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 सीतापुर: BSA-शिक्षिका विवाद में अवंतिका गुप्ता निलंबित, प्रधानाध्यापक की पत्नी ने लगाए गंभीर आरोप

सीतापुर में BSA और प्रधानाध्यापक के बीच हुए विवाद का केंद्र रहीं शिक्षिका अवंतिका गुप्ता को निलंबित कर दिया गया है। वहीं, प्रधानाध्यापक की पत्नी ने BSA पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है। जानें इस हाई-प्रोफाइल मामले के सभी पहलू।

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सीतापुर ब्रेकिंग: हाई-प्रोफाइल BSA-प्रधानाध्यापक विवाद में शिक्षिका निलंबित, अब प्रताड़ना के आरोपों से गरमाई सियासत

सीतापुर, उत्तर प्रदेश: सीतापुर का शिक्षा विभाग इन दिनों एक ऐसे विवाद के केंद्र में है जिसने पूरे जिले में हलचल मचा दी है। बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) और एक प्रधानाध्यापक के बीच छिड़ी जंग अब और तेज हो गई है, जिसमें केंद्रीय भूमिका निभा रही शिक्षिका अवंतिका गुप्ता पर आखिरकार गाज गिर गई है। उन्हें उच्चाधिकारियों के निर्देश पर निलंबित कर दिया गया है, लेकिन इस कार्रवाई के साथ ही प्रधानाध्यापक के परिवार ने BSA पर गंभीर प्रताड़ना के आरोप लगाकर मामले को नया मोड़ दे दिया है।

शिक्षिका अवंतिका गुप्ता पर गिरी निलंबन की गाज

लंबे समय से विवादों में घिरीं और BSA तथा प्रधानाध्यापक के बीच टकराव का कारण बनीं शिक्षिका अवंतिका गुप्ता को निलंबित कर दिया गया है। यह फैसला प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों के सीधे निर्देश पर लिया गया है, जो इस मामले की गंभीरता को दर्शाता है।

अवंतिका गुप्ता वही शिक्षिका हैं, जिनकी कथित अनियमित उपस्थिति को लेकर प्रधानाध्यापक बृजेंद्र वर्मा और BSA अखिलेश सिंह के बीच तकरार बढ़ गई थी। स्कूल के छात्रों ने भी कैमरे के सामने यह शिकायत की थी कि शिक्षिका अक्सर स्कूल देर से आती हैं और जल्दी चली जाती हैं, जिससे उनकी पढ़ाई प्रभावित होती है। बच्चों के इन बयानों ने भी इस मामले को और हवा दी थी। निलंबन की कार्रवाई से पहले गुरुवार सुबह ही अवंतिका गुप्ता का वेतन रोकने का आदेश भी जारी किया गया था।

निलंबन आदेश में अनुपस्थिति का विस्तृत ज़िक्र

शिक्षिका के निलंबन आदेश में उनकी अनियमितताओं का स्पष्ट उल्लेख किया गया है। आदेश में बताया गया है कि अवंतिका गुप्ता को 21 अगस्त 2025 से 20 सितंबर 2025 तक लगातार स्कूल से अनुपस्थित रहने के मामले में स्पष्टीकरण देने के लिए BSA कार्यालय में पेश होने का निर्देश दिया गया था। उन्हें 23 सितंबर को तय तिथि पर उपस्थित होकर अपना पक्ष रखना था, लेकिन शिक्षिका उस दिन कार्यालय में पेश नहीं हुईं। इसी गैर-हाजिरी और निर्देशों का पालन न करने को आधार बनाते हुए उनके खिलाफ निलंबन की यह बड़ी कार्रवाई की गई है।

प्रधानाध्यापक के परिवार ने BSA पर लगाए प्रताड़ना के गंभीर आरोप

यह विवाद केवल शिक्षिका के निलंबन तक ही सीमित नहीं रहा है। अब प्रधानाध्यापक बृजेंद्र वर्मा का परिवार भी सामने आ गया है, जिसने इस पूरे मामले में एक नया और सनसनीखेज पहलू जोड़ दिया है। बृजेंद्र वर्मा की पत्नी सीमा वर्मा ने मीडिया के सामने आकर BSA अखिलेश सिंह पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

सीमा वर्मा ने दावा किया है कि BSA अखिलेश सिंह उनके पति बृजेंद्र वर्मा पर लगातार दबाव बना रहे थे कि वे शिक्षिका अवंतिका गुप्ता की अटेंडेंस फर्जी तरीके से लगाएं, भले ही वह स्कूल में मौजूद न हों। सीमा वर्मा के अनुसार, जब उनके पति ने इस अनैतिक मांग को मानने से इनकार कर दिया, तो BSA ने उन्हें लगातार प्रताड़ित करना शुरू कर दिया।

उन्होंने बताया कि प्रताड़ना की शुरुआत उनके पति से तीन साल के स्कूल के ब्यौरे की मांग से हुई। जब उनके पति ने वह ब्यौरा उपलब्ध करा दिया, तो BSA ने दस साल का ब्यौरा मांग लिया। यह सब दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा था। सीमा वर्मा के मुताबिक, इसके बाद उनके पति को BSA ऑफिस बुलाया गया, जहां दोनों के बीच गरमागरम बहस हुई। बात इतनी बढ़ गई कि गुस्से में आकर प्रधानाध्यापक बृजेंद्र वर्मा ने कथित तौर पर BSA अखिलेश सिंह की पिटाई कर दी थी, जिसके बाद यह विवाद और गहरा गया था।

आगे क्या? जांच और कानूनी कार्यवाही का रास्ता

यह मामला अब केवल एक शिक्षिका की अनुपस्थिति का नहीं रह गया है, बल्कि इसमें उत्पीड़न, दबाव और कदाचार के गंभीर आरोप भी जुड़ गए हैं। प्रधानाध्यापक की पत्नी द्वारा लगाए गए आरोप बेहद गंभीर हैं और इनकी निष्पक्ष जांच होना अनिवार्य है।

इस पूरे प्रकरण ने सीतापुर के शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। उच्चाधिकारियों को अब न केवल शिक्षिका के निलंबन के बाद की स्थिति पर नजर रखनी होगी, बल्कि प्रधानाध्यापक के परिवार द्वारा लगाए गए आरोपों की भी गहन जांच करवानी होगी। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या इस मामले में कोई आंतरिक जांच समिति गठित की जाती है या कानूनी कार्यवाही का सहारा लिया जाता है।

स्थानीय लोग और शिक्षक समुदाय इस पूरे घटनाक्रम पर बारीकी से नजर बनाए हुए हैं। उन्हें उम्मीद है कि इस विवाद की तह तक जाया जाएगा और जो भी दोषी है, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, ताकि शिक्षा जैसे पवित्र क्षेत्र की गरिमा बनी रहे। यह मामला आने वाले दिनों में और भी कई खुलासे कर सकता है और इसकी गूंज प्रदेश के शिक्षा गलियारों में दूर तक सुनाई देगी।

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Dr. Tarachand Chandrakar

Senior Journalist & Editor, Nidar Chhattisgarh

Dr. Tarachand Chandrakar is a respected journalist with decades of experience in reporting and analysis. His deep knowledge of politics, society, and regional issues brings credibility and authority to Nidar Chhattisgarh. Known for his unbiased reporting and people-focused journalism, he ensures that readers receive accurate and trustworthy news.

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