News Blog Fact Check Press Release Jobs Event Product FAQ Local Business Lists Live Music Recipe

उदयपुर फूड फेस्टिवल में बस्तरिया स्वाद का जादू: आमट और चापड़ा चटनी ने जीता दिल

उदयपुर फूड फेस्टिवल में बस्तरिया स्वाद का जादू: आमट और चापड़ा चटनी ने जीता दिल, झीलों की नगरी उदयपुर पिछले सप्ताह बस्तरिया व्यंजनों की महक से सराबोर रही! यहां आयोजित फूड फेस्टिवल में छत्तीसगढ़ के बस्तर से आए पारंपरिक और पौष्टिक व्यंजनों ने फूड लवर्स का मन मोह लिया। आमट सब्जी, फुटु, कोदो खीर, मडिया पेज और खास चापड़ा चटनी ने सबका ध्यान खींचा।

Published on

उदयपुर फूड फेस्टिवल में बस्तरिया स्वाद का जादू: आमट और चापड़ा चटनी ने जीता दिल, झीलों की नगरी उदयपुर पिछले सप्ताह बस्तरिया व्यंजनों की महक से सराबोर रही! यहां आयोजित फूड फेस्टिवल में छत्तीसगढ़ के बस्तर से आए पारंपरिक और पौष्टिक व्यंजनों ने फूड लवर्स का मन मोह लिया। आमट सब्जी, फुटु, कोदो खीर, मडिया पेज और खास चापड़ा चटनी ने सबका ध्यान खींचा।

दंतेवाड़ा की रीना गोंदे ने बिखेरा जादू

इस खास फूड फेस्टिवल में दंतेवाड़ा की आदिवासी युवा रीना गोंदे ने छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने न सिर्फ इन लजीज व्यंजनों को परोसा, बल्कि इसकी पौष्टिकता और बनाने की विधि के बारे में भी लोगों की जिज्ञासा शांत की।

जनजातीय गौरव वर्ष: एक अनूठी पहल

यह फूड फेस्टिवल जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में 'जनजातीय गौरव वर्ष' के तहत आयोजित किया गया था। इसका उद्देश्य विभिन्न राज्यों के जनजातीय व्यंजनों और उनकी समृद्ध परंपरा को दुनिया के सामने लाना था।

छह राज्यों के जायके एक मंच पर

तीन दिवसीय इस आयोजन में राजस्थान, गोवा, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ सहित छह राज्यों के जनजातीय इलाकों के रसोइयों और उनके पारंपरिक भोजन को आमंत्रित किया गया था।

मिट्टी के बर्तन और पारंपरिक चूल्हे का कमाल

रीना गोंदे ने बताया कि वह दंतेवाड़ा से खास मिट्टी के बर्तन और कच्चा राशन लेकर उदयपुर गई थीं। फेस्टिवल में उन्होंने इन्हीं मिट्टी के बर्तनों और पारंपरिक चूल्हे की आग पर आमट की सब्जी, ढाक के पत्तों में सिका हुआ फुटु, बास्ता और महुआ के फूलों की सब्जी के साथ-साथ कोदो की खिचड़ी और खीर तैयार की। नॉन-वेज स्टॉल पर उनकी चापड़ा चटनी ने खूब वाहवाही बटोरी। फूड ब्लॉगर्स और जजों ने इन सभी व्यंजनों का स्वाद चखा और उनकी रेसिपी जानी।

मिट्टी, मिलेट और परंपरा का अद्भुत संगम

इस फेस्टिवल की खासियत यह थी कि लगभग सभी स्टॉल्स पर मिट्टी के बर्तन और मोटे अनाजों (मिलेट्स) से बने व्यंजन प्रमुखता से परोसे गए। यह दर्शाता है कि पूरे देश में जनजातीय आहार परंपराएं काफी मिलती-जुलती हैं और प्रकृति के करीब हैं।

अन्य राज्यों के खास व्यंजन

फेस्टिवल में छत्तीसगढ़ के अलावा अन्य राज्यों के व्यंजनों ने भी लोगों को खूब लुभाया:

  • महाराष्ट्र: मासवड़ी, डांगर भाकरी और कड़क माकरी

  • मध्यप्रदेश: लाल ज्वारी के लड्डू और जंगली मौसंबी भाजी

  • जम्मू-कश्मीर (गुज्जर जनजाति): कद्दू खीर

  • दादर एवं नगर हवेली: बांस का अचार

इन सभी व्यंजनों ने उदयपुर के फूड प्रेमियों को एक अविस्मरणीय अनुभव दिया और भारत की समृद्ध जनजातीय culinary विरासत को सामने लाया।

Want to engage with this content?

Like, comment, or share this article on our main website for the full experience!

Go to Main Website for Full Features

Dr. Tarachand Chandrakar

Senior Journalist & Editor, Nidar Chhattisgarh

Dr. Tarachand Chandrakar is a respected journalist with decades of experience in reporting and analysis. His deep knowledge of politics, society, and regional issues brings credibility and authority to Nidar Chhattisgarh. Known for his unbiased reporting and people-focused journalism, he ensures that readers receive accurate and trustworthy news.

More by this author →

Nidar Chhattisgarh - Latest News & UpdatesNidar Chhattisgarh is your trusted digital news platform delivering the latest updates from Chhattisgarh, India, and across the globe. Covering politics, education, jobs, technology, sports, entertainment, and health, we ensure accurate, fast, and people-first journalism.

👉 Read Full Article on Website