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कलेक्टर की अनूठी पहल: 90 स्कूलों में 'बाला पेंटिंग' से बदल रहा माहौल
शिक्षा में नवाचार: दीवारों से सीख रहे बच्चे, सुकमा मॉडल बना मिसाल, छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में शिक्षा के क्षेत्र में एक नई क्रांति देखने को मिल रही है। कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव की visionary सोच के तहत, जिले के 90 विद्यालयों में 'बाला (Building as Learning Aid) पेंटिंग' का कार्य जोर-शोर से चल रहा है। इस पहल का उद्देश्य स्कूलों में एक ऐसा "प्रिंट रिच" वातावरण तैयार करना है, जहाँ हर दीवार बच्चों के लिए सीखने का एक माध्यम बन जाए।
जब दीवारें बनीं ज्ञान का स्रोत: एक शैक्षिक अवलोकन
हाल ही में, जिला शिक्षा अधिकारी जीआर मंडावी ने सहायक कार्यक्रम समन्वयक आशीष राम और शिक्षार्थ टीम के साथ शाला बालक आश्रम कुड़मेलपारा का दौरा किया। उन्होंने वहाँ दीवारों पर उकेरी गई मनमोहक शैक्षणिक पेंटिंग, बहुभाषीय शिक्षा से जुड़े अंशों और बच्चों के लिए तैयार किए गए अध्ययन-अनुकूल वातावरण का गहनता से अवलोकन किया। यह देखा गया कि किस प्रकार रंग-बिरंगी तस्वीरें और अक्षर बच्चों को खेल-खेल में सीखने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।शिक्षा में नवाचार: दीवारों से सीख रहे बच्चे
बच्चों से संवाद: ज्ञान और आत्मीयता का संगम
प्राथमिक शाला कुड़मेलपारा में निरीक्षण के दौरान, श्री मंडावी ने बच्चों से बारहखड़ी और पहाड़ों पर प्रश्न पूछे। बच्चों ने जिस आत्मविश्वास और उत्साह के साथ सही उत्तर दिए, वह इस बात का प्रमाण था कि यह पहल कितनी सफल हो रही है। निरीक्षण के बाद, श्री मंडावी ने बच्चों के साथ मध्यान्ह भोजन भी किया, जिससे बच्चों के चेहरे पर खुशी और अपनेपन का भाव स्पष्ट दिखाई दिया। यह एक ऐसा पल था जिसने शिक्षा अधिकारी और बच्चों के बीच एक आत्मीय संबंध स्थापित किया।शिक्षा में नवाचार: दीवारों से सीख रहे बच्चे
कलेक्टर का मार्गदर्शन, सकारात्मक बदलाव की नींव
यह उल्लेखनीय है कि कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव ने पहले भी इस विद्यालय का दौरा किया था और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए थे। उनके मार्गदर्शन का ही परिणाम है कि आज इन स्कूलों में शिक्षा का एक सकारात्मक और प्रेरणादायक माहौल तैयार हो रहा है।शिक्षा में नवाचार: दीवारों से सीख रहे बच्चे
बैठकों और कार्यशालाओं से मजबूत हो रही शैक्षिक नींव
निरीक्षण के उपरांत, श्री मंडावी ने हायर सेकेंडरी स्कूल सुकमा में आयोजित प्राचार्य बैठक में भाग लिया, जहाँ बस्तर ओलंपिक पंजीयन और शिक्षा विभाग से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई। इसके अतिरिक्त, एफएलएन (Foundational Literacy and Numeracy) कार्यशाला में उन्होंने शिक्षकों और शिक्षार्थ के मास्टर ट्रेनर्स से संवाद कर आवश्यक जानकारियाँ प्राप्त कीं। इन बैठकों और कार्यशालाओं से शिक्षा की गुणवत्ता को और बेहतर बनाने की दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।शिक्षा में नवाचार: दीवारों से सीख रहे बच्चे
यह पहल दिखाती है कि कैसे नवाचार और प्रशासनिक प्रतिबद्धता के मेल से शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव लाए जा सकते हैं, जहाँ स्कूल की हर दीवार बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कहानी लिखती है।शिक्षा में नवाचार: दीवारों से सीख रहे बच्चे
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