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नगर निगम उपयंत्री रिश्वत मामले में नया मोड़: फरियादी ने सौंपे साझेदारी के दस्तावेज़, विशेष सत्र न्यायालय में चल रहे नगर निगम उपयंत्री वर्षा मिश्रा के रिश्वत मामले में नया मोड़ आ गया है। शनिवार को हुई सुनवाई में फरियादी अनूप यादव ने अपनी गवाही पूरी करते हुए चौंकाने वाले खुलासे किए। यादव ने दावा किया कि उसने ठेकेदार की सहमति के बाद ही उपयंत्री को रिश्वत दी थी, और इस दावे के समर्थन में साझेदारी के दस्तावेज भी न्यायालय में सौंपे हैं।
फरियादी का दावा: ठेकेदार की सहमति से दी रिश्वत
ईओडब्ल्यू ने पहले इस मामले में वर्षा मिश्रा को क्लीन चिट दे दी थी, लेकिन फरियादी अनूप यादव की गवाही ने मामले को फिर से गरमा दिया है। यादव ने न्यायालय में बताया कि ठेकेदार सुरेश यादव ने वर्षा मिश्रा को पैसे देने के लिए उसे 20 हजार रुपये दिए थे। यादव ने यह भी कहा कि ठेकेदार सुरेश यादव और उसके बीच साझेदारी थी, जिसके साक्ष्य के तौर पर एक पेन ड्राइव में संग्रहीत दस्तावेज़ कोर्ट को सौंपे गए हैं। इसमें पार्क के संधारण में लगाए गए मजदूरों और सामग्री के बिल भी शामिल हैं, जो एक रजिस्टर में दर्ज थे।
क्लीन चिट के आधार पर उठे सवाल
ईओडब्ल्यू ने अपनी खात्मा रिपोर्ट में उल्लेख किया था कि फरियादी अनूप यादव का वर्षा मिश्रा से कोई सीधा काम नहीं था, क्योंकि पार्क संधारण का ठेका सुरेश यादव के पास था। हालांकि, अनूप यादव द्वारा साझेदारी के साक्ष्य प्रस्तुत करने के बाद इस तर्क पर सवाल खड़े हो गए हैं। यादव ने जोर देकर कहा कि पार्क संधारण का पूरा खर्च उसने वहन किया था और साझेदारी के आधार पर उसे रिश्वत के मामले में कार्रवाई कराने का पूरा अधिकार है।
आगे की सुनवाई में ठेकेदार सुरेश यादव की गवाही
फरियादी की गवाही पूरी होने के बाद, अब इस मामले में ठेकेदार सुरेश यादव की गवाही होनी है। सुरेश यादव की गवाही इस मामले में एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित हो सकती है, क्योंकि फरियादी के दावों के अनुसार, वह रिश्वत के लेनदेन में सीधे तौर पर शामिल था।
रिश्वत लेते हुए पकड़ी गई थीं उपयंत्री वर्षा मिश्रा
गौरतलब है कि अनूप सिंह यादव ने 9 फरवरी 2023 को ईओडब्ल्यू में शिकायत दर्ज कराई थी कि नगर निगम की उपयंत्री वर्षा मिश्रा उससे रिश्वत की मांग कर रही हैं। यादव के पास पांच पार्कों के संधारण का ठेका था, और उनका आरोप था कि 6 लाख 70 हजार रुपये के बिल पास करने के एवज में उपयंत्री 20 हजार रुपये की रिश्वत मांग रही थीं। शिकायत के बाद ईओडब्ल्यू ने कार्रवाई करते हुए उपयंत्री वर्षा मिश्रा को नगर निगम मुख्यालय के बाहर 15 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ा था। रिश्वत की यह रकम कार के अंदर दी गई थी, जिसमें फरियादी आगे और उपयंत्री पीछे की सीट पर बैठी थीं।
यह मामला अब और भी पेचीदा हो गया है, और सुरेश यादव की गवाही के बाद ही तस्वीर साफ हो पाएगी।
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