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नवरात्रि विशेष: राजनांदगांव का अद्वितीय पाताल भैरवी मंदिर - जहाँ माँ काली विराजती हैं 15 फीट नीचे जमीन में

राजनांदगांव शहर की पहचान अब सिर्फ एक सामान्य शहर के रूप में नहीं, बल्कि एक महत्वपूर्ण धार्मिक केंद्र के रूप में भी बन गई है। इसका मुख्य कारण है माँ पाताल भैरवी मंदिर, जो अपनी अनूठी संरचना और आध्यात्मिक महत्व के लिए जाना जाता है। नवरात्रि आते ही यह मंदिर भक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र बन जाता है।

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राजनांदगांव की धार्मिक पहचान – माँ पाताल भैरवी मंदिर
नवरात्रि विशेष: राजनांदगांव का अद्वितीय पाताल भैरवी मंदिर - जहाँ माँ काली विराजती हैं 15 फीट नीचे जमीन में, राजनांदगांव शहर की पहचान अब सिर्फ एक सामान्य शहर के रूप में नहीं, बल्कि एक महत्वपूर्ण धार्मिक केंद्र के रूप में भी बन गई है। इसका मुख्य कारण है माँ पाताल भैरवी मंदिर, जो अपनी अनूठी संरचना और आध्यात्मिक महत्व के लिए जाना जाता है। नवरात्रि आते ही यह मंदिर भक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र बन जाता है।

मंदिर का इतिहास और स्थापना: बाबा बर्फानी दादा की देन
इस अद्भुत मंदिर की स्थापना वर्ष 1996 में पूज्य बाबा बर्फानी दादा द्वारा की गई थी। उनका उद्देश्य राजनांदगांव को श्रद्धा और भक्ति का केंद्र बनाना था। सिद्धपीठ निर्माण का कार्य 1998 में पूरा हुआ, जिसके बाद यह मंदिर भक्तों के लिए खोल दिया गया।पाताल भैरवी मंदिर

अनोखी संरचना: तीन स्तरों में पावन प्रतिमाएँ
यह मंदिर अपनी तीन-स्तरीय संरचना के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है:

  • सबसे निचला स्तर (पाताल लोक): लगभग 15-16 फीट जमीन के नीचे, माँ पाताल भैरवी की 12 फीट ऊंची और 11 टन वजनी भव्य प्रतिमा स्थापित है। यह देवी काली का रौद्र रूप माना जाता है, जिन्हें 'पाताल भैरवी' के नाम से जाना जाता है और जिनका निवास पाताल क्षेत्र में बताया गया है।पाताल भैरवी मंदिर

  • प्रथम तल (राज राजेश्वरी): इस तल पर राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी माँ दुर्गा अपने नौ रूपों में विराजित हैं, जो भक्तों को दर्शन देती हैं।पाताल भैरवी मंदिर

  • तीसरा स्तर (शिव लोक): सबसे ऊपरी स्तर पर भगवान शिव की एक विशाल प्रतिमा और साथ ही पवित्र बारह ज्योतिर्लिंगों के प्रतिरूप भी स्थापित हैं, जो भक्तों को आध्यात्मिक शांति प्रदान करते हैं।पाताल भैरवी मंदिर

नवरात्रि में उमड़ता भक्तों का सैलाब: मनोकामना ज्योति कलश की महिमा
यह मंदिर दोनों ही नवरात्रि में लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। स्थानीय भक्तों के साथ-साथ विदेशों में रहने वाले प्रवासी भारतीय भी यहाँ मनोकामना ज्योति कलश स्थापित करवाते हैं। यह मंदिर अपनी अद्भुत ऊर्जा और दिव्य वातावरण के लिए जाना जाता है, जहाँ हर साल हजारों मनोकामना ज्योति कलश प्रज्वलित होते हैं।पाताल भैरवी मंदिर

आध्यात्मिक महत्व: माँ काली का रौद्र और कल्याणकारी रूप
यहाँ माँ पाताल भैरवी को देवी काली का रौद्र रूप माना जाता है, जो भक्तों के कष्टों को दूर करती हैं और उनकी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं। इस मंदिर की यात्रा भक्तों को एक अनूठा आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करती है।पाताल भैरवी मंदिर

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Dr. Tarachand Chandrakar

Senior Journalist & Editor, Nidar Chhattisgarh

Dr. Tarachand Chandrakar is a respected journalist with decades of experience in reporting and analysis. His deep knowledge of politics, society, and regional issues brings credibility and authority to Nidar Chhattisgarh. Known for his unbiased reporting and people-focused journalism, he ensures that readers receive accurate and trustworthy news.

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