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18 सितंबर से रायपुर-राजिम के बीच नई मेमू ट्रेन सेवा शुरू हो रही है, जिसका उद्घाटन मुख्यमंत्री विष्णु देव साय करेंगे। यह खबर राजिम के लोगों के लिए क्या मायने रखती है, जानें इस विस्तृत रिपोर्ट में। समय सारणी, आर्थिक प्रभाव और स्थानीय लोगों की उम्मीदें।

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रायपुर-राजिम मेमू ट्रेन: 8 साल बाद लौटेगी खुशहाली, सीएम साय दिखाएंगे हरी झंडी - जानें शेड्यूल और प्रभाव
रायपुर-राजिम मेमू ट्रेन: 8 साल बाद लौटेगी खुशहाली, सीएम साय दिखाएंगे हरी झंडी - जानें शेड्यूल और प्रभाव

8 साल बाद राजिम में फिर दौड़ेगी ट्रेन, खुशियों की नई पटरी पर छत्तीसगढ़!

रायपुर : 18 सितंबर, 2024 की सुबह छत्तीसगढ़ के इतिहास में एक नया अध्याय लिखेगी। दशकों के इंतजार और लगभग आठ साल के सन्नाटे के बाद, राजधानी रायपुर को प्रसिद्ध तीर्थनगरी राजिम से जोड़ने वाली बहुप्रतीक्षित मेमू (मेनलाइन इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट) ट्रेन सेवा का शुभारंभ होने जा रहा है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय हरी झंडी दिखाकर इस ऐतिहासिक क्षण का गवाह बनेंगे, जो न केवल कनेक्टिविटी को मजबूत करेगा, बल्कि क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक ताने-बाने को भी नई ऊर्जा देगा। यह सिर्फ एक ट्रेन नहीं, बल्कि राजिम के लाखों निवासियों के लिए उम्मीदों और अवसरों का एक नया सफर है।

एक लंबा इंतजार, अब हुआ खत्म

राजिम, जिसे "छत्तीसगढ़ का प्रयाग" भी कहा जाता है, अपने पवित्र त्रिवेणी संगम और प्रसिद्ध राजीव लोचन मंदिर के लिए जाना जाता है। लाखों श्रद्धालु और पर्यटक हर साल यहां आते हैं। लेकिन पिछले लगभग आठ सालों से, इस महत्वपूर्ण स्थान से रेल सेवा निलंबित थी, जिसने स्थानीय लोगों, व्यापारियों और तीर्थयात्रियों के लिए बड़ी मुश्किलें खड़ी कर दी थीं। रेलवे ब्रॉड गेज परियोजना के तहत राजिम तक लाइन बिछाने का काम चल रहा था, जिसके कारण सेवाएं रोक दी गई थीं। इस अवधि में, स्थानीय लोगों को लंबी दूरी की यात्रा के लिए बसों या निजी वाहनों पर निर्भर रहना पड़ता था, जो समय और धन दोनों के लिहाज से महंगा साबित होता था। इस लंबे इंतजार के बाद, रेलवे प्रशासन ने आखिरकार उद्घाटन की तारीख तय कर दी है, जिससे पूरे क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गई है।

मुख्यमंत्री की हरी झंडी: एक नए युग का आगाज

यह परियोजना राज्य सरकार और रेलवे के बीच समन्वय का प्रतीक है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय स्वयं इस ऐतिहासिक अवसर पर उपस्थित रहेंगे और ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे। उनके साथ स्थानीय सांसद, विधायक और अन्य जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहेंगे, जो इस विकास यात्रा में अपनी सहभागिता दर्ज कराएंगे। यह उद्घाटन समारोह सिर्फ एक ट्रेन सेवा की शुरुआत नहीं, बल्कि क्षेत्रीय विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का भी प्रतीक है।

रेलवे अधिकारियों की समीक्षा और तैयारियां

उद्घाटन समारोह से पहले, शनिवार को अपर मंडल रेल प्रबंधक बजरंग अग्रवाल और वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक अवधेश कुमार त्रिवेदी ने राजिम स्टेशन का दौरा किया। उन्होंने आयोजन स्थल पर सुरक्षा, यात्रियों की सुविधा, मंच व्यवस्था, पार्किंग और मुख्य अतिथियों के बैठने की व्यवस्था सहित सभी तैयारियों की गहन समीक्षा की। अधिकारियों ने सुनिश्चित किया कि उद्घाटन कार्यक्रम भव्य और सुचारू रूप से संपन्न हो, और यात्रियों को भविष्य में किसी प्रकार की असुविधा न हो।

दोहरी खुशी: नई मेमू और अभनपुर लोकल का विस्तार

रेलवे ने राजिम के लिए न केवल एक नई मेमू ट्रेन शुरू की है, बल्कि अभनपुर लोकल ट्रेन का विस्तार भी राजिम तक कर दिया है। इसका मतलब है कि अब दिन में कई बार रायपुर से राजिम के लिए ट्रेन उपलब्ध होगी, जिससे यात्रियों को समय के चुनाव में अधिक लचीलापन मिलेगा। यह दोहरी सुविधा क्षेत्र के लोगों के लिए वरदान साबित होगी।

नई मेमू ट्रेन की समय सारणी:

