कोरबा में 'स्वच्छता ही सेवा' का महाअभियान: एक स्वच्छ और विकसित भविष्य की नींव
कोतबा : स्वच्छ और स्वस्थ समाज की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए, छत्तीसगढ़ के कोतबा नगर में बुधवार, 17 सितंबर 2025 को 'स्वच्छता पखवाड़ा' और 'सेवा पखवाड़ा' का भव्य शुभारंभ किया गया। नगर पंचायत कार्यालय से निकली एक विशाल जागरूकता रैली के साथ इस 15 दिवसीय महाअभियान का शंखनाद हुआ, जिसमें स्कूली बच्चों से लेकर नगर के जनप्रतिनिधियों और आम नागरिकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। यह सिर्फ कूड़ा हटाने का अभियान नहीं, बल्कि एक ऐसी पहल है जो कोतबा को स्वच्छता, आत्मनिर्भरता और डिजिटल सशक्तिकरण के मार्ग पर आगे बढ़ाएगी।
एक रैली, अनेक संदेश
सुबह के समय, कोतबा नगर पंचायत परिसर से शुरू हुई रैली में एक अद्भुत ऊर्जा देखने को मिली। स्कूली बच्चे अपनी यूनिफॉर्म में, हाथों में स्वच्छता के नारे लिखी तख्तियां लिए, पूरे जोश के साथ 'स्वच्छ भारत' और 'स्वच्छ कोतबा' के नारे लगा रहे थे। उनके साथ नगर की 'स्वच्छता दीदियां' (सफाई कर्मी), नगर पंचायत के अधिकारी-कर्मचारी और जनप्रतिनिधि भी कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे थे। इस रैली का नेतृत्व नगर पंचायत उपाध्यक्ष सुमन सुनील शर्मा ने किया, जो स्वयं हरी झंडी दिखाकर अभियान को गति प्रदान कर रही थीं।
यह रैली तिलगोड़ा प्रांगण से होती हुई चौहान पारा, राम मंदिर पारा, परशुराम चौक और मुख्य बस स्टैंड तक पहुंची। मार्ग में जगह-जगह रुककर नागरिकों को स्वच्छता के महत्व से अवगत कराया गया और उन्हें इस अभियान का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित किया गया। बस स्टैंड पर सभी प्रतिभागियों को स्वच्छता की शपथ दिलाई गई, जिसमें नगर पंचायत उपाध्यक्ष सुमन सुनील शर्मा, पार्षद पंकज शर्मा, पुलिस बल के जवान और आम नागरिक भी शामिल थे। यह शपथ सिर्फ शब्दों का दोहराव नहीं, बल्कि स्वच्छ और सुंदर कोतबा के निर्माण के प्रति सामूहिक प्रतिबद्धता का प्रतीक थी।
स्वच्छता से सेवा तक: एक व्यापक दृष्टिकोण
नगर पालिका अधिकारी टी.आर. यादव ने बताया कि यह विशेष अभियान भारत सरकार और प्रदेश शासन के निर्देशानुसार 17 सितंबर से 02 अक्टूबर 2025 तक पूरे जनपद में चलाया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह सिर्फ स्वच्छता तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके दो मुख्य आयाम हैं: 'स्वच्छता ही सेवा 2025' और 'सेवा पखवाड़ा 2025'।
'स्वच्छता ही सेवा' कार्यक्रम के तहत विशेष रूप से उन कठिन और उपेक्षित स्थलों की सफाई पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जहां आमतौर पर गंदगी का अंबार रहता है। सार्वजनिक स्थानों, बाजार क्षेत्रों और रिहायशी इलाकों में व्यापक सफाई अभियान चलाए जाएंगे। इसके साथ ही, नागरिकों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए विभिन्न गतिविधियां भी आयोजित होंगी।
वहीं, 'सेवा पखवाड़ा' के अंतर्गत विकास, आत्मनिर्भर भारत, डिजिटल भारत और सांस्कृतिक चेतना से जुड़े विविध कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। यह एक ऐसा मंच होगा जहां नगर के विकास को गति देने, स्थानीय उद्यमिता को बढ़ावा देने, नागरिकों को डिजिटल रूप से साक्षर बनाने और अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को पुनर्जीवित करने के प्रयासों को बल मिलेगा।
युवा शक्ति का आह्वान: भविष्य के लिए निवेश
इस अभियान की एक महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि इसमें युवाओं की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। विद्यालयों और महाविद्यालयों के छात्र-छात्राओं को इस महाअभियान से जोड़ा जाएगा। इसके तहत चित्रकला प्रतियोगिताएं, निबंध लेखन, वाद-विवाद प्रतियोगिताएं, सांस्कृतिक कार्यक्रम और स्वच्छता रैलियां आयोजित की जा रही हैं।
"युवा हमारे भविष्य के निर्माता हैं," टी.आर. यादव ने कहा। "उन्हें इस अभियान से जोड़कर हम न केवल आज स्वच्छता सुनिश्चित कर रहे हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ी में स्वच्छता और सेवा भावना के बीज बो रहे हैं। यह एक निवेश है जो हमें एक स्वच्छ, जागरूक और प्रगतिशील समाज के रूप में लाभांश देगा।"
छात्र-छात्राओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के पीछे यह सोच भी है कि वे अपने घरों और समुदायों में स्वच्छता के दूत बन सकें। एक बच्चा जो स्कूल में स्वच्छता का महत्व सीखता है, वह अपने परिवार और पड़ोसियों को भी प्रेरित करता है, जिससे सकारात्मक बदलाव की एक श्रृंखला शुरू होती है।
सामुदायिक भागीदारी की शक्ति
कोतबा में चल रहा यह अभियान इस बात का प्रमाण है कि जब सरकार, स्थानीय प्रशासन, जनप्रतिनिधि और आम नागरिक मिलकर किसी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध होते हैं, तो बड़े से बड़े परिवर्तन संभव हो जाते हैं। नगर पंचायत उपाध्यक्ष सुमन सुनील शर्मा ने सभी नागरिकों से अपील की कि वे इस पखवाड़े को सिर्फ एक सरकारी कार्यक्रम न समझें, बल्कि इसे अपने नगर को स्वच्छ और सुंदर बनाने का एक व्यक्तिगत संकल्प मानें।
कोतबा का यह अभियान महात्मा गांधी के उस सपने को साकार करने की दिशा में एक छोटा, लेकिन महत्वपूर्ण कदम है, जहां हर व्यक्ति अपने आसपास की स्वच्छता के प्रति जागरूक और जिम्मेदार हो। यह सिर्फ कूड़ा हटाने का काम नहीं, बल्कि स्वस्थ जीवन शैली अपनाने, पर्यावरण की रक्षा करने और एक बेहतर समुदाय का निर्माण करने का संकल्प है।
आने वाले 15 दिनों में कोतबा में न केवल सड़कों और गलियों की सफाई होगी, बल्कि नागरिकों के मन में भी स्वच्छता और सेवा का बीज बोया जाएगा। यह अभियान सिर्फ एक पखवाड़ा नहीं, बल्कि एक नए, स्वच्छ और विकसित कोतबा की कहानी का प्रस्तावना है, जहां हर नागरिक गर्व से कह सके: "मेरा कोतबा, मेरा स्वच्छ कोतबा।"