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मनेंद्रगढ़ छात्रा हत्याकांड: एकतरफा प्रेम में ली जान, कोर्ट ने दोषी को सुनाई आजीवन कारावास की सज़ा

एमसीबी जिले के मनेंद्रगढ़ में 8वीं की छात्रा नैंसी गौतम की हत्या मामले में कोर्ट का अहम फैसला। एकतरफा प्रेम प्रसंग में हुई वारदात, आरोपी विरेंद्र कुमार को आजीवन कारावास। जानें पूरी घटना और न्यायिक प्रक्रिया।

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मनेंद्रगढ़ में एकतरफा प्रेम की खूनी दास्तान: 8वीं की छात्रा नैंसी की हत्या पर कोर्ट का बड़ा फैसला, दोषी को मिली आजीवन कारावास की सजा

बैकुंठपुर/मनेंद्रगढ़ : छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर (MCB) जिले में 8 माह पूर्व हुई एक हृदयविदारक घटना पर न्यायालय ने अपना फैसला सुना दिया है। एकतरफा प्रेम-प्रसंग के चलते 8वीं कक्षा में अध्ययनरत एक स्कूली छात्रा की निर्मम हत्या के मामले में प्रथम अपर सत्र न्यायालय मनेंद्रगढ़ ने आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। यह फैसला न केवल पीड़ित परिवार को कुछ हद तक न्याय दिलाएगा, बल्कि समाज में ऐसे जघन्य अपराधों को अंजाम देने वालों के लिए एक कड़ा संदेश भी देगा।

स्कूल से घर लौट रही थी नैंसी, रास्ते में मिला मौत का साया

लोक अभियोजक द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, मृतका नैंसी गौतम (15 वर्ष) कक्षा आठवीं में पढ़ती थी। 31 जनवरी 2025 की सुबह नैंसी के पिता शिवनारायण गौतम उसे स्कूल छोड़कर अपनी गार्ड की ड्यूटी पर चले गए थे। दोपहर 12:30 बजे स्कूल की छुट्टी होने के बाद नैंसी पैदल अपने घर जाने के लिए निकली। यह सामान्य दिनचर्या थी, लेकिन किसे पता था कि यह उसका अंतिम सफर होगा।

जब दोपहर लगभग 1 बजे नैंसी के पिता घर पहुंचे और उसे वहां नहीं पाया, तो माता-पिता परेशान हो गए। कुछ समय बाद शिवनारायण के भतीजे ने उन्हें एक भयानक खबर दी: शाम करीब 4 बजे नैंसी की किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा रेलवे कॉलोनी स्थित एक खंडहर क्वार्टर में हत्या कर दी गई है। यह सुनते ही पिता के होश उड़ गए और परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।

रेलवे के खंडहर क्वार्टर में मिला शव, पुलिस ने शुरू की जांच

सूचना मिलते ही पिता तत्काल पुलिस के साथ रेलवे कॉलोनी के उस खंडहर पड़े क्वार्टर में पहुंचे। वहां उन्होंने अपनी बेटी नैंसी को मृत अवस्था में पाया। यह दृश्य हृदय विदारक था और पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए धारा 103(1) बीएनएस के तहत अपराध दर्ज किया और जांच शुरू कर दी।

पुलिस की गहन विवेचना में यह मामला एकतरफा प्रेम-प्रसंग से जुड़ा पाया गया। जांच के बाद पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए रेलवे कॉलोनी मनेंद्रगढ़ निवासी विरेंद्र कुमार उर्फ शनि, पिता स्वर्गीय अजीत कुमार, को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था।

न्यायालय का अहम फैसला: आजीवन कारावास की सजा

इस जघन्य हत्याकांड की सुनवाई प्रथम अपर सत्र न्यायालय मनेंद्रगढ़ में चल रही थी। लगभग 8 माह तक चली सुनवाई और सबूतों के परीक्षण के बाद, कोर्ट ने आरोपी विरेंद्र कुमार उर्फ शनि को दोषी करार दिया। कोर्ट ने आरोपी को धारा 103(1) बीएनएस के तहत आजीवन कारावास और 1000 रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। इसके अतिरिक्त, धारा 238-क बीएनएस के तहत उसे 2 साल का सश्रम कारावास और 500 रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है।

यह फैसला समाज में बढ़ती ऐसी घटनाओं के प्रति न्यायालय की गंभीरता को दर्शाता है, जहां एकतरफा प्रेम के नाम पर हिंसक वारदातें अंजाम दी जाती हैं। नैंसी गौतम के परिवार के लिए यह फैसला शायद उस गहरे घाव को पूरी तरह से नहीं भर पाएगा जो उन्होंने अपनी बेटी को खोकर पाया है, लेकिन यह उन्हें कुछ हद तक मानसिक शांति और न्याय का एहसास जरूर देगा।

बढ़ते अपराध और समाज पर उनका प्रभाव

मनेंद्रगढ़ की यह घटना सिर्फ एक आपराधिक मामला नहीं है, बल्कि यह समाज में बढ़ती हिंसक प्रवृत्तियों और युवा मन में पनप रहे गलत प्रेम प्रसंगों की एक गंभीर तस्वीर भी पेश करती है। ऐसे मामलों में न केवल एक जीवन समाप्त होता है, बल्कि एक परिवार का भविष्य तबाह हो जाता है और समाज में भय और असुरक्षा का माहौल बनता है।
यह घटना हमें कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर सोचने को मजबूर करती है:

  1. युवाओं में मानसिक स्वास्थ्य: एकतरफा प्रेम या अस्वीकृति को स्वीकार न कर पाने की प्रवृत्ति युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर सवाल उठाती है। इस दिशा में जागरूकता और परामर्श की आवश्यकता है।

  2. कानून का डर और उसकी प्रभावी पहुँच: ऐसे मामलों में त्वरित और प्रभावी कानूनी कार्रवाई ही अपराधियों में भय पैदा कर सकती है।

  3. स्कूल और अभिभावकों की भूमिका: बच्चों में सही-गलत की समझ पैदा करना, उन्हें किसी भी तरह के उत्पीड़न या परेशानी को साझा करने के लिए प्रोत्साहित करना अत्यंत आवश्यक है।

नैंसी गौतम की हत्या और उस पर आया यह न्यायिक फैसला समाज को एक कड़ा संदेश देता है कि ऐसे अपराधों को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह उम्मीद की जाती है कि यह फैसला ऐसे जघन्य अपराधों पर अंकुश लगाने में सहायक होगा और हमारे समाज को एक सुरक्षित और न्यायपूर्ण स्थान बनाने की दिशा में एक कदम साबित होगा।

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Dr. Tarachand Chandrakar

Senior Journalist & Editor, Nidar Chhattisgarh

Dr. Tarachand Chandrakar is a respected journalist with decades of experience in reporting and analysis. His deep knowledge of politics, society, and regional issues brings credibility and authority to Nidar Chhattisgarh. Known for his unbiased reporting and people-focused journalism, he ensures that readers receive accurate and trustworthy news.

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