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सितार' गुटखा मालिक गुरुमुख जुमनानी गिरफ्तार, 200 करोड़ की जीएसटी चोरी का खुलासा

चार साल से अवैध गुटखा निर्माण और टैक्स चोरी के आरोपी गुरुमुख जुमनानी को स्टेट जीएसटी ने राजनांदगांव और दुर्ग से दबोचा। हर तीन महीने में फैक्ट्री बदलने वाले जुमनानी के करोड़ों के काले कारोबार और मजदूरों को बंधक बनाने का खुलासा।

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'सितार' गुटखा किंगपिन गुरुमुख जुमनानी गिरफ्तार, चार साल से चल रहे 200 करोड़ के महा-घोटाले का भंडाफोड़

रायपुर : छत्तीसगढ़ में स्टेट जीएसटी विभाग ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 'सितार' गुटखा के मालिक गुरुमुख जुमनानी को गिरफ्तार कर लिया है। जुमनानी पर पिछले चार वर्षों से बिना पंजीयन के गुटखा का अवैध निर्माण कर बेचने और राज्य के खजाने को करोड़ों रुपये का चूना लगाने का संगीन आरोप है। यह गिरफ्तारी राजनांदगांव और दुर्ग में ताबड़तोड़ छापों के बाद हुई है, जिसने एक ऐसे गोरखधंधे का पर्दाफाश किया है जो न सिर्फ टैक्स चोरी कर रहा था, बल्कि मजदूरों के शोषण की भयावह कहानी भी बयां कर रहा है।

कौन है गुरुमुख जुमनानी और क्या है पूरा मामला?

गुरुमुख जुमनानी, जिसे स्थानीय बाजार में 'सितार' गुटखा ब्रांड से पहचाना जाता है, पिछले कई सालों से राज्य के जीएसटी अधिकारियों के लिए एक पहेली बना हुआ था। जानकारी के अनुसार, जुमनानी 2021 से ही अवैध तरीके से गुटखा का निर्माण और विक्रय कर रहा था। उसकी कार्यशैली इतनी शातिर थी कि वह हर तीन महीने में अपनी फैक्ट्री का स्थान बदल देता था, ताकि कानून की पकड़ से बच सके। कभी राजनांदगांव के मनकी और खैरागढ़ के ठेलकाडीह में, तो कभी मंदिर हसौद और भनपुरी में, जुमनानी की अवैध फैक्ट्रियां रात के अंधेरे में संचालित होती थीं, दिन के उजाले में उसका कोई नामों-निशान नहीं मिलता था।

स्टेट जीएसटी विभाग को लंबे समय से जुमनानी की गतिविधियों पर संदेह था। 25 से 27 जून के बीच, विभाग की टीमों ने राजनांदगांव और दुर्ग में जुमनानी के ठिकानों पर एक साथ छापा मारा। इन छापों में 15 ऐसी मशीनें मिलीं, जिनसे गुटखे का अवैध निर्माण किया जा रहा था। यह एक बड़ी सफलता थी, लेकिन जुमनानी आसानी से हाथ नहीं आने वाला था। छापे के बाद उसे नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए तलब किया गया, लेकिन उसने कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद, विभाग ने शिकंजा कसते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया।

200 करोड़ से अधिक की टैक्स चोरी का अनुमान, हर दिन 25 लाख का काला कारोबार

जीएसटी विभाग की शुरुआती जांच में जो आंकड़े सामने आए हैं, वे चौंकाने वाले हैं। जुमनानी कथित तौर पर रोजाना 25 लाख रुपये से अधिक के गुटखा का अवैध कारोबार करता था। इस हिसाब से प्रतिमाह उसका धंधा साढ़े सात करोड़ रुपये से भी ज्यादा का होता था। चार सालों के हिसाब से यह आंकड़ा 200 करोड़ रुपये से भी अधिक की टैक्स चोरी का अनुमान दे रहा है।

जांच अधिकारियों के अनुसार, जुमनानी ने टैक्स चोरी के लिए एक जटिल जाल बुन रखा था। उसका बेटा सागर, 'कोमल फूड' के नाम से दुर्ग में सुपारी का थोक कारोबार करता है। यह कारोबार जुमनानी के अवैध गुटखा धंधे के लिए एक आड़ के तौर पर इस्तेमाल होता था। सुपारी पर जीएसटी की दर केवल पांच प्रतिशत है, जबकि गुटखा पर 28 प्रतिशत जीएसटी और 204 प्रतिशत सेस (यदि पाउच पर कीमत प्रिंट न हो) लगता है। सागर अपने पिता को सुपारी बेचता था, जिसे बाद में गुटखा बनाने में इस्तेमाल किया जाता था। इस तरह, जुमनानी 23 प्रतिशत जीएसटी और भारी सेस की चोरी कर रहा था।

