रायपुर में 'स्ट्रेंजर हाउस पार्टी' का पर्दाफाश: 7 गिरफ्तार, युवाओं को लुभाने की साजिश का खुलासा

रायपुर पुलिस ने एक सुनियोजित 'स्ट्रेंजर हाउस पार्टी' के आयोजन को विफल कर दिया है। इस मामले में पार्टी आयोजकों, फार्म हाउस मालिक और डिजिटल प्रमोटरों सहित 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। यह घटना साइबर अपराध और सामाजिक सुरक्षा के नए आयामों को उजागर करती है।

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रायपुर: 'स्ट्रेंजर हाउस पार्टी' का डरावना जाल टूटा, 7 गिरफ्तार; शहर में सनसनी

रायपुर : राजधानी रायपुर में एक सुनियोजित और संभावित रूप से खतरनाक "स्ट्रेंजर हाउस पार्टी" के आयोजन से पहले ही पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। एक गुप्त ऑपरेशन में, छत्तीसगढ़ पुलिस ने इस अवैध पार्टी की पूरी साज़िश का पर्दाफाश करते हुए, इसके आयोजकों, प्रमोटरों और ठिकाना उपलब्ध कराने वाले सहित सात मुख्य आरोपियों को धर दबोचा है। यह कार्रवाई साइबर अपराध के बढ़ते दायरे और युवाओं को लक्षित करने वाली ऐसी घटनाओं के प्रति पुलिस की सतर्कता का एक महत्वपूर्ण प्रमाण है।

क्या थी 'स्ट्रेंजर हाउस पार्टी' की योजना?

पुलिस को सोशल मीडिया और अन्य गुप्त स्रोतों से 'APARICHIT CLUB PRESENT' नामक एक समूह द्वारा "RAIPUR'S BIGGEST STRANGERS HOUSE/POOL PARTY" के आयोजन की सूचना मिली थी। पोस्टर में 21 सितंबर को शाम 4 बजे से देर रात तक वीआईपी रोड के किसी फार्म हाउस/पब/पूल में इस पार्टी के आयोजन का ज़िक्र था। इन पोस्टरों में "स्ट्रेंजर हाउस पार्टी" शब्द का प्रयोग ही अपने आप में कई सवाल खड़े कर रहा था। इस तरह की पार्टियों में अक्सर अनजान लोग मिलते हैं, और कई बार ये इवेंट्स नशीले पदार्थों के सेवन या अन्य अनैतिक गतिविधियों का केंद्र बन जाते हैं, जिससे युवाओं, खासकर किशोरों की सुरक्षा को गंभीर खतरा होता है।

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पुलिस की मुस्तैदी और त्वरित कार्रवाई

सूचना मिलते ही, पुलिस ने गंभीरता से संज्ञान लिया। आईजी अमरेश मिश्रा और एसएसपी डॉ. लाल उमेद सिंह ने एण्टी क्राईम एण्ड साईबर यूनिट तथा तेलीबांधा थाना प्रभारी को तत्काल अज्ञात आरोपियों का पता लगाने और उन्हें गिरफ्तार करने का निर्देश दिया। पुलिस की साइबर विंग टीम ने तुरंत सक्रिय होकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और वेब पोर्टल्स पर प्रसारित हो रहे पार्टी से संबंधित पोस्टरों और उनसे जुड़े मोबाइल नंबरों का तकनीकी विश्लेषण किया। गहन जांच-पड़ताल और तकनीकी डेटा के आधार पर, पुलिस की संयुक्त टीम ने आरोपियों की पहचान की और उन्हें धर दबोचा।

आपराधिक धाराओं में मामला दर्ज

तेलीबांधा थाने में अपराध क्रमांक 592/25 के तहत भारतीय न्याय संहिता (पहले भारतीय दंड संहिता) की धारा 4 स्त्री अशिष्ट रूपण प्रतिषेध अधिनियम, धारा 67 आईटी एक्ट और धारा 79 के तहत मामला दर्ज किया गया है। इन धाराओं में 'स्त्री अशिष्ट रूपण प्रतिषेध अधिनियम' का शामिल होना दर्शाता है कि पुलिस को संदेह था कि इस पार्टी में महिलाओं के अनुचित चित्रण या उनसे जुड़ी किसी प्रकार की अशोभनीय गतिविधि की भी योजना थी। आईटी एक्ट की धारा 67 अश्लील सामग्री के प्रकाशन या प्रसारण से संबंधित है, जबकि धारा 79 भारतीय न्याय संहिता आपराधिक साजिश और अपराध को बढ़ावा देने से संबंधित है। यह स्पष्ट करता है कि पुलिस इस मामले को केवल एक अवैध जमावड़े के रूप में नहीं, बल्कि एक सुनियोजित आपराधिक गतिविधि के रूप में देख रही थी।

गिरफ्तार आरोपियों की भूमिकाएं और साजिश का जाल

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पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए सात आरोपियों में से प्रत्येक की इस पार्टी के आयोजन में विशिष्ट भूमिका थी। यह दर्शाता है कि यह कोई अचानक की गई योजना नहीं थी, बल्कि एक विस्तृत आपराधिक नेटवर्क का परिणाम था।

  1. संतोष जेवानी (30) और अजय महापात्रा (35): ये दोनों इस इवेंट के मुख्य आयोजक थे। इनकी भूमिका पार्टी की समग्र योजना बनाने और उसे क्रियान्वित करने की थी।

