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पुलिस विवाद: स्कूल प्राचार्य से मारपीट और गिरफ्तारी का आरोप, भरतपुर जिले के खेड़ली मोड़ थाने पर एक बार फिर गंभीर आरोप लगे हैं। पहले हाईवे पर अवैध वसूली के लिए सुर्खियों में रहा यह थाना अब एक निजी स्कूल के प्राचार्य के साथ मारपीट और शांतिभंग के आरोप में उनकी गिरफ्तारी को लेकर विवादों में घिर गया है।
स्कूल शिक्षा परिवार का विरोध प्रदर्शन
इस घटना के विरोध में स्कूल शिक्षा परिवार ने भुसावर में एसडीएम को ज्ञापन सौंपा और प्रतीकात्मक रूप से स्कूलों की चाबियां भी दीं। इसके बाद उन्होंने जिला मुख्यालय पर पुलिस अधिकारियों से शिकायत की। इस घटना के विरोध में भुसावर, हलैना और वैर के निजी स्कूल सांकेतिक रूप से बंद रहे।
घटना का विस्तृत विवरण: 26 सितंबर 2025 की घटना
ज्ञापन में बताया गया है कि 26 सितंबर 2025 को हैप्पी मॉडर्न उच्च माध्यमिक विद्यालय, बाछरैन के प्राचार्य लवकुश शर्मा के पास खेड़ली मोड़ थाने के एसएचओ बलराम यादव ने छुट्टी के बाद एक कांस्टेबल को कुछ बच्चों की टीसी (स्थानांतरण प्रमाण पत्र) लेने के लिए भेजा। प्राचार्य ने टीसी लेने की निर्धारित प्रक्रिया पूरी करने को कहा, जिसके बाद कांस्टेबल एसएचओ से बात करके चला गया।
इसके बाद, एसएचओ ने प्राचार्य को फोन करके छुट्टी के बाद स्कूल बुलाया और एक महिला को साथ लेकर स्वयं स्कूल पहुंचे। आरोप है कि बिना फीस चुकाए महिला को टीसी दिलवा दी गई।
एसएचओ का कथित दुर्व्यवहार और गिरफ्तारी
टीसी मिलने के बाद, एसएचओ ने कथित तौर पर प्राचार्य के साथ मारपीट की और धमकाते हुए कहा, "तेरी इतनी औकात कि एक थानेदार को टीसी के लिए स्कूल आना पड़ा।" जबकि हकीकत यह थी कि इससे पहले अभिभावक ने टीसी के लिए कभी आवेदन ही नहीं किया था।
एसएचओ का गुस्सा यहीं शांत नहीं हुआ। आरोप है कि उन्होंने प्राचार्य को घसीटते हुए गाड़ी में डाला और थाने ले गए। वहां उनके साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया गया और विरोध करने पर संगीन अपराध में फंसाने की धमकी दी गई।
परिजनों और ग्रामीणों का प्रयास
घटना का पता चलने पर परिजन और ग्रामीणों ने एसएचओ से गुहार लगाई, लेकिन उनकी बात अनसुनी कर दी गई। शांतिभंग में गिरफ्तार होने के बाद ग्रामीणों ने किसी तरह प्राचार्य को छुड़वाया। इस घटना से आहत होकर प्राचार्य रात को अपने घर से बिना बताए निकल गए। अगले दिन काफी तलाश के बाद परिजन उन्हें घर लाए।
निजी स्कूल संचालकों की मांग: एसएचओ को हटाने की मांग
निजी स्कूल संचालकों ने मांग की है कि यदि तीन दिन के भीतर एसएचओ को बर्खास्त नहीं किया जाता है, तो स्कूल शिक्षा परिवार ने जिला एवं राज्य स्तर पर सभी निजी स्कूलों को बंद रखने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि यह मुहिम तब तक जारी रहेगी जब तक पीड़ित प्राचार्य को न्याय नहीं मिल जाता।
एसएचओ बलराम यादव का पक्ष
इस मामले पर एसएचओ बलराम यादव ने बताया कि जब महिला कोर्ट में 164 के बयान देने गई, तो उसने न्यायाधीश से टीसी न देने की बात कही। उन्होंने आगे कहा कि उन्हें स्कूल संचालक की ओर से टीसी न देने का लिखित में एक परिवाद मिला था, जिसके आधार पर स्कूल संचालक के खिलाफ शांतिभंग करने के आरोप में कार्रवाई की गई है।
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