मजदूरों को बंधक बनाकर काम कराने का आरोप: एक भयावह सच्चाई

इस मामले में सिर्फ टैक्स चोरी ही नहीं, बल्कि मानवाधिकारों के हनन का भी एक गंभीर पहलू सामने आया है। जीएसटी विभाग के आरोपों के मुताबिक, गुरुमुख जुमनानी अपनी अवैध फैक्ट्रियों में स्थानीय मजदूरों की बजाय मध्यप्रदेश से मजदूर बुलाकर काम करवाता था। इन मजदूरों को फैक्ट्री से बाहर जाने की अनुमति नहीं होती थी। यह एक गंभीर आरोप है कि मजदूरों को बंधक बनाकर काम कराया जाता था, जो आधुनिक दासता का एक रूप है।

दो साल पहले, रायपुर में इसी तरह की कार्रवाई के बाद जुमनानी ने दुर्ग के नंदनी और राजनांदगांव में अपनी अवैध फैक्ट्री स्थानांतरित कर ली थी। उसकी रणनीति यह थी कि जैसे ही एक जगह कार्रवाई होती, वह मशीनों के नट बोल्ट खोलकर उन्हें रातोंरात दूसरी जगह शिफ्ट कर देता और एक नए टिन शेड के नीचे अपना अवैध धंधा फिर से शुरू कर देता। उसकी यह चतुर रणनीति अब तक उसे कानून से बचाती रही थी, लेकिन इस बार जीएसटी विभाग ने उसके सभी दांवपेचों को ध्वस्त कर दिया है।

पूर्व में भी जब्त हुआ था करोड़ों का कच्चा माल

यह पहली बार नहीं है जब जुमनानी के अवैध कारोबार पर शिकंजा कसा गया है। पिछले एक साल के भीतर, स्टेट जीएसटी की टीम ने राजनांदगांव और दुर्ग में दो अलग-अलग छापों में गुटखा बनाने का लगभग दो करोड़ रुपये का कच्चा माल जब्त किया था। खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने भी 31 मई 2023 को मंदिर हसौद और भनपुरी स्थित उसकी अवैध फैक्ट्रियों पर छापा मारा था, जिससे साफ होता है कि जुमनानी का अवैध कारोबार कई विभागों की नजर में था, लेकिन वह लगातार बच निकलने में सफल रहा था।

कानून की गिरफ्त में एक बड़ा खिलाड़ी: आगे क्या?

गुरुमुख जुमनानी की गिरफ्तारी छत्तीसगढ़ में आर्थिक अपराधों के खिलाफ एक बड़ी जीत है। यह संदेश देता है कि राज्य सरकार टैक्स चोरी और अवैध कारोबार के खिलाफ कोई ढिलाई नहीं बरतेगी। अब जुमनानी को कोर्ट में पेश किया गया है, जहां से उसे पुलिस रिमांड पर लिए जाने की संभावना है। रिमांड के दौरान उससे और भी कई खुलासे होने की उम्मीद है, जिससे इस अवैध गुटखा नेटवर्क के अन्य सहयोगियों और लाभार्थियों तक पहुंचा जा सके।

यह मामला न केवल राजस्व चोरी के बड़े पैमाने को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे कुछ unscrupulous कारोबारी अवैध गतिविधियों के लिए कमजोर और गरीब मजदूरों का शोषण करते हैं। जीएसटी विभाग और अन्य संबंधित एजेंसियों को अब इस मामले की तह तक जाना होगा, ताकि न केवल जुमनानी जैसे किंगपिन को सजा मिल सके, बल्कि भविष्य में ऐसे अपराधों को रोका भी जा सके। यह एक लंबी और जटिल कानूनी लड़ाई की शुरुआत है, लेकिन उम्मीद है कि न्याय की जीत होगी और राज्य के खजाने का नुकसान करने वालों को कड़ी सजा मिलेगी।

गुरुमुख जुमनानी की गिरफ्तारी सिर्फ एक व्यक्ति की गिरफ्तारी नहीं है, बल्कि यह छत्तीसगढ़ में फैले एक बड़े अवैध नेटवर्क के ध्वस्त होने की शुरुआत है। यह घटना दर्शाती है कि कानून की बाहें कितनी लंबी होती हैं और अंततः अपराधी कितना भी शातिर क्यों न हो, उसे अपने किए की सजा भुगतनी पड़ती है। यह कार्रवाई उन सभी लोगों के लिए एक चेतावनी है जो अवैध तरीकों से धन कमाना चाहते हैं और समाज व सरकार को धोखा देते हैं।

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Dr. Tarachand Chandrakar

Senior Journalist & Editor, Nidar Chhattisgarh

Dr. Tarachand Chandrakar is a respected journalist with decades of experience in reporting and analysis. His deep knowledge of politics, society, and regional issues brings credibility and authority to Nidar Chhattisgarh. Known for his unbiased reporting and people-focused journalism, he ensures that readers receive accurate and trustworthy news.

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