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उत्तर प्रदेश में होने वाले आगामी पंचायत चुनावों से पहले, मतदाता सूचियों को दुरुस्त करने का एक बड़ा अभियान शुरू हो गया है। इस बार, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर डुप्लीकेट और संदिग्ध मतदाताओं की पहचान की गई है, जिससे चुनावों में धांधली की आशंका कम होगी।

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यूपी पंचायत चुनाव 2025: AI ने पकड़े लाखों 'फर्जी' वोटर्स, अब एक नाम दो जगह नहीं!
यूपी पंचायत चुनाव 2025: AI ने पकड़े लाखों 'फर्जी' वोटर्स, अब एक नाम दो जगह नहीं!

यूपी पंचायत चुनाव 2025: AI ने पकड़े लाखों 'फर्जी' वोटर्स, अब एक नाम दो जगह नहीं! उत्तर प्रदेश में होने वाले आगामी पंचायत चुनावों से पहले, मतदाता सूचियों को दुरुस्त करने का एक बड़ा अभियान शुरू हो गया है। इस बार, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर डुप्लीकेट और संदिग्ध मतदाताओं की पहचान की गई है, जिससे चुनावों में धांधली की आशंका कम होगी।

AI का कमाल: कैसे पकड़े गए 'फर्जी' मतदाता?

राज्य निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूचियों में पारदर्शिता लाने के लिए AI तकनीक का सहारा लिया। AI टूल ने पूरे उत्तर प्रदेश की लगभग 12 करोड़ मतदाताओं की सूची का विश्लेषण किया। इस विश्लेषण में उन नामों को चिह्नित किया गया, जिनमें नाम और पिता के नाम में 80% से अधिक समानता पाई गई। यूपी पंचायत चुनाव 2025: AI ने पकड़े लाखों 'फर्जी' वोटर्स, अब एक नाम दो जगह नहीं!

ऐसा भी सामने आया कि कुछ लोगों ने एक ही नाम को अलग-अलग ग्राम पंचायतों में दर्ज कराने के लिए उपनाम, उम्र या लिंग में छोटे-मोटे बदलाव किए थे। AI ने ऐसे सभी संदिग्ध मामलों को उजागर किया है।यूपी पंचायत चुनाव 2025: AI ने पकड़े लाखों 'फर्जी' वोटर्स, अब एक नाम दो जगह नहीं!

सवा करोड़ नाम हो सकते हैं कम: बिहार मॉडल पर सत्यापन

इस व्यापक अभियान के बाद माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश की मतदाता सूची से लगभग सवा करोड़ डुप्लीकेट नाम हटाए जा सकते हैं। यह प्रक्रिया बिहार में अपनाए गए सफल मॉडल पर आधारित है, जहां चरणबद्ध तरीके से सत्यापन का काम किया गया था।यूपी पंचायत चुनाव 2025: AI ने पकड़े लाखों 'फर्जी' वोटर्स, अब एक नाम दो जगह नहीं!

घर-घर जाकर होगा सत्यापन: आधार कार्ड से पहचान की पुष्टि

AI द्वारा चिह्नित किए गए संदिग्ध मतदाताओं के नामों का अब बूथ लेवल अधिकारी (BLO) घर-घर जाकर भौतिक सत्यापन करेंगे। इस प्रक्रिया में मतदाताओं के आधार कार्ड की जांच भी की जाएगी, ताकि पहचान की पुष्टि हो सके। यदि किसी व्यक्ति का नाम एक से अधिक ग्राम पंचायत की सूची में पाया जाता है, तो उसे हटा दिया जाएगा।यूपी पंचायत चुनाव 2025: AI ने पकड़े लाखों 'फर्जी' वोटर्स, अब एक नाम दो जगह नहीं!

29 सितंबर डेडलाइन: पारदर्शिता की दिशा में अहम कदम

राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिलाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि डुप्लीकेट नामों की पहचान और उन्हें हटाने की यह पूरी प्रक्रिया 29 सितंबर तक पूरी कर ली जाए। यह अभियान पंचायत चुनावों में निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।यूपी पंचायत चुनाव 2025: AI ने पकड़े लाखों 'फर्जी' वोटर्स, अब एक नाम दो जगह नहीं!

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