माँ शारदा मंदिर: जहाँ आस्था और इतिहास का होता है अद्भुत संगम, कटनी जिले के विजयराघवगढ़ में स्थित माँ शारदा मंदिर नवरात्र के दिनों में श्रद्धालुओं के लिए एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र बन जाता है। यहाँ न केवल जिले से, बल्कि पूरे प्रदेश और देश से भक्त माता का आशीर्वाद लेने आते हैं। सन् 1826 में राजा प्रयागदास द्वारा स्थापित यह मंदिर, तब से लेकर आज तक, भक्तों के जीवन में खुशहाली और शांति लाता रहा है।
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माँ शारदा मंदिर: जहाँ आस्था और इतिहास का होता है अद्भुत संगम
🙏 विजयराघवगढ़ की अधिष्ठात्री देवी माँ शारदा
✨ 200 साल से भक्तों पर बरस रही कृपा
🏛️ राजा प्रयागदास ने 1826 में की थी स्थापना
माँ शारदा मंदिर: जहाँ आस्था और इतिहास का होता है अद्भुत संगम, कटनी जिले के विजयराघवगढ़ में स्थित माँ शारदा मंदिर नवरात्र के दिनों में श्रद्धालुओं के लिए एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र बन जाता है। यहाँ न केवल जिले से, बल्कि पूरे प्रदेश और देश से भक्त माता का आशीर्वाद लेने आते हैं। सन् 1826 में राजा प्रयागदास द्वारा स्थापित यह मंदिर, तब से लेकर आज तक, भक्तों के जीवन में खुशहाली और शांति लाता रहा है।
⏳ ऐतिहासिक महत्व का प्रतीक
यह मंदिर सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि इतिहास का एक जीवंत प्रमाण भी है। ऐसा माना जाता है कि माँ के दर्शन मात्र से सभी बाधाएँ दूर हो जाती हैं। 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अंग्रेजों ने मंदिर और किले को काफी नुकसान पहुँचाया था। लेकिन 1984 में मैहर के पंडा देवी प्रसाद द्वारा मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया, जिससे इसकी महिमा फिर से स्थापित हो गई।माँ शारदा मंदिर
🌸 आस्था और पर्यटन का केंद्र
मंदिर के आसपास के सुंदर बाग, जैसे भरत बाग और राम बाग, राम-जानकी मंदिर, चारों धाम की मूर्तियाँ और राजा का प्राचीन किला, इस स्थान को धार्मिक और पर्यटन दोनों ही दृष्टियों से विशेष बनाते हैं। नवरात्र और चैत्र मास में यहाँ विशाल मेला लगता है, जिसमें हजारों की संख्या में भक्त उमड़ते हैं। सुबह से ही भक्त माता को जल चढ़ाने और दर्शन करने के लिए लाइन में लग जाते हैं। भजनों और कीर्तनों की मधुर धुनें पूरे वातावरण को भक्तिमय बना देती हैं।माँ शारदा मंदिर
🌟 जिले का प्रमुख शक्तिपीठ
माँ शारदा को विद्या की देवी सरस्वती का ही एक रूप माना जाता है। मैहर की प्रसिद्ध माँ शारदा मंदिर की तरह, यह धाम भी एक पहाड़ी पर विराजमान है। स्थानीय निवासी सुरेंद्र दुबे के अनुसार, मैहर रियासत के बँटवारे के बाद राजा प्रयागदास विजयराघवगढ़ आए और यहाँ किले के साथ-साथ मंदिर, कुएँ, बावली, तालाब और बगीचों का निर्माण कराया। पिछले 198 वर्षों से यह मंदिर भक्तों को आध्यात्मिक शक्ति प्रदान कर रहा है, और नवरात्र के दौरान माँ शारदा की विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन होता है।माँ शारदा मंदिर
Dr. Tarachand Chandrakar is a respected journalist with decades of experience in reporting and analysis. His deep knowledge of politics, society, and regional issues brings credibility and authority to Nidar Chhattisgarh. Known for his unbiased reporting and people-focused journalism, he ensures that readers receive accurate and trustworthy news.
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