  • रायपुर से राजिम: सुबह 4:45 बजे रायपुर से प्रस्थान, 6:20 बजे राजिम आगमन।

    • मध्यवर्ती स्टेशन: मंदिर हसौद (05:03-05:05), सी.बी.डी. पी.एच. (05:15-05:16), केंद्री (05:30-05:32), अभनपुर (05:43-05:45), माणिकचौरी पी.एच. (05:56-05:57)।

  • राजिम से रायपुर: सुबह 6:45 बजे राजिम से प्रस्थान, 8:20 बजे रायपुर आगमन।

    • मध्यवर्ती स्टेशन: माणिकचौरी पी.एच. (06:59-07:00), अभनपुर (07:13-07:15), केंद्री (07:26-07:28), सी.बी.डी. पी.एच. (07:41-07:42), मंदिर हसौद (07:53-07:55)।

अभनपुर लोकल (विस्तारित) की समय सारणी:

  • रायपुर से राजिम (ट्रेन संख्या 68760): सुबह 9:00 बजे रायपुर से प्रस्थान, 10:35 बजे राजिम आगमन।

    • मध्यवर्ती स्टेशन: मंदिर हसौद (09:18-09:20), सी.बी.डी पीएच (09:30-09:31), केंद्री (09:45-09:47), अभनपुर (09:50-10:00), माणिकचौरी पीएच (10:11-10:12)।

  • राजिम से रायपुर (ट्रेन संख्या 68761): सुबह 11:10 बजे राजिम से प्रस्थान, 12:45 बजे रायपुर आगमन।

    • मध्यवर्ती स्टेशन: माणिकचौरी पीएच (11:24-11:25), अभनपुर (11:38-11:40), केंद्री (11:51-11:53), सी.बी. डी पीएच (12:06-12:07), मंदिर हसौद (12:18-12:20)।

राजिम का महत्व और रेल कनेक्टिविटी का प्रभाव

राजिम छत्तीसगढ़ के मानचित्र पर एक अद्वितीय स्थान रखता है। यह धार्मिक महत्व के अलावा सांस्कृतिक और पर्यटन के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। ब्रॉड गेज नेटवर्क से जुड़ने के साथ, राजिम अब देश के बड़े शहरों से सीधी रेल कनेक्टिविटी प्राप्त कर लेगा। इसके कई दूरगामी परिणाम होंगे:

  • यात्रियों के लिए सुविधा: स्थानीय निवासियों, छात्रों और दैनिक यात्रियों को रायपुर और आसपास के क्षेत्रों तक पहुंचने के लिए एक तेज, सुरक्षित और किफायती विकल्प मिलेगा।

  • तीर्थाटन और पर्यटन को बढ़ावा: राजिम कुंभ और अन्य धार्मिक आयोजनों के दौरान श्रद्धालुओं का आना-जाना आसान हो जाएगा। पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को सीधा लाभ मिलेगा।

  • क्षेत्रीय व्यापार और कृषि को मजबूती: किसान अपने उत्पादों को आसानी से बड़े बाजारों तक पहुंचा सकेंगे, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी। छोटे व्यवसायी और व्यापारी भी अपनी पहुंच बढ़ा सकेंगे।

  • आर्थिक विकास: बेहतर कनेक्टिविटी से नए उद्योगों और व्यवसायों को आकर्षित किया जा सकेगा, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और क्षेत्र की आर्थिक समृद्धि होगी।

  • सामाजिक जुड़ाव: रेल सेवा से लोगों का आवागमन बढ़ेगा, जिससे सामाजिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलेगा।

स्थानीय लोगों की उम्मीदें और भविष्य की संभावनाएं

राजिम के निवासी इस दिन का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। एक स्थानीय दुकानदार, रामदीन साहू ने कहा, "ट्रेन चलने से हमारे व्यापार में निश्चित रूप से वृद्धि होगी। अब तीर्थयात्री और पर्यटक आसानी से यहां आ सकेंगे।" एक छात्र, प्रिया साहू ने बताया, "रायपुर में पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए यह बहुत बड़ी राहत है। अब रोज़ आना-जाना आसान और सस्ता हो जाएगा।"

इस रेल सेवा की शुरुआत छत्तीसगढ़ की समावेशी विकास गाथा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह दर्शाता है कि कैसे अधोसंरचनात्मक विकास दूरस्थ क्षेत्रों को मुख्यधारा से जोड़कर उनके जीवन को बेहतर बना सकता है। भविष्य में, उम्मीद है कि यह कनेक्टिविटी और बढ़ेगी, जिससे राजिम और आसपास के क्षेत्रों के लिए विकास के नए द्वार खुलेंगे।

 खुशहाली की पटरी पर राजिम

18 सितंबर का दिन वास्तव में राजिम और छत्तीसगढ़ के लिए एक ऐतिहासिक दिन होगा। यह केवल एक नई ट्रेन का उद्घाटन नहीं, बल्कि आठ साल के इंतजार, संघर्ष और उम्मीदों का परिणाम है। यह कनेक्टिविटी, विकास और प्रगति का प्रतीक है। रायपुर-राजिम मेमू ट्रेन सेवा क्षेत्र में खुशहाली लाएगी, आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देगी और "छत्तीसगढ़ के प्रयाग" को राष्ट्रीय मानचित्र पर और अधिक प्रमुखता से स्थापित करेगी। यह उन अनगिनत लोगों के लिए एक जीत है जिन्होंने इस दिन का सपना देखा था और अब उसे हकीकत बनते देखेंगे।

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