंद्रपाल को एक स्कॉर्पियो गाड़ी में धकेल दिया और मौके से फरार हो गए।

अपहरण और बर्बरता की कहानी:

पीड़ित इंद्रपाल सिंह कंवर की आपबीती सुनकर किसी का भी दिल दहल उठेगा। उनके अनुसार, स्कॉर्पियो में बिठाने के बाद, हमलावरों ने रास्ते भर उनका चेहरा ढका रखा और लगातार मारपीट करते रहे। यह शारीरिक यातना शारदा विहार स्थित एक दफ्तर में भी जारी रही, जहाँ उन्हें एक बार फिर बुरी तरह पीटा गया।

जब हमलावरों का मन भर गया और इंद्रपाल अधमरे हो गए, तो उन्हें ढेलवाडीह जाने वाले मुख्य मार्ग पर फेंक दिया गया। जाते-जाते हमलावरों ने इंद्रपाल को सख्त धमकी दी: "अगर तुमने पुलिस में शिकायत की, तो तुम्हें ट्रक से कुचलकर जान से मार देंगे।" यह धमकी मात्र शब्दों में नहीं, बल्कि उस भयानक कृत्य में निहित थी जो उन्होंने अभी-अभी किया था।

माफियाई खेल के पीछे की कहानी: नंदू पटेल और हेमस कॉर्पोरेशन

Google Advertisement

इस वारदात के पीछे की वजह अभी आधिकारिक तौर पर स्पष्ट नहीं हुई है, लेकिन स्थानीय सूत्रों और पीड़ित के बयानों से जो जानकारी सामने आ रही है, वह बेहद चिंताजनक है। इस घटना में नंदू पटेल और हेमस कॉर्पोरेशन के सुपरवाइजर के अलावा दुरेंद्र पटेल और राजू पटेल नामक व्यक्तियों के भी शामिल होने की बात कही जा रही है।

बताया जा रहा है कि इस मारपीट का कारण इंद्रपाल द्वारा पूर्व में की गई एक शिकायत है। इंद्रपाल ने गोढ़ी स्थित सीएसईबी राखड़ डेम में चल रही कथित गड़बड़ियों को लेकर शिकायत दर्ज कराई थी। यह शिकायत उस बड़े पैमाने पर हो रहे भ्रष्टाचार की ओर इशारा करती है, जहाँ राखड़ के नाम पर अनियमितताएं चरम पर हैं।

सीएसईबी कर्मी का माफिया कनेक्शन?
सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि आरोपी नंदू पटेल खुद सीएसईबी का एक कर्मचारी बताया जा रहा है। आरोप है कि वह अपने पद का दुरुपयोग करते हुए पूरे राखड़ मैनेजमेंट को अपने नियंत्रण में रखता है। वह न केवल अपनी गाड़ियों को अवैध रूप से चलवाता है, बल्कि बड़े पैमाने पर "बोगस बिल" बनवाने का खेल भी करता है। नंदू पटेल का नाम पहले भी कई बार मारपीट और धमकी की घटनाओं में सामने आ चुका है, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से उस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

हेमस कॉर्पोरेशन: दागदार इतिहास?
इस मामले में दूसरा प्रमुख नाम हेमस कॉर्पोरेशन का है। यह कोई साधारण ठेकेदार कंपनी नहीं है, बल्कि इसका नाम पहले भी सीएसईबी में हुए एक बड़े राखड़ घोटाले में सामने आ चुका है। ऐसे में इस कंपनी का एक बार फिर विवादों में आना, राखड़ के कारोबार में गहरे बैठे भ्रष्टाचार और आपराधिक गठजोड़ को उजागर करता है।

प्रशासन की चुप्पी और जनता के सवाल:

Google Advertisement

स्थानीय लोगों में इस घटना को लेकर भारी आक्रोश है। वे सवाल उठा रहे हैं कि आखिर एक सीएसईबी कर्मी खुलेआम माफियाई तरीके से कैसे काम कर सकता है? वर्षों से उसकी गतिविधियों की शिकायतें होने के बावजूद प्रशासन क्यों चुप बैठा है? क्या सत्ता और प्रभावशाली लोगों का संरक्षण इन अपराधियों को बेखौफ कर रहा है?

पीड़ित परिवार ने शासन-प्रशासन से आरोपियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उनकी यह मांग जायज़ है, क्योंकि अगर एक शिकायतकर्ता को इस तरह से निशाना बनाया जाता है, तो भविष्य में कोई भी व्यक्ति भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के खिलाफ आवाज़ उठाने की हिम्मत नहीं कर पाएगा। यह घटना केवल इंद्रपाल सिंह कंवर पर हमला नहीं है, बल्कि यह न्याय और पारदर्शिता के सिद्धांतों पर हमला है।

पुलिस की भूमिका और आगे की राह:

फिलहाल, पीड़ित इंद्रपाल सिंह कंवर ने सिविल लाइन थाना में शिकायत दर्ज करा दी है। लोगों में यह उम्मीद जगी है कि पुलिस इस मामले को गंभीरता से लेगी और आरोपियों को कानून के कटघरे में खड़ा करेगी। पुलिस को न केवल मारपीट और अपहरण के आरोपियों पर कार्रवाई करनी होगी, बल्कि इस घटना के पीछे के पूरे "राखड़ माफिया" के नेटवर्क को भी उजागर करना होगा।

यह मामला सिर्फ एक व्यक्तिगत विवाद नहीं, बल्कि कोरबा में पनपते आपराधिक सिंडिकेट और प्रशासनिक उदासीनता की एक बड़ी तस्वीर पेश करता है। प्रशासन को इस पर तुरंत संज्ञान लेना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि शिकायतकर्ताओं को सुरक्षा मिले और माफिया राज का अंत हो। यदि इस घटना पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो यह न केवल अपराधियों के हौसले बढ़ाएगी, बल्कि आम जनता का न्याय प्रणाली पर से विश्वास भी उठा देगी। कोरबा, राखड़ के इस काले धुएँ से कब मुक्त होगा, यह देखना अभी बाकी है।

Want to engage with this content?

Like, comment, or share this article on our main website for the full experience!

Go to Main Website for Full Features

Dr. Tarachand Chandrakar

Senior Journalist & Editor, Nidar Chhattisgarh

Dr. Tarachand Chandrakar is a respected journalist with decades of experience in reporting and analysis. His deep knowledge of politics, society, and regional issues brings credibility and authority to Nidar Chhattisgarh. Known for his unbiased reporting and people-focused journalism, he ensures that readers receive accurate and trustworthy news.

More by this author →
👉 Read Full Article on Website