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छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है। वन विभाग ने 40,000 से अधिक तेंदूपत्ता संग्राहकों के मुखियाओं के बैंक खातों में सीधे 37 करोड़ रुपये डिजिटल माध्यम (डीबीटी) से जमा किए हैं। यह पहल संग्राहकों के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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सुकमा में तेंदूपत्ता संग्राहकों को मिला सीधा लाभ: 37 करोड़ रुपये सीधे बैंक खातों में
सुकमा में तेंदूपत्ता संग्राहकों को मिला सीधा लाभ: 37 करोड़ रुपये सीधे बैंक खातों में

सुकमा में तेंदूपत्ता संग्राहकों को मिला सीधा लाभ: 37 करोड़ रुपये सीधे बैंक खातों में, छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है। वन विभाग ने 40,000 से अधिक तेंदूपत्ता संग्राहकों के मुखियाओं के बैंक खातों में सीधे 37 करोड़ रुपये डिजिटल माध्यम (डीबीटी) से जमा किए हैं। यह पहल संग्राहकों के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

कुल 45 करोड़ का भुगतान, शेष राशि जल्द

पूरे सुकमा जिले में तेंदूपत्ता संग्रहण और संबंधित अन्य भुगतानों का कुल आंकड़ा लगभग 45 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। शेष भुगतान भी जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा, जिससे आदिवासी परिवारों को उनकी मेहनत का पूरा फल मिल सकेगा।सुकमा में तेंदूपत्ता संग्राहकों को मिला सीधा लाभ: 37 करोड़ रुपये सीधे बैंक खातों में

सहभागी शासन का बेहतरीन उदाहरण

पिछले वर्षों में तेंदूपत्ता बोनस के नकद भुगतान में भ्रष्टाचार और गड़बड़ी की शिकायतें आम थीं। इस बार, पूरी प्रणाली को डिजिटल बनाकर न केवल मुख्य भुगतान, बल्कि बुटाकटाई (छंटाई) जैसे छोटे भुगतानों को भी सीधे लाभार्थियों के खातों में जमा किया गया है। ग्राम स्तर पर पंचनामा तैयार कर ग्रामीणों की सहमति लेने से यह पहल सहभागी शासन का एक उत्कृष्ट उदाहरण बन गई है।सुकमा में तेंदूपत्ता संग्राहकों को मिला सीधा लाभ: 37 करोड़ रुपये सीधे बैंक खातों में

रिकॉर्ड समय में भुगतान और पारदर्शिता

इस अभियान के तहत 17,923 नए बैंक खाते सॉफ्टवेयर में जोड़े गए, जो पूरे राज्य में सर्वाधिक हैं। भुगतान की जानकारी प्रत्येक गांव में सार्वजनिक भवनों पर चस्पा की गई ताकि पूरी पारदर्शिता बनी रहे। इसके अतिरिक्त, फोन पे ऐप के माध्यम से 10 प्रतिशत खातों की क्रॉस-जांच की गई, जिससे भुगतान की सटीकता सुनिश्चित हुई। मात्र तीन माह की अवधि में 37 करोड़ की राशि सीधे खातों में पहुंचना नक्सल प्रभावित जिले के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि मानी जा रही है।सुकमा में तेंदूपत्ता संग्राहकों को मिला सीधा लाभ: 37 करोड़ रुपये सीधे बैंक खातों में

नक्सली फंडिंग पर बड़ा प्रहार

इस डिजिटल भुगतान व्यवस्था ने नकद लेनदेन की पुरानी प्रथा को पूरी तरह समाप्त कर दिया है। इससे एक ओर जहां भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा है, वहीं दूसरी ओर नक्सलियों की तेंदूपत्ता आधारित फंडिंग को भी गहरा झटका लगा है। यह पहल मार्च 2026 तक सुकमा को नक्सल मुक्त बनाने के लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।सुकमा में तेंदूपत्ता संग्राहकों को मिला सीधा लाभ: 37 करोड़ रुपये सीधे बैंक खातों में

आर्थिक सशक्तिकरण और शासन पर विश्वास बहाली

सुकमा के आदिवासी परिवारों के लिए तेंदूपत्ता आय का एक प्रमुख स्रोत है। सीधे खातों में राशि जमा होने से उन्हें सुरक्षित, त्वरित और पारदर्शी आय मिल रही है। इससे न केवल वित्तीय समावेशन और डिजिटल जागरूकता बढ़ी है, बल्कि सरकार और प्रशासन के प्रति उनका विश्वास भी मजबूत हुआ है। वनमंडलाधिकारी अक्षय भोसलें के अनुसार, यह पहल केवल भुगतान प्रणाली नहीं, बल्कि शासन और समाज के बीच विश्वास बहाली की दिशा में मील का पत्थर है।सुकमा में तेंदूपत्ता संग्राहकों को मिला सीधा लाभ: 37 करोड़ रुपये सीधे बैंक खातों में

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