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सांईखेड़ा पुलिस ने रात की गश्त में पकड़े संदिग्ध, पूछताछ में खुला कई जिलों में सक्रिय बड़े चोर गिरोह का राज
नरसिंहपुर : नरसिंहपुर पुलिस की ऐतिहासिक सफलता: 40 लाख की 47 बाइक के साथ शातिर अंतर्राज्यीय चोर गिरोह दबोचा, मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले की सांईखेड़ा पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए, एक ऐसे शातिर अंतर्राज्यीय बाइक चोर गिरोह का पर्दाफाश किया है, जिसने न केवल नरसिंहपुर बल्कि प्रदेश के कई अन्य जिलों में भी आतंक मचा रखा था। पुलिस ने इस गिरोह के सदस्यों की गिरफ्तारी के साथ ही, उनकी निशानदेही पर 47 चोरी की मोटरसाइकिलें बरामद की हैं, जिनकी अनुमानित कीमत 40 लाख रुपये बताई जा रही है। पुलिस की यह सफलता अपराधियों के खिलाफ एक कड़ा संदेश है और जिले में कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
गश्त के दौरान मिली पहली कामयाबी
इस बड़ी सफलता की नींव 13 सितंबर 2025 की देर रात पड़ी, जब सांईखेड़ा थाना पुलिस टीम झिकौली रोड पर अपनी नियमित गश्त पर थी। शुगर मिल के पास पुलिसकर्मियों ने दो मोटरसाइकिलों पर सवार चार संदिग्ध युवकों को आते देखा। उनकी संदिग्ध गतिविधियों और एक साथ इतनी संख्या में युवकों के देर रात सफर करने पर पुलिस को शक हुआ। पुलिस टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उन्हें रोका और पूछताछ शुरू की। प्रारंभिक पूछताछ में ही युवकों का रवैया संतोषजनक नहीं लगा, जिसके बाद उन्हें हिरासत में लेकर गहन पूछताछ के लिए थाने लाया गया।
पूछताछ में खुला राज: चार गिरफ्तार, तीन की तलाश
थाने में की गई सख्ती से पूछताछ ने अपराधियों के मंसूबों पर पानी फेर दिया। चारों युवकों ने आखिरकार बाइक चोरी की कई वारदातों को अंजाम देने की बात कबूल कर ली। पुलिस ने तत्काल उन्हें गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान संतोष कहार (निवासी रायसेन), अजब सिंह कहार (निवासी रायसेन), विजय कहार (निवासी नर्मदापुरम्) और विवेक वंशकार (निवासी करेली, नरसिंहपुर) के रूप में हुई है।
इनसे मिली जानकारी के आधार पर पुलिस को गिरोह के तीन अन्य सदस्यों के नाम भी पता चले हैं – राजा खान (नरसिंहपुर), विजय कहार (रायसेन) और रवि पटेल (नरसिंहपुर)। पुलिस इन तीनों की तलाश में जुट गई है और जल्द ही उन्हें भी पकड़ने का दावा कर रही है।
चोरी का शातिर तरीका: सार्वजनिक स्थानों को बनाते थे निशाना
यह गिरोह बेहद शातिर तरीके से अपनी वारदातों को अंजाम देता था। इनके निशाने पर मुख्य रूप से सार्वजनिक स्थान, शराब की दुकानें और शादी समारोह स्थल होते थे। इन जगहों पर अक्सर लोग अपनी मोटरसाइकिलें बिना ठीक से लॉक किए या लापरवाही से खड़ी कर देते थे। गिरोह के सदस्य इसी मौके का फायदा उठाकर पलक झपकते ही बाइक उड़ा ले जाते थे।
सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि पकड़े जाने से बचने के लिए, ये चोर चुराई गई बाइकों को तुरंत दूर-दराज के जिलों में अपने अन्य साथियों को सौंप देते थे। इससे पुलिस के लिए चोरी हुई बाइक और चोरों तक पहुंचना काफी मुश्किल हो जाता था। इस रणनीति के कारण ही यह गिरोह लंबे समय से सक्रिय था।
47 बाइक बरामद: बड़ी राहत की खबर
गिरफ्तार आरोपियों और उनके साथियों द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर, पुलिस ने नरसिंहपुर सहित विभिन्न जिलों में छापेमारी की। इस कार्रवाई के परिणामस्वरूप कुल 47 चोरी की मोटरसाइकिलें बरामद की गईं। इन बाइकों की कुल कीमत लगभग 40 लाख रुपये आंकी गई है। इतनी बड़ी संख्या में चोरी की गई बाइकों की बरामदगी से उन लोगों को बड़ी राहत मिली है, जिनकी गाड़ियाँ चोरी हो गई थीं। पुलिस अब इन बाइकों को उनके असली मालिकों तक पहुंचाने की प्रक्रिया में जुट गई है।
सांईखेड़ा पुलिस टीम की मुस्तैदी को सलाम
इस बड़ी सफलता के पीछे थाना प्रभारी सांईखेड़ा उनि प्रकाश पाठक और उनकी पूरी टीम का शानदार समन्वय और अथक प्रयास रहा। इस टीम में स.उ.नि. सतीश सिंह राजपूत, स.उ.नि. दशरथ सिंह पटेल, प्रधान आरक्षक गजराज सिंह ठाकुर, आरक्षक भास्कर पटेल, दिनेश पटेल, सुदीप बागरी, आदर्श पाठक, हिमांशु सिंह, दीपक ठाकुर, भगवान सिंह, उमेश वर्मा, शिवकुमार, हेमंत मेहरा, महिला आरक्षक नीशू रघुवंशी और कुमुद पाठक जैसे जांबाज पुलिसकर्मी शामिल थे। उनके संयुक्त प्रयासों, रात-दिन की मेहनत और त्वरित कार्रवाई ने इस बड़े गिरोह का पर्दाफाश संभव बनाया।
नागरिकों ने सराही पुलिस की कार्रवाई
स्थानीय नागरिकों ने पुलिस की इस कार्यवाही की खुले दिल से सराहना की है। लंबे समय से बढ़ रही बाइक चोरी की घटनाओं से परेशान जनता ने इस कार्रवाई को राहत भरी खबर बताया। नागरिकों का कहना है कि पुलिस की इस तरह की मुस्तैदी से अपराधियों के हौसले पस्त होंगे और जिले में कानून व्यवस्था और मजबूत बनेगी।
नरसिंहपुर पुलिस अधीक्षक ने इस सफलता पर अपनी टीम को बधाई देते हुए स्पष्ट संदेश दिया है, "यह ऑपरेशन अपराधियों के लिए साफ संदेश है - अपराध करोगे, तो जेल जाना तय है।" यह कार्रवाई जिले में अपराध मुक्त वातावरण बनाने की पुलिस की प्रतिबद्धता को दर्शाता है और जनता में पुलिस के प्रति विश्वास को और मजबूत करता है।
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