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कुम्हारी में केमिकल का तांडव, पलटा मिनी-ट्रक, कॉलोनी में मचा हड़कंप
भिलाई : आज सुबह करीब 11 बजे भिलाई से रायपुर की ओर जाने वाले फोरलेन पर उस वक्त अफरा-तफरी मच गई जब कुम्हारी के पास एक तेज रफ्तार मिनी-ट्रक अनियंत्रित होकर पलट गया। इस हादसे का सबसे भयावह पहलू यह था कि ट्रक के पीछे लगा टैंकर साबुन निर्माण में इस्तेमाल होने वाले केमिकल से भरा था, जो पलटने के साथ ही सड़क पर फैल गया। देखते ही देखते जहरीले केमिकल का रिसाव इतना बढ़ गया कि पास की खारुन ग्रीन कॉलोनी तक उसकी तीखी गंध और उसके प्रभाव ने लोगों को अपनी चपेट में ले लिया। स्थानीय निवासियों में अचानक दहशत फैल गई, कई लोगों ने सांस लेने में तकलीफ और आंखों में जलन की शिकायत की, जिससे पूरे इलाके में आपातकालीन स्थिति उत्पन्न हो गई।
घटना का विस्तृत ब्यौरा: कैसे हुआ यह हादसा?
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सीजी-04 एलएफ-7015 नंबर का यह मिनी-ट्रक रायपुर से दुर्ग की दिशा में जा रहा था। सुबह करीब 11 बजे, कुम्हारी फोरलेन पर अचानक ट्रक का पिछला टायर फट गया। टायर फटने के साथ ही चालक गुलाब साहू और हेल्पर इमरान ने वाहन पर से नियंत्रण खो दिया। ट्रक तेजी से बेकाबू होकर सड़क पर पलट गया, और उसके पीछे लगा केमिकल से भरा टैंकर भी लुढ़कता हुआ सड़क पर बिखर गया। टैंकर में भरा केमिकल तत्काल सड़क पर फैलने लगा, जिससे कुछ ही पलों में हवा में एक तीखी और घुटन भरी गंध फैल गई।
खारुन ग्रीन कॉलोनी, जो घटनास्थल से महज कुछ ही दूरी पर स्थित है, के निवासियों तक यह केमिकल और उसकी गंध बहुत तेजी से पहुंची। शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार, कॉलोनी के लोग अचानक उठी तीखी गंध से असहज महसूस करने लगे। कई लोगों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी, जबकि कुछ बच्चों और बुजुर्गों ने आंखों में तेज जलन की शिकायत की। यह स्थिति इतनी भयावह थी कि कॉलोनी में तुरंत ही डर का माहौल बन गया। लोग घरों से बाहर निकल आए और मदद के लिए गुहार लगाने लगे।
प्रशासन की त्वरित प्रतिक्रिया: राहत और बचाव का कार्य
घटना की सूचना मिलते ही कुम्हारी थाना प्रभारी योगेश्वर वर्मा के नेतृत्व में पुलिस टीम और ट्रैफिक पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची। घटनास्थल पर पहुंचते ही पुलिस ने सबसे पहले स्थिति का जायजा लिया और आसपास के इलाके को सुरक्षित करने का प्रयास किया। केमिकल के फैलाव और उसकी तीखी गंध के कारण बचाव दल को भी शुरुआती दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
इसी बीच, नगर पालिका प्रशासन ने भी तुरंत कार्रवाई की। सीएमओ नेतराम चंद्राकर के नेतृत्व में नगर पालिका की टीम ने बड़े पैमाने पर रेत और अन्य सामग्री लेकर घटनास्थल पर पहुंचकर केमिकल के रिसाव को नियंत्रित करने का काम शुरू किया। रेत डालकर केमिकल को सोखने और उसके फैलाव को रोकने का प्रयास किया गया। इस त्वरित कार्रवाई से केमिकल के और अधिक फैलने से रोका जा सका, जिससे स्थिति को और बिगड़ने से बचाया गया।
ट्रैफिक पुलिस ने भी तुरंत मोर्चा संभाला। दुर्घटना के कारण फोरलेन पर भारी जाम लग गया था, जिससे यातायात पूरी तरह से ठप हो गया था। पुलिस ने पलटे हुए मिनी-ट्रक को सड़क किनारे हटाने का काम शुरू किया और वैकल्पिक मार्गों से यातायात को डायवर्ट करने का प्रयास किया। लगभग एक घंटे तक यातायात बाधित रहा, लेकिन दोपहर 12 बजे तक सड़क की सफाई और केमिकल रिसाव को नियंत्रित करने के बाद धीरे-धीरे यातायात को सुचारू कर दिया गया।
जान का नुकसान नहीं, लेकिन भयावह अनुभव
राहत की बात यह है कि इस हादसे में किसी की जान नहीं गई है। ट्रक के चालक और हेल्पर को मामूली चोटें आई हैं, जिन्हें प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। हालांकि, खारुन ग्रीन कॉलोनी के निवासियों और फोरलेन पर फंसे यात्रियों को इस घटना से मानसिक और शारीरिक दोनों तरह की असुविधा का सामना करना पड़ा। केमिकल की गंध और उसके संभावित खतरों ने लोगों में एक गहरा डर पैदा कर दिया।
घटनास्थल पर मौजूद एक निवासी ने बताया, "सुबह हम अपने घरों में थे तभी अचानक एक अजीब सी तीखी गंध आने लगी। पहले लगा कुछ जल गया है, लेकिन जब बाहर निकलकर देखा तो पूरे इलाके में केमिकल फैल रहा था। आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ होने लगी। बहुत डर गए थे कि कहीं यह जहरीला न हो।"
भविष्य के लिए सबक: सुरक्षा मानकों पर जोर
यह घटना एक बार फिर भारी वाहनों के सुरक्षित संचालन और केमिकल जैसे खतरनाक पदार्थों के परिवहन में बरती जाने वाली सावधानियों पर गंभीर सवाल खड़े करती है। प्रशासन ने इस घटना के बाद चेतावनी जारी की है कि ऐसे परिवहन में सुरक्षा मानकों और वाहन की स्थिति की नियमित जांच अत्यंत आवश्यक है। यह सुनिश्चित करना परिवहन कंपनियों और चालकों की जिम्मेदारी है कि वे सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करें, ताकि भविष्य में इस तरह की जानलेवा घटनाओं से बचा जा सके।
यह हादसा एक गंभीर रिमाइंडर है कि सड़क सुरक्षा केवल नियमों का पालन करने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें वाहनों के रखरखाव, टायर की स्थिति की जांच, और खतरनाक सामग्रियों के सुरक्षित परिवहन के लिए विशेष प्रोटोकॉल का पालन करना भी शामिल है। कुम्हारी की यह घटना एक जागृत करने वाला संकेत है कि हमें अपनी सड़कों पर सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी होगी, ताकि ऐसी अप्रिय घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सके। स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करके एक बड़े खतरे को टाल दिया, लेकिन यह घटना भविष्य के लिए महत्वपूर्ण सबक सिखाती है।
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