  2. संतोष गुप्ता (68): भाठागांव में 'एसएस' नाम से फार्म हाउस के मालिक संतोष गुप्ता ने इस इवेंट के लिए अपना फार्म हाउस उपलब्ध कराया था। ऐसे आयोजनों के लिए जगह उपलब्ध कराना एक गंभीर अपराध है, क्योंकि यह अवैध गतिविधियों को बढ़ावा देता है।

  3. अवनीश गंगवानी (31): अवनीश 'WHAT IS RAIPUR' नाम के अपने प्लेटफॉर्म के ज़रिए इवेंट का प्रमोशन करा रहा था। डिजिटल युग में सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और प्रमोटर ऐसी गतिविधियों को युवाओं तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, और उनकी जवाबदेही भी उतनी ही बड़ी होती है।

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    जेम्स बेक (59), दीपक सिंह (39) और देवेंद्र कुमार यादव (37): जेम्स बेक वीआईपी रोड, तेलीबांधा स्थित हाईपर क्लब का मालिक/संचालक है। दीपक सिंह और देवेंद्र कुमार यादव के साथ मिलकर वह अपने क्लब के माध्यम से इस इवेंट को प्रमोट कर रहा था। क्लबों का इस्तेमाल ऐसे अवैध आयोजनों को बढ़ावा देने के लिए करना व्यावसायिक कदाचार और आपराधिक गतिविधि दोनों है।

यह गिरफ्तारी इस बात की ओर इशारा करती है कि ऐसी पार्टियों का आयोजन सिर्फ आयोजकों तक सीमित नहीं होता, बल्कि इसमें वे लोग भी शामिल होते हैं जो इन्हें जगह, प्रचार या लॉजिस्टिक सहायता प्रदान करते हैं। पुलिस अब उन व्यक्तियों की भी जांच कर रही है जिन्होंने बैंक खातों के माध्यम से इस इवेंट के लिए पैसे ट्रांसफर कर अपनी एंट्री बुक कराई थी। यह जांच इस अवैध नेटवर्क की जड़ों तक पहुंचने में मदद करेगी और संभावित रूप से अन्य शामिल लोगों का खुलासा भी कर सकती है।

शहर में सुरक्षा और नैतिक चिंताएं

रायपुर जैसे तेजी से बढ़ते शहर में, जहां युवा आबादी का एक बड़ा हिस्सा है, ऐसी "स्ट्रेंजर हाउस पार्टी" जैसी घटनाएं गंभीर चिंता का विषय हैं। ये पार्टियां अक्सर अनियंत्रित माहौल प्रदान करती हैं जहां शराब, ड्रग्स और अन्य अनैतिक गतिविधियां आसानी से उपलब्ध हो सकती हैं। अनजान लोगों के बीच ऐसी पार्टियां यौन उत्पीड़न, लूटपाट या अन्य हिंसक अपराधों का जोखिम भी बढ़ाती हैं।

यह घटना शहर के नाइटलाइफ और मनोरंजन उद्योग पर भी सवाल उठाती है। क्लबों और फार्म हाउसों के मालिकों की यह नैतिक और कानूनी जिम्मेदारी है कि वे अपनी संपत्तियों का उपयोग अवैध गतिविधियों के लिए न होने दें। सोशल मीडिया प्रमोटर्स को भी यह समझना होगा कि वे जिस सामग्री का प्रचार कर रहे हैं, उसकी वैधता और नैतिक निहितार्थों की जांच करना उनका कर्तव्य है।

एक ज़रूरी सबक और आगे की राह

रायपुर पुलिस द्वारा की गई यह त्वरित और प्रभावी कार्रवाई न केवल शहर में कानून व्यवस्था बनाए रखने के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है, बल्कि यह भी संदेश देती है कि साइबर स्पेस में होने वाले अपराधों पर भी उनकी पैनी नज़र है। यह घटना समाज, विशेषकर अभिभावकों के लिए एक ज़रूरी सबक है कि वे अपने बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों और ऐसे आयोजनों में उनकी भागीदारी के प्रति सतर्क रहें।

भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए, पुलिस को न केवल आयोजकों पर बल्कि इन पार्टियों को बढ़ावा देने वाले ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स और ऐसे स्थानों को उपलब्ध कराने वाले प्रतिष्ठानों पर भी कड़ा शिकंजा कसना होगा। साथ ही, युवाओं को ऐसी पार्टियों के संभावित खतरों और उनसे जुड़े कानूनी परिणामों के बारे में शिक्षित करने की भी आवश्यकता है। यह गिरफ्तारी एक बड़ी सफलता है, लेकिन यह केवल शुरुआत है एक ऐसे संघर्ष की, जहाँ डिजिटल दुनिया के अंधेरे कोनों में पनपते अवैध आयोजनों पर अंकुश लगाना एक निरंतर चुनौती बनी रहेगी।

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Dr. Tarachand Chandrakar

Senior Journalist & Editor, Nidar Chhattisgarh

Dr. Tarachand Chandrakar is a respected journalist with decades of experience in reporting and analysis. His deep knowledge of politics, society, and regional issues brings credibility and authority to Nidar Chhattisgarh. Known for his unbiased reporting and people-focused journalism, he ensures that readers receive accurate and trustworthy news.

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