ऑनलाइन शॉपिंग का बढ़ता चलन और खतरे
आजकल ऑनलाइन शॉपिंग करना हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन गया है। त्योहारों के मौसम में तो ऑनलाइन ऑफर्स की भरमार होती है, जो खरीदारी को और भी आसान और आकर्षक बना देती है। लेकिन, इस सुविधा के साथ-साथ एक बड़ा खतरा भी जुड़ा है – ऑनलाइन धोखाधड़ी। साइबर अपराधी लगातार नए-नए तरीकों से लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं।
धोखाधड़ी के तरीके: कैसे करते हैं साइबर ठग शिकार?
साइबर ठग अक्सर बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों की नकली वेबसाइट्स बनाते हैं, जो बिल्कुल असली जैसी दिखती हैं। वे सोशल मीडिया पर भी आकर्षक ऑफर्स और डील्स वाले मैसेज भेजते हैं। इन लुभावने ऑफर्स के झांसे में आकर लोग अपनी मेहनत की कमाई गंवा बैठते हैं।
नकली वेबसाइट्स और सोशल मीडिया ऑफर्स से सावधान
ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचें: डिजिटल युग में सुरक्षित खरीदारी के टिप्स, फर्जी वेबसाइट्स और सोशल मीडिया पर मिलने वाले शानदार ऑफर्स अक्सर एक जाल होते हैं। इन पर क्लिक करने या खरीदारी करने से आपकी निजी जानकारी और बैंक खाते का विवरण चोरी हो सकता है। इसलिए, किसी भी ऑफर पर आंख मूंदकर भरोसा न करें।
बढ़ते मामले: आंकड़ों में ऑनलाइन ठगी की भयावहता
हर साल हजारों लोग ऑनलाइन खरीदारी के दौरान धोखाधड़ी का शिकार होते हैं। साइबर ठगों ने लोगों के बैंक खातों से करोड़ों रुपये उड़ाए हैं। कई बार तो लोगों को अपनी गंवाई हुई रकम वापस भी नहीं मिल पाती।ऑनलाइन धोखाधड़ी
अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करें: बचाव के उपाय
ऑनलाइन खरीदारी करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है:
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किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें।
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ई-कॉमर्स कंपनियों के ऑफर्स और छूट वाली योजनाओं की अच्छी तरह से पड़ताल करें।
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केवल विश्वसनीय और जानी-मानी वेबसाइट्स से ही खरीदारी करें।
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संदिग्ध लगने वाली वेबसाइट्स या ऑफर्स से बचें।
तत्काल मदद: साइबर अपराध हेल्पलाइन नंबर 1930
यदि आप ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं, तो तुरंत भारत सरकार द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें। यह राष्ट्रीय साइबर अपराध हेल्पलाइन है, जो ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी की रिपोर्ट करने और आपकी खोई हुई रकम वापस दिलाने में मदद करता है।ऑनलाइन धोखाधड